अमेरिका का भारत को नया निर्देश, कहा रूस से हथियार खरीदना बंद करे…
नई दिल्ली / वॉशिंगटन (The Bihar Now डेस्क)| डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) का प्रशासन लगातार भारत (Bharat) पर दबाव बनाने की कोशिश कर रहा है. अब अमेरिका ने भारत से रूस (Russia) से हथियारों की खरीद रोकने का निर्देश दिया है. इसके साथ ही, अमेरिका ने टैरिफ को लेकर भी भारत पर सवाल उठाए हैं और ब्रिक्स (BRICS) में भारत की भागीदारी को दोनों देशों के रिश्तों में संभावित बाधा बताया है.
ऐसा माना जा रहा था कि ट्रंप प्रशासन भारत के साथ सहयोग बढ़ाएगा, लेकिन इसके उलट, वह दिल्ली पर दबाव डालने में जुटा है. इसका असर भारत-अमेरिका संबंधों में तनाव के रूप में देखा जा सकता है.
शुक्रवार को इंडिया टुडे कॉन्क्लेव में अमेरिकी वाणिज्य सचिव हॉवर्ड लुटनिक ने कहा कि भारत पारंपरिक रूप से अपनी सैन्य क्षमताओं का एक बड़ा हिस्सा रूस से प्राप्त करता रहा है, लेकिन अमेरिका चाहता है कि भारत इस पर रोक लगाए.
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उन्होंने यह भी कहा कि ब्रिक्स संगठन, जिसमें भारत एक प्रमुख सदस्य है, ऐसी मुद्रा विकसित करने की कोशिश कर रहा है जो डॉलर का विकल्प हो. अमेरिका को यह स्वीकार्य नहीं है और इसे भारत-अमेरिका संबंधों के लिए चुनौती के रूप में देखा जा रहा है.
अमेरिका का भारत पर बढ़ता दबाव
लुटनिक ने भारत में अमेरिकी उत्पादों पर लगने वाले टैरिफ का मुद्दा उठाया और निष्पक्ष व्यापार की बात कही. ट्रंप प्रशासन चाहता है कि भारत-अमेरिका व्यापार घाटा कम हो और इसके लिए भारत को अमेरिकी हथियार खरीदने पर मजबूर किया जा रहा है. ट्रंप ने ब्रिक्स द्वारा डॉलर के विकल्प पर विचार करने की भी आलोचना की है.
ट्रंप प्रशासन भारत को एफ-35 लड़ाकू विमान खरीदने का प्रस्ताव पहले ही दे चुका है, जबकि रूस भी भारत को अपने आधुनिक एसयू-57 फाइटर जेट की पेशकश कर रहा है. अमेरिका को डर है कि भारत रूसी हथियारों को प्राथमिकता दे सकता है. इससे पहले, जब भारत ने रूस से एस-400 मिसाइल रक्षा प्रणाली खरीदी थी, तब भी अमेरिका ने नाराजगी जताई थी, लेकिन भारत ने इसे नजरअंदाज कर दिया था. ट्रंप जानते हैं कि भारत अगर कोई निर्णय ले लेता है, तो वह अपने हितों से समझौता नहीं करता.
जनवरी में ट्रंप ने प्रधानमंत्री मोदी के साथ टेलीफोन पर हुई बातचीत में इस मुद्दे को उठाया था. इसके अलावा, जब मोदी अमेरिका दौरे पर गए थे, तब ट्रंप ने भारत पर एफ-35 खरीदने के लिए दबाव डाला था. अमेरिका ने यहां तक कह दिया कि वह भारत को यह लड़ाकू विमान देने पर विचार कर रहा है. इस दौरान भारत ने 6 अतिरिक्त पी-8आई निगरानी विमान खरीदने का भी समझौता किया और कई रक्षा परियोजनाओं पर चर्चा हुई.
ब्रिक्स की मुद्रा नीति पर अमेरिका की चिंता
अमेरिका को यह आशंका है कि अगर ब्रिक्स देश किसी नई मुद्रा को अपनाने पर सहमत हो जाते हैं, तो वैश्विक व्यापार में डॉलर का वर्चस्व घट सकता है. इससे अमेरिका की आर्थिक ताकत प्रभावित होगी और उसे मिलने वाले फायदे कम हो जाएंगे. हालांकि, भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने स्पष्ट किया है कि फिलहाल ब्रिक्स के अंदर इस तरह की कोई योजना नहीं है.
ब्रिक्स में भारत के अलावा रूस, चीन, ब्राजील, दक्षिण अफ्रीका, इथियोपिया, संयुक्त अरब अमीरात, मिस्र, ईरान और इंडोनेशिया शामिल हैं. ये सभी विकासशील देश हैं और विश्व व्यापार का बड़ा हिस्सा नियंत्रित करते हैं.
ट्रंप प्रशासन भारत-अमेरिका व्यापार असंतुलन को लेकर भी सख्त रुख अपना रहा है. वित्तीय वर्ष 2023-24 में भारत ने अमेरिका को 77 बिलियन डॉलर मूल्य का निर्यात किया, जबकि अमेरिका से केवल 42.1 बिलियन डॉलर का आयात किया. यह व्यापार घाटा ट्रंप के लिए चिंता का विषय है. उन्होंने पहले ही कनाडा, चीन और मैक्सिको के खिलाफ टैरिफ बढ़ाने की घोषणा कर दी थी और अब भारत पर भी पारस्परिक टैरिफ लागू किया जा रहा है, जो 2 अप्रैल से प्रभावी होगा.
हालांकि, इससे भारत में अमेरिकी सामान सस्ते हो सकते हैं, लेकिन सरकार को मिलने वाले राजस्व पर इसका असर पड़ सकता है. अमेरिका के इन कदमों से साफ है कि आने वाले समय में भारत-अमेरिका संबंधों में तनाव बना रह सकता है.