कैंसर से कर रहा हूँ संघर्ष, लोगों को बताने का समय आ गया – सुशील मोदी
पटना (TBN – The Bihar Now डेस्क)| भाजपा के वरिष्ठ नेता व राज्य के पूर्व उप-मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी इन दिनों कैंसर जैसी असाध्य बीमारी से जूझ रहे हैं. इसकी जानकारी उन्होंने खुद बुधवार को सोशल मीडिया के माध्यम से दी.
सुशील मोदी ने अपने X हैन्डल पर लिखा, “पिछले 6 माह से कैंसर से संघर्ष कर रहा हूँ. अब लगा कि लोगों को बताने का समय आ गया है. लोक सभा चुनाव में कुछ कर नहीं पाऊँगा. PM को सब कुछ बता दिया है. देश, बिहार और पार्टी का सदा आभार और सदैव समर्पित.”
सुशील मोदी द्वारा अपने बारे में जानकारी देने के बाद ऐसा लग रहा है कि उन्होंने यह बात काफी दिनों तक छुपाए रखा था. वैसे पिछले कई महीनों से वह सक्रिय राजनीति से दूर थे.
मोदी के यूरिनरी ब्लाडर (पेशाब की थैली) में कैंसर है. उनका इलाज दिल्ली एम्स में चल रहा है. वे कुछ दिनों बाद फिर दिल्ली जाएंगे. उनके कैंसर होने की खबर पर बड़ी संख्या में राजनीतिक व गैर-राजनीतिक लोगों ने मोदी के जल्द स्वस्थ होने की कामना की है.
पूर्व में पार्टी में उनकी सक्रियता को देखते हुए यह कहा जा सकता है कि भाजपा के लिए लोक सभा चुनाव के समय में यह एक बड़ा धक्का है. बिहार की राजनीति में उनकी एक अलग पहचान है.
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गौरतलब है, सुशील मोदी लंबे समय तक बिहार के उपमुख्यमंत्री (2005-2013 और 2017-20) रहे हैं. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ उनकी जोड़ी काफी खास मानी जाती रही है.
सुशील कुमार मोदी बिहार के डिप्टी सीएम के अलावा राज्यसभा सांसद भी रह चुके हैं. तीन दशक के सार्वजनिक जीवन में राज्यसभा, लोकसभा, विधान परिषद और विधानसभा सहित सभी चार सदनों के सदस्य रह चुके हैं.
सुशील मोदी ने अपना राजनीतिक करियर पटना यूनिवर्सिटी से छात्र नेता के रूप में शुरू किया था. उसके बाद 1973 में वो वहां छात्रसंघ महासचिव बने. उन्होंने 1974 में बिहार छात्र आंदोलन का नेतृत्व किया था. जेपी आंदोलन और आपातकाल के दौरान उन्हें पांच बार गिरफ्तार किया गया.
सुशील मोदी लोकसभा, राज्यसभा, विधानसभा और विधान परिषद चारों सदनों के सदस्य रह चुके हैं. हालांकि इस साल उन्हें BJP ने राज्यसभा नहीं भेजा. उन्होंने 2004 के लोकसभा चुनाव में भागलपुर से जीत हासिल की थी, लेकिन बिहार में नीतीश के साथ सरकार बनाने के बाद उन्होंने सांसद का पद छोड़ दिया था. इसके बाद वो 2005 से 2013 तक बिहार सरकार में लगातार उपमुख्यमंत्री और वित्त मंत्री बने रहे.
जून 2013 में जब नीतीश कुमार आरजेडी के साथ चले गए तो सुशील मोदी विधानपरिषद में नेता प्रतिपक्ष बने. इसके बाद 2017 में जब नीतीश कुमार ने एनडीए में वापसी की तो उन्हें एक बार फिर राज्य का डिप्टी सीएम बनाया गया. साल 2020 में बिहार चुनाव के बाद सुशील मोदी को राज्यसभा भेज दिया गया.
(इनपुट-न्यूज)