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कृषि मंत्री ने की बजट की प्रशंसा, विपक्ष ने बताया किसान विरोधी

नई दिल्ली (TBN – The Bihar Now डेस्क)| सोमवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को “इतने अच्छे बजट” के लिए बधाई दी, जब​​कि कई विपक्षी दलों ने इसे “किसान विरोधी” करार दिया.

नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा, “इस बजट ने किसानों को ऋण प्रदान करने के लिए 16.5 लाख करोड़ रुपये निर्धारित किए हैं. कृषि उपज बाजार समिति (APMC) बेहतर बुनियादी ढांचे के साथ खुद को मजबूत बनाने में सक्षम होगी. एपीएमसी को 1 लाख रुपये के बुनियादी ढाँचे में शामिल किया गया है.”

तोमर ने कहा, “पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत सरकार किसानों के हित में काम करने के लिए प्रतिबद्ध है. हर साल फोकस केवल बजट आवंटन में वृद्धि पर ही नहीं होता है, बल्कि योजनाओं के कार्यान्वयन पर भी होता है.”

उन्होंने राजनीतिक दलों से हर बार राजनीति में शामिल न होने की अपील भी की. कृषि कानून मंत्री ने कहा कि जो लोग हर मामले पर राजनीति करते हैं, उनका हश्र विरोधी दलों के जैसा होता हैं.

केंद्रीय बजट में कृषि और संबद्ध गतिविधियों वाले क्षेत्र के लिए 2.83 लाख करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है. वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा कि सरकार किसानों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है. सुनिश्चित कीमत उपलब्ध कराने के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) व्यवस्था में व्यापक बदलाव हुआ है, जो सभी कमोडिटीज के लिए लागत की तुलना में कम से कम डेढ़ गुना हो गया है. खरीद एक निश्चित गति से निरंतर बढ़ रही है. इसके परिणाम स्वरूप किसानों को भुगतान में भी बढ़ोतरी हुई है.

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कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने भी बजट की सराहना करते हुए कहा कि इससे सभी वर्गों के लोगों को लाभ मिलेगा और कृषि सेक्टर के लिए आवंटन यूपीए सरकार के समय की तुलना में बहुत अधिक है.

कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने बजट की आलोचना करते हुए कहा कि “सरकार ने अपने आंकड़ों के आधार पर कह रही है कि किसान खुश हैं. लेकिन फिर भी किसान विरोध पर बैठे हैं. किसान जानते हैं कि उन्हें अपनी उपज के बदले उचित मूल्य नहीं मिलते हैं. किसान नाराज हैं क्योंकि जीडीपी में उनका योगदान केवल 16 प्रतिशत है जबकि वे अपने देश की 40 प्रतिशत आबादी की मदद करते हैं. यह सीधा बताता है कि किसानों को कुछ नहीं मिला है.”

ममता बनर्जी ने बजट पर राहुल गांधी का किया समर्थन

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी केंद्रीय बजट 2021 को किसान विरोधी बताने के लिए विपक्ष के नेता राहुल गांधी के साथ शामिल हुईं. उन्होंने बजट को ‘जन-विरोधी’ और ‘देश-विरोधी’ भी करार दिया. उन्होंने कहा, “वे हमेशा गलत बयान देते हैं. भारत के पहला पेपरलेस बजट ने लगभग हर क्षेत्र को बेच दिया है. बजट में असंगठित क्षेत्र के लिए कुछ भी नहीं है,”. उन्होंने कहा कि चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है क्योंकि मा, माटी, मानुष (टीएमसी) सरकार के रूप में फिर से वापस सत्ता में आ रही है. भाजपा एक गैस गुब्बारा है.”

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दूसरी ओर, भारतीय जनता पार्टी के नेता किरेन रिजिजू ने यह कहते हुए इसका विरोध किया कि “यह कृषि क्षेत्र और बुनियादी ढाँचे के लिए एक ऐतिहासिक बजट है, जो कि महामारी के समय भी पेश किया गया है. जो लोग बजट का विरोध कर रहे हैं, वे अपनी राजनीति के लिए ऐसा कर रहे हैं.” उन्होंने कहा कि इस बजट के माध्यम से हम सब आत्मनिर्भर भारत बनने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं.

समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव ने यह कहा

बजट में कृषि क्षेत्र के लिए की गई घोषणाओं पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए, समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव ने कहा, “भाजपा स्पष्ट रूप से इसे एक अच्छा बजट कहेगी क्योंकि वे सरकार में हैं. हालांकि, उन्हें देखना चाहिए कि देश भर में किसान आंदोलन कर रहे हैं. इस बजट ने इन किसानों को क्या दिया है? बीजेपी कहती थी कि वे किसानों की आय को दोगुना कर देंगे. क्या यह बजट ऐसा कर रहा है? हमारी अर्थव्यवस्था भी विमुद्रीकरण, जीएसटी और महामारी के बाद से लगातार नीचे जा रही है. बजट में बाजार में मांग पैदा करने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए था.’

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इस बीच शिरोमणि अकाली दल (SAD) के नेताओं ने तीन विवादास्पद कृषि कानूनों के खिलाफ संसद के बाहर विरोध प्रदर्शन किया. उन्होंने पोस्टर लेकर प्रदर्शन किया जिसमें लिखा था कि “सभी तीन काले कानूनों को निरस्त करो”.

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को केंद्रीय बजट 2021-22 में कृषि उत्पादन के संरक्षण और बुनियादी ढांचे में सुधार के लिए एक कृषि अवसंरचना और विकास उपकर [Agricultural Infrastructure and Development Cess (AIDC)] की घोषणा की.

वित्त मंत्री ने ग्रामीण अवसंरचना विकास निधि (Rural Infrastructure Development Fund) को 30,000 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 40,000 करोड़ रुपये करने की भी घोषणा की. उन्होंने आगे माइक्रो इरीगेशन फंड को 5,000 करोड़ रुपये बढ़ाकर दोगुना करने का प्रस्ताव रखा, जिसकी शुरुआत 5,000 करोड़ रुपये (नेशनल बैंक फॉर एग्रीकल्चर एंड रूरल डेवलपमेंट) नाबार्ड के तहत हुई थी.

कृषि और संबद्ध उत्पादों और उनके निर्यात में मूल्यवर्धन को बढ़ावा देने के लिए, सीतारमण ने ‘ऑपरेशन ग्रीन स्कीम’ (Operation Green Scheme) का दायरा बढ़ाने का भी प्रस्ताव रखा. अभी यह स्कीम टमाटर, प्याज और आलू (TOPS) पर लागू होता है, जिसमें 22 अन्य जल्द खराब होनेवाले उत्पादों को सम्मिलित करने का प्रस्ताव है.