गंगा को अब बख्तियारपुर में घाटों पर लाने की तैयारी, एसडीएम ने किया मुआयना
बाढ़ / बख्तियारपुर (TBN – अखिलेश्वर सिन्हा की रिपोर्ट)| बाढ़ अनुमंडल के बख्तियारपुर प्रखंड (Bakhtiyarpur) में गंगा नदी को अब घाटों के पास लाने की तैयारी (Preparations to bring Ganga to the Ghats in Bakhtiyarpur Town) का काम शुरू हो रहा है. इसकी घोषणा मुख्यमंत्री ने अपने पिछले भ्रमण के दौरान की थी.
इसी कड़ी में शुक्रवार को एसडीएम सुमित कुमार कार्यों की प्रगति की समीक्षा हेतु बख्तियारपुर पहुंचे. उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar Chief Minsiter) द्वारा अपने पिछले बख्तियारपुर भ्रमण के दौरान कई घोषणाएं की गई थी. इन्हीं घोषणाओं के मद्देनजर कार्यों की प्रगति की जानकारी लेने हेतु वे यहाँ पहुंचे.
एसडीएम ने बताया कि गंगा नदी के किनारे रिवर फ्रन्ट (River Front near Ganga in Bakhtiyarpur) पर रोड बनाया जाना है. इसके लिए सीमांकन का काम होना है, जिसकी समीक्षा में उन्होंने पाया कि सीमांकन तो हुआ है लेकिन कई प्रकार की अन्य स्थानीय समस्याएं हैं जिनपर ध्यान देने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि इन समस्याओं का समाधान किया जाएगा. उन्होंने बताया कि यहां एक मुक्तिधाम का भी निर्माण होना है.
बात दें, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बख्तियारपुर क्षेत्र भ्रमण प्रोग्राम के तहत 10 दिसंबर को इसका जायजा लिया था. तब गंगा रिवर फ्रंट और गंगा कोरिडोर योजना पर चर्चा हुई कि शहर के घाटों से दूर गई गंगा को कैसे घाटों पर लाया जाए ताकि लोगो को इसका लाभ मिले.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का यह ड्रीम प्रोजेक्ट माना जाता है, या यूं कहें कि बख्तियारपुर से मुख्यमंत्री का ज्यादा लगाव है. गंगा को घाटों पर लाने के लिए जल संसाधन विभाग ने कवायद शुरू करते हुए लगभग 29.61 करोड़ रुपए का टेंडर निकाला गया है.
उम्मीद जताई जा रही है कि यदि सब कुछ सही रहा तो मई तक पायलट चैनल बना कर गंगा की धार को बख्तियारपुर के घोसवरी घाट से रामनगर घाट तक लाई जायेगी.
क्या यह सफल हो पाएगा
बताते चलें, जल संसाधन विभाग ने 2015 में गंगा की कलकल धारा को पटना शहर के किनारे लाने के लिए गंगा पायलट चैनल बनाने का निर्णय लिया था. इस काम को 15 जून 2015 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया था. इसपर जल संसाधन विभाग के द्वारा 8.07 करोड़ रुपया खर्च भी किया गया, लेकिन इसके बावजूद गंगा की धारा शहर के घाट पर नहीं पहुंची. आज की हाल देखें तो गंगा नदी घाटों से 3 से 4 किलोमीटर दूर चली गयी है.
अब बारी है बख्तियारपुर शहर के पास गंगा को लाने की जिसके लिए 29.61 करोड़ रुपये (पटना से तीन गुना ज्यादा राशि) खर्च करके पायलट चैनल बनाने की तैयारी है. एजेंसी चयन की प्रक्रिया चल रही है. एजेंसी का चयन होने के बाद काम शुरू होगा. 15 मई 2022 तक पायलट चैनल बनाने का लक्ष्य रखा गया है.
फिलहाल गंगा नदी, जो बख्तियारपुर शहर से चार किलोमीटर दूर चली गई है, की धारा को वापस लाने के लिए पायलट चैनल बनाया जाएगा जिसकी शुरुआत घोसवारी घाट से होगी. इसकी कुल लंबाई करीब 5.5 किमी होगी और यह रामनगर घाट तक बनेगी.