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डूबने की घटनाओं को रोकने के लिए पटना में शुरू हुआ मास्टर ट्रेनर्स का प्रशिक्षण

> मधेपुरा के 39 प्रतिभागियों ने पास की तैराकी परीक्षा, 9 दिवसीय प्रशिक्षण में सीखेंगे जीवन रक्षा के गुर
> समुदाय को जागरूक करने और बच्चों को तैराकी सिखाने की जिम्मेदारी संभालेंगे मास्टर ट्रेनर्स

पटना (The Bihar Now डेस्क)| डूबने की घटनाओं को रोकने के लिए एक अभिनव और जीवन रक्षक पहल के तहत बिहार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (BSDMA) ने अपने महत्वाकांक्षी ‘सुरक्षित तैराकी कार्यक्रम’ के अंतर्गत आज पटना के राष्ट्रीय अंतर्देशीय नौवहन संस्थान (NINI) में मास्टर ट्रेनर्स के 32वें बैच के प्रशिक्षण का शानदार शुभारंभ किया.

यह कार्यक्रम न केवल डूबने की घटनाओं को कम करने की दिशा में एक मील का पत्थर साबित होगा, बल्कि समाज में जागरूकता और सुरक्षा के नए आयाम स्थापित करेगा.

इस बैच में मधेपुरा जिले के आलमनगर, सिंहेश्वर, चौसा, उदाकिशुनगंज, मधेपुरा सदर और शंकरपुर प्रखंडों से कुल 57 प्रतिभागियों ने मास्टर ट्रेनर बनने की दिशा में पहला कदम बढ़ाया. इनमें से 39 प्रतिभागियों ने 100 मीटर की कठिन तैराकी परीक्षा में शानदार प्रदर्शन करते हुए प्रशिक्षण के लिए अर्हता हासिल की. ये प्रतिभागी अब 22 जुलाई से 30 जुलाई 2025 तक चलने वाले 9 दिवसीय गहन प्रशिक्षण कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे, जहां उन्हें जीवन रक्षा के महत्वपूर्ण कौशल सिखाए जाएंगे.

क्या-क्या सीखेंगे प्रशिक्षु?

इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्देश्य प्रतिभागियों को तैराकी और आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में विशेषज्ञ बनाना है. प्रशिक्षण के दौरान प्रतिभागियों को तैराकी की विभिन्न तकनीकों, डूबने से बचाव, त्वरित आपदा प्रत्युत्तर, प्राथमिक उपचार, बाल संरक्षण और सामुदायिक जागरूकता जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर सैद्धांतिक और व्यावहारिक ज्ञान प्रदान किया जाएगा. यह प्रशिक्षण न केवल तकनीकी कौशल को बढ़ावा देगा, बल्कि सामाजिक जिम्मेदारी की भावना को भी जागृत करेगा.

मास्टर ट्रेनर्स की भूमिका: समुदाय का संरक्षक

प्रशिक्षण पूरा करने के बाद ये मास्टर ट्रेनर्स अपने-अपने पंचायतों और प्रखंडों में जाकर समुदाय को डूबने से बचाव के लिए जागरूक करेंगे. विशेष रूप से, 6 से 18 वर्ष की आयु के बच्चों को तैराकी और जीवन रक्षा कौशल सिखाने की जिम्मेदारी इनके कंधों पर होगी. यह पहल बिहार में डूबने की घटनाओं को कम करने और सुरक्षित भविष्य की नींव रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी.

प्रशिक्षण के पहले दिन का उत्साह

प्रशिक्षण के उद्घाटन सत्र में बिहार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के वरीय सलाहकार डॉ. जीवन कुमार ने प्रतिभागियों से संवाद किया. उन्होंने इस मिशन की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए मास्टर ट्रेनर्स के सामाजिक उत्तरदायित्व को रेखांकित किया.

डॉ. कुमार ने प्रतिभागियों को प्रेरित करते हुए कहा कि वे समाज में बदलाव के वाहक बन सकते हैं. इस अवसर पर NINI के विशेषज्ञ प्रशिक्षक, प्राधिकरण के जनसंपर्क पदाधिकारी श्री मुकुंद कुमार और सभी प्रशिक्षणार्थी उपस्थित रहे.

बिहार के लिए एक नई शुरुआत

‘सुरक्षित तैराकी कार्यक्रम’ न केवल एक प्रशिक्षण पहल है, बल्कि यह बिहार के लोगों के लिए एक सुरक्षित और जागरूक भविष्य की दिशा में एक मजबूत कदम है. यह कार्यक्रम न सिर्फ डूबने की घटनाओं को रोकेगा, बल्कि बच्चों और युवाओं में आत्मविश्वास और जीवन रक्षा के कौशल को भी बढ़ावा देगा.