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बिहार में जल्द दिखेगा नया राजनीतिक विकल्प, हो रही जमीनी तैयारी

पटना (TBN – The Bihar Now डेस्क)| बिहार बड़े राजनीति बदलाव की ओर बढ़ रहा है. राज्य में एक मजबूत विपक्ष और एक नए राजनीतिक विकल्प के लिए राज्य के 5000 से ज्यादा ईमानदार, स्वच्छ छवि के बुद्धिजीवी, समाजसेवी और पत्रकार एक बड़े राजनीतिक दल के गठन की तैयारी में है.

इसी सिलसिले में मंगलवार को पटना के रूकनपुरा स्थित दलित विकास समिति भवन (Dalit Development Committee building at Rukanpura, Patna) में नई पार्टी ‘समता सदभाव दल’ (new political party Samta Sadbhav Dal) की घोषणापत्र के लिए दो दिवसीय चिंतन शिविर (two day meditation camp) का आयोजित किया गया है. इस चिंतन शिविर में राज्य के जाने माने बुद्धिजीवियों, समाजसेवियों और समता सदभाव दल के जमीनी कार्यकर्ता भाग ले रहे हैं.

चिंतन शिविर में सूबे बिहार के अनेक जिलों से आए सामाजिक, राजनैतिक कार्यकर्ताओं ने नई राजनीतिक दल के मेनिफेस्टो पर सुझाव दिए तो वहीं पार्टी के कार्यक्रमों पर भी चर्चा की गई. इस पार्टी की ओर से यह तय हुआ कि मार्च महीने में ही पटना में एख बड़ा सम्मेलन आयोजित किया जाएगा.

गौरतलब है कि 1974 आन्दोलन के समय से सक्रिय रहे जेपी सेनानियों के साथ बड़ी संख्या में सामाजिक और राजनीतिक कार्यकर्ता इस दल में शामिल हो रहे हैं. समता सदभाव दल के नेताओं ने बताया कि मौजूदा सरकार ठेकेदारों और बिचौलियों की सरकार बनकर रह गई है. विपक्ष भी सरकार का विरोध सिर्फ इसलिए करती है कि उसे भी ठेकेदारी करने का मौका मिल जाए.

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सबने कहा कि राज्य में रोजगार, खेतीबारी का विकास, शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में विकास के बारे में चिंता किसी भी राजनीतिक दल को नहीं है. ऐसे में सूबे में एक मजबूत विपक्ष और एक मजबूत राजनीतिक विकल्प की बड़ी आवश्यकता है. 1974 के जेपी आन्दोलन के सेनानियों और सक्रिय सामाजिक कार्यकर्ताओ, बुद्धिजीवियों, पत्रकारों और जमीनी स्तर पर ईमानदारी से काम कर रहे कार्यकर्ताओं ने इसी आवश्यकता को देखते हुए नए राजनीतिक दल के गठन की ओर कदम बढ़ाया है.

इस बारे में समता सदभाव दल के चक्रवर्ती अशोक प्रियदर्शी (Chakravarti Ashok Priyadarshi) ने यह कहा –