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शिक्षक अभ्यर्थियों पर लाठीचार्ज: तेजस्वी ने लिया संज्ञान, एडीएम पर कार्रवाई संभव

पटना (TBN – The Bihar Now डेस्क)| राजधानी पटना में सोमवार को शिक्षक अभ्यर्थियों पर हुए लाठीचार्ज पर उप-मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) ने कार्रवाई का आश्वासन दिया है. तेजस्वी ने पटना के डीएम से बात कर दोषी के खिलाफ कार्रवाई करने का आदेश दिया है.

घटना पर नाराजगी व्यक्त करते हुए तेजस्वी यादव ने कहा कि जो चीजें आज सामने आई हैं, वो गलत है. हमारी जिलाधिकारी से बात हुई, हमने वो तस्वीर देखी है. स्टूडेंट्स से प्रार्थना है कि थोड़ा इंतजार कीजिए. ये आपकी सरकार है और सब लोगों से बात भी कर रहे हैं. हम लोग गंभीर हैं और जांच कमेटी बन गई है. इसमें शीघ्र कार्रवाई होगी.

पटना जिलाधिकारी (Patna District Magistrate) ने पटना सेंट्रल एसपी (Patna Central SP) और डीडीसी (Patna DDC) के नेतृत्व में एक जाँच कमेटी का गठन किया है. यह कमेटी यह जांच करेगी कि एडीएम ने अभ्यर्थियों पर स्वयं लाठीचार्ज क्यों किया, ऐसी क्या नौबत थी? दोषी पाए जाने पर संबंधित अधिकारी पर कारवाई होगी.

इधर पटना एडीएम लॉ एंड ऑर्डर केके सिंह (Patna ADM Law and Order KK Singh) के खिलाफ जांच के आदेश दिए गए हैं. मीडिया से बात करते हुए पटना डीएम चंद्रशेखर सिंह ने कहा है कि एडीएम पर कार्रवाई होगी.

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दरअसल, पिछले 21 दिनों से बिहार शिक्षक पात्रता परीक्षा (BTET) बहाली को लेकर शिक्षक अभ्यर्थी गर्दनीबाग धरना स्थल पर धरना दे रहे थे. सोमवार को प्रदर्शन करने वे डाकबंगला पहुंचे, जहां प्रशासन ने सभी अभ्यर्थियों को रोक दिया. अभ्यर्थियों का कहना है कि 2019 से वे बहाली का इंतजार कर रहे हैं. 3 साल से सरकार से सिर्फ आश्वासन ही मिल रहा है.

किसी अधिकारी के लिए अशोभनीय

इस मामले पर वरिष्ठ पत्रकार प्रवीण बागी का कहना है कि ऐसा दृश्य किसी अधिकारी के लिए अशोभनीय है. यह राष्ट्र ध्वज के अपमान का भी मामला है. साथ ही मानवाधिकार हनन का भी मामला है. मानवाधिकार आयोग और न्यायालय को इसका स्वतः संज्ञान लेना चाहिए. वह युवक शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहा था. किसी तरह की हिंसा नहीं कर रहा था. फिर उसके साथ इतनी बर्बरता क्यों ? उसे गिरफ्तार कर हटाया जा सकता था लेकिन सनकी अधिकारी ने ऐसा नहीं किया. यह अत्यंत निंदनीय है. किसी भी लोकतांत्रिक व्यवस्था में पुलिस या अधिकारी को यह अधिकार नहीं है कि शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे किसी व्यक्ति को इस तरह से पीटे. यह घटना राज्य सरकार के लिए कलंक है. इस पर कठोर कार्रवाई की जानी चाहिए.

उन्होंने कहा कि एक तरफ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार 20 लाख युवाओं को नौकरी और रोजगार देने की घोषणा करते हैं, तो दूसरी ओर नौकरी मांग रहे युवाओं पर उनका अधिकारी ऐसी बर्बरता करे, यह सरकार की नियत पर सवाल खड़े करता है. यह अच्छी बात है की उप-मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने इस घटना का संज्ञान लिया है और पूरे मामले की जांच का आदेश दिया है. उम्मीद है की जांच निष्पक्ष होगी और सनकी अधिकारी पर कठोर कार्रवाई होगी.