आनंद मोहन को मुक्ति मिलनी चाहिए, सुशील मोदी ने उठाई रिहाई की मांग
पटना (TBN – The Bihar Now डेस्क)| बिहार के पूर्व उप-मुख्यमंत्री व बीजेपी के राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने सोमवार को फिर से एक बड़ा राजनीतिक पासा फेंका है. उन्होंने पूर्व सांसद आनन्द मोहन सिंह को रिहा करने की कवायत की है.
सोमवार को एक के बाद एक कई ट्वीट करते हुए मोदी ने आनंद मोहन की रिहाई की मांग रखी. एक में उन्होंने लिखा, “आनंद मोहन जब 14 साल से अधिक की सजा काट चुके हैं और बंदी के रूप में उनका आचरण भी अच्छा रहा है. उन्हें रियायत देकर रिहा करने के कानूनी विकल्पों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार किया जाना चाहिए. राजीव हत्याकांड के दोषी बरी हो सकते है तो आनंद मोहन क्यों नही?”
वहीं दूसरे ट्वीट में मोदी ने लिखा, “आनंद मोहन एनडीए के पुराने साथी रहे. उन्होंने नीतीश कुमार के साथ मिल कर चुनाव लड़ा था. यह दुर्भाग्यपूर्ण घटना आनंद मोहन जी के जीवन और परिवार पर बहुत भारी पड़ी. उन्हें मुक्ति मिलनी चाहिए ताकि वे सार्वजनिक जीवन में योगदान कर सके“.
मोदी ने नीतीश सरकार से मांग की कि वह आनंद मोहन की रिहाई के लिए पहल करे. उन्होंने कहा कि राजीव हत्याकांड के दोषी बरी हो सकते हैं, तो आनंद मोहन क्यों नहीं? यद्यपि कृष्णैया हत्याकांड में भीड़ को उकसाने या हत्या के अपराध में आनंद मोहन सीधे तौर पर दोषी नहीं थे, फिर भी उन्हें उम्र कैद की सजा हुई. सुप्रीम कोर्ट ने भी उनकी सजा को बरकरार रखा था. इस कांड में सीधे तौर पर उनकी कोई भूमिका नहीं थी.
इस तरह सुशील मोदी ने आनंद मोहन की रिहाई को उछालते हुए एक बार फिर राजपूत समाज को साधने की कोशिश की है. सवर्णों में राजपूत जाति के बड़े नेता हैं आनंद मोहन सिंह और उन्हें रिहा करने की मांग उठाकर पार्टी की कोर वोटर माने जाने वाली राजपूत वोटों को बरकरार रखने की कोशिश कर रही है बीजेपी.
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बता दें, आनंद मोहन फिलहाल अपनी बेटी की शादी को लेकर पेरोल पर बाहर हैं. इस शादी में राज्य कर लगभग सभी राजनीतिक दलों के नेताओं ने भाग लिया है. अपनी बेटी की सगाई में आनंद मोहन पूरी सजा के दौरान पहली बार पेरौल पर बाहर आए थे. उनकी बेटी की सगाई के मौके पर महागठबंधन के साथ बीजेपी और दूसरे दलों के नेता भी पहुंचे थे. इस दौरान कभी उनके कट्टर दुश्मन कहे जाने वाले पप्पू यादव भी वहां पहुंचे थे. दोनों इस मौके पर एक-दूसरे से गले भी मिले थे.
इधर, कुछ पिछले जनवरी महीने में राजपूतों द्वारा महाराणा प्रताप सिंह जयंती के अवसर पर राजधानी पटना के मिलर स्कूल ग्राउन्ड पर आयोजित एक कार्यक्रम में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इशारों में आनंद मोहन की जल्द रिहाई के संकेत दिए थे. माना जा रहा था कि उन्हें गणतंत्र दिवस पर रिहा किया जा सकता है लेकिन ऐसा नहीं हुआ.