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यूपी में बुलडोजर बाबा की वापसी का बिहार पर पड़ेगा असर, जानिए नीतीश सरकार का खास प्लान

पटना (TBN – The Bihar Now डेस्क)| उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की शानदार सफलता का असर अब अन्य राज्यों (return of bulldozer Baba in UP will have an effect in Bihar) में भी देखने को मिल रहा है. उत्तर प्रदेश (यूपी) के बाद मध्य प्रदेश में सरकार अपराधियों और माफियाओं पर अंकुश लगाने के लिए सरकारी बुलडोजर की मदद लेने की कोशिश कर रही है.

वहीं बिहार में सरकारी जमीनों को अतिक्रमण से मुक्त कराने के लिए बुलडोजर अभियान शुरू (bulldozer campaign has started to free government lands from encroachment in Bihar) हो गया है. हालांकि सरकार ने अप्रैल माह से ही अतिक्रमण विरोधी अभियान शुरू करने की बात कही थी, लेकिन मार्च माह में ही बुलडोजरों ने अपना काम शुरू कर दिया है.

25 मार्च को दरभंगा के जाल में 26 मार्च को खगड़िया और शेखपुरा समेत अन्य शहरों में बुलडोजर चलाकर अवैध निर्माणों को तोड़ा गया. बिहार के राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री रामसूरत कुमार राय (Bihar’s Revenue and Land Reforms Minister Ramsurat Kumar Rai) के मुताबिक, सरकार ने भले ही अप्रैल से अतिक्रमण के खिलाफ अभियान चलाने की बात कही थी, लेकिन इसकी शुरुआत हो चुकी है. अप्रैल माह में अभियान की गति बढ़ेगी.

मंत्री ने कहा कि अगर प्रदेश में कहीं भी अतिक्रमण की जमीन का मामला कोर्ट में चल रहा है तो उसका भी जल्द से जल्द निपटारा किया जाएगा. जून तक सरकारी जमीन पर अतिक्रमण का काम पूरी तरह खत्म हो जाएगा.

राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री ने स्पष्ट किया है कि अभियान बिहार के सभी जिलों में चलाया जाएगा और इसमें किसी की पैरवी और सिफारिश नहीं सुनी जाएगी. बिहार सरकार ने प्रत्येक जिले को अतिक्रमण हटाने पर होने वाले खर्च के लिए 10 लाख रुपये आवंटित किए हैं. इस पैसे का इस्तेमाल स्थानीय स्तर पर जरूरी संसाधन जुटाने में किया जाएगा.

इस अभियान को गंभीरता से लेने के लिए बिहार की नीतीश सरकार (Nitish government) पहले ही सभी डीएम को निर्देश जारी कर चुकी है. अभियान से पहले सभी लोगों को लाउडस्पीकर के जरिए अलर्ट किया जा रहा है. फुटपाथ या नाले के ऊपर सड़क पर अतिक्रमण करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा रही है.

बार-बार चेतावनी देने के बाद भी नहीं मानने वालों का माल जब्त करने के आदेश दिए गए हैं. सरकार ने जुर्माना लगाने का भी फैसला किया है और जब यह अभियान गति पकड़ेगा, तो निश्चित रूप से लंबे समय के बाद बिहार में एक अतिक्रमण मुक्त राज्य की एक और तस्वीर दिखाई देगी.