बिहार कैबिनेट में विभागों का आवंटन; नीतीश ने गृह रखा अपने पास, भाजपा को वित्त, स्वास्थ्य
पटना (TBN – The Bihar Now डेस्क)| बिहार के नए मंत्रिमंडल में शनिवार को विभागों का आवंटन (Portfolios allocated in Bihar Cabinet) किया गया, जिसमें मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) ने महत्वपूर्ण गृह विभाग (Home Department) अपने पास रखा है, जबकि वित्त विभाग, जो उनकी पार्टी जद(यू) के पास था, को नए सहयोगी भाजपा को दे दिया है.
एक आधिकारिक अधिसूचना के अनुसार, गृह विभाग, जो सीएम को राज्य पुलिस पर नियंत्रण बनाए रखने में मदद करता है, के अलावा नीतीश ने कैबिनेट सचिवालय, चुनाव, सतर्कता, सामान्य प्रशासन और “किसी अन्य को आवंटित नहीं किए गए अन्य सभी विभाग” जैसे प्रमुख विभाग भी अपने पास रखे हैं.
उपमुख्यमंत्री व राज्य भाजपा प्रमुख सम्राट चौधरी (Deputy CM Samrat Choudhary) को वित्त विभाग मिला है. बता दें, वित्त एक ऐसा विभाग है जो हमेशा से उनकी पार्टी के पास रहा है. इससे पहले, जब नीतीश कुमार ‘महागठबंधन’ के साथ सरकार चला रहे थे, जिसमें कांग्रेस, राजद शामिल थे, तब स्वास्थ्य, वित्त विभाग जद (यू) के पास था.
वित्त के अलावा, सम्राट चौधरी को स्वास्थ्य विभाग दिया गया है. स्वास्थ्य विभाग को भाजपा ने बिहार में सत्ता साझा करते समय अपने पास रखा है. इसके अलावा, उन्हें वाणिज्यिक कर, शहरी विकास और आवास, खेल, पंचायती राज, पशुपालन और मत्स्य पालन और कानून दिया गया है.
विजय कुमार सिन्हा, जो डिप्टी सीएम (Deputy CM Vijay Kumar Sinha) भी हैं, को कृषि, सड़क निर्माण, राजस्व और भूमि सुधार, खनन और भूविज्ञान, गन्ना, श्रम संसाधन, कला, संस्कृति और युवा मामले, लघु जल संसाधन और सार्वजनिक स्वास्थ्य इंजीनियरिंग दिया गया है.
वरिष्ठ भाजपा नेता प्रेम कुमार, जो पिछले रविवार को गठित नौ सदस्यीय मंत्रिमंडल में शामिल होने वाले केवल तीसरे भाजपा नेता हैं, उन्हें सहकारिता, ओबीसी और अत्यंत पिछड़ा वर्ग कल्याण, आपदा प्रबंधन, पर्यटन और पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन विभाग मिला है.
जदयू नेता विजय कुमार चौधरी को जल संसाधन, परिवहन, भवन निर्माण, शिक्षा एवं सूचना एवं लोक संसाधन विभाग के अलावा संसदीय कार्य विभाग भी दिया गया है.
अनुभवी जद (यू) नेता बिजेंद्र यादव, जिन्हें नीतीश कुमार अक्सर राज्य में बिजली क्षेत्र में बदलाव के लिए श्रेय देते हैं, ने उत्पाद शुल्क और निषेध, योजना और विकास, ग्रामीण कार्य और अल्पसंख्यक कल्याण के अलावा विभाग को बरकरार रखा है.
जद (यू) नेता श्रवण कुमार को सामाजिक कल्याण और खाद्य एवं उपभोक्ता मामले मिलने के अलावा ग्रामीण कल्याण भी मिला है.
हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के संतोष कुमार सुमन को एससी और एसटी कल्याण और सूचना प्रौद्योगिकी विभाग मिला है.
निर्दलीय विधायक सुमित कुमार सिंह, जो पिछले चार वर्षों में कई बदलावों के दौरान सीएम के प्रति वफादार रहे हैं, ने विज्ञान, प्रौद्योगिकी और तकनीकी शिक्षा को बरकरार रखा है.