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आलोक कुमार मेहता नए शिक्षा मंत्री, केके पाठक पड़े पूर्व मंत्री पर भारी

पटना (TBN – The Bihar Now डेस्क)| नीतीश सरकार ने शनिवार को मंत्रिमंडल में हेरफेर करते हुए आलोक कुमार मेहता को शिक्षा मंत्री बना दिया है जबकि चंद्रशेखर, जो पहले शिक्षा मंत्री थे, को गन्ना उद्योग मंत्रालय सौंपा गया है. वहीं, ललित कुमार यादव को लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग के साथ राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग का भी प्रभार दिया गया है. इस घटनाक्रम ने एक और संदेश दे दिया है कि नीतीश कुमार ही असली ‘बॉस’ हैं और सरकार में उन्हीं की चलेगी.

बता दें, पूर्व शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर जितना दिन रहे, उनका विवादों से रिश्ता ज्यादा रहा. कभी अपने बयानों की वजह से तो कभी अफसरों को लेकर की गई अपनी टिप्पणियों से. हाल के दिनों में शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक से उनकी बिल्कुल नहीं बन रही थी. ऐसे में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अफसर को नहीं हटाया बल्कि मंत्री को ही बदल दिया.

लंबी छुट्टी पर गए शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक शुक्रवार को वापस लौट आए और अपना पदभार ग्रहण कर लिया. उन्हें सीएम नीतीश के बेहद करीबी अधिकारियों में से एक माना जाता है. एक तरह से देखा जाए तो पूर्व शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर पर केके पाठक भारी पड़ गये हैं. अपने फैसलों की वजह से केके पाठक बिहार में सुर्खियों में रहते हैं.

बता दें कि बिहार में राजनीतिक घमासान चल रहा है. मंत्रियों की जिम्मेदारी में बदलाव से पहले नीतीश कुमार ने पार्टी की नई टीम की भी घोषणा की. इस टीम में ललन सिंह को जगह नहीं मिली है. केसी त्यागी को अहम जिम्मेदारियां सौंपी गईं. इस टीम में पुराने नेताओं को तरजीह दी गई है. पूर्व प्रदेश अध्यक्ष नारायण सिंह को जेडीयू का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाया गया है.

केके पाठक कड़क ऑफिसर

बता दें, 1990 बैच के आईएएस ऑफिसर केके पाठक काफी कड़क मिजाज के हैं. वे ईमानदार व नियम-कानून के पक्के हैं. उन्होंने जब से शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव की जिम्मेदारी संभाली है, विभाग और जिला शिक्षा कार्यालयों पर नकेल कसनी शुरू कर दी. कई नेताओं की तरह पूर्व शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर को केके पाठक के ये कदम सही नहीं लगे. इस कारण विवाद शुरू हो गया.