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राजस्व लक्ष्य पूरा करने में विफल रहने पर खनिज विकास अधिकारियों का वेतन रुका

पटना (TBN – The Bihar Now डेस्क)| बिहार सरकार ने चालू वित्तीय वर्ष में अब तक अपने संबंधित क्षेत्रों में राजस्व संग्रह के लक्ष्य को पूरा करने में कथित रूप से विफल रहे कई जिला खनिज विकास अधिकारियों (Mineral Development Officers) का वेतन रोक दिया है. इस आशय की जानकारी अधिकारियों ने रविवार को दी.

बताया जा रहा है कि राज्य सरकार के खान एवं भूविज्ञान विभाग (Mines and Geology Department) ने जहानाबाद, गया, मुंगेर, जमुई और औरंगाबाद के ऐसे अधिकारियों से ‘अपने संबंधित जिलों में दिसंबर 2023 तक राजस्व संग्रह के लक्ष्य को पूरा करने में विफल रहने’ के लिए स्पष्टीकरण मांगा है.

विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि विभाग खनन क्षेत्र से 2023-24 के लिए 3,590.66 करोड़ रुपये के अपने राजस्व लक्ष्य का लगभग 42 प्रतिशत हासिल करने में कामयाब रहा है, क्योंकि दिसंबर 2023 तक यह केवल 1,500 करोड़ रुपये ही एकत्र कर सका है.

उन्होंने कहा, “हां, विभाग ने कई जिला खनिज विकास अधिकारियों का वेतन रोक दिया है जो चालू वित्तीय वर्ष के दिसंबर अंत तक अपने संबंधित क्षेत्रों में राजस्व संग्रह के लक्ष्य को पूरा करने में विफल रहे.”

खान एवं भूविज्ञान विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव (Additional Chief Secretary) परमार रवि मनुभाई (Parmar Ravi Manubhai, IAS) ने न्यूज एजेंसी भाषा को बताया, “अब तक लक्ष्य का केवल 42 प्रतिशत राजस्व संग्रह होने और अधिकांश जिलों का प्रदर्शन असंतोषजनक होने के कारण, संबंधित एमडीओ को प्रयास बढ़ाने और माफिया द्वारा अवैध खनन (रेत), परिवहन और भंडारण पर नकेल कसने के लिए कहा गया है.”

उन्होंने कहा कि संबंधित अधिकारियों को राजस्व संग्रह में तेजी लाने और चालू वित्तीय वर्ष के लक्ष्य को हासिल करने के लिए भी कहा गया है.

एक अन्य अधिकारी ने कहा, ‘उनका वेतन अगले आदेश तक रोक दिया गया है. एमडीओ का वेतन रोकने का निर्णय पिछले महीने विभाग द्वारा राजस्व संग्रह की जिलेवार समीक्षा के दौरान लिया गया था. सभी अधिकारियों को यह सुनिश्चित करना होगा कि वे अपने लक्ष्यों को पूरा करें. कुछ को छोड़कर, सभी जिलों ने खराब प्रदर्शन किया है. गया, औरंगाबाद, मुंगेर और भागलपुर में विभिन्न निकायों (सरकारी) से लेवी और राजस्व संग्रह भी संतोषजनक नहीं है.

एसीएस (ACS) परमार रवि मनुभाई, जो बिहार के खान आयुक्त (Bihar’s Mines Commissioner) भी हैं, ने कहा, “इस मद (सरकारी निकायों से संग्रह) के तहत कुल संग्रह (दिसंबर तक) सिर्फ 329.88 करोड़ रुपये है, जो 914.98 करोड़ रुपये के लक्ष्य का 36.05 प्रतिशत है.”

उन्होंने कहा कि अधिकारियों को राज्य में अवैध खनन में शामिल लोगों पर कानूनी कार्रवाई शुरू करने और भारी जुर्माना लगाने का भी निर्देश दिया गया है, उन्होंने कहा कि विभाग ने दंडात्मक कार्रवाई से अब तक केवल 108.13 करोड़ रु. रुपये एकत्र किए हैं.

उन्होंने कहा कि जिन जिलों में दंडात्मक कार्रवाई तेज करने की जरूरत है, उनमें जमुई, नवादा, शिवहर, शेखपुरा, जहानाबाद, कैमूर, रोहतास और भागलपुर शामिल हैं.

‘विभाग के संज्ञान में यह भी आया है कि कुछ इलाकों में अवैध खनन और परिवहन की घटनाएं हो रही हैं, लेकिन अधिकारी इसे रोकने के लिए छापेमारी नहीं कर रहे हैं. मनुभाई ने कहा, ‘हमने इस संबंध में जमुई, नालंदा, शिवहर, कैमूर, शेखपुरा, रोहतास, भागलपुर और जहानाबाद के संबंधित अधिकारियों से स्पष्टीकरण मांगा है.’

विभाग को उम्मीद है कि चालू वित्त वर्ष के शेष तीन महीनों में राजस्व सृजन में तेजी आएगी.

बिहार में एक स्थायी खनन गतिविधि ने राज्य सरकार को राजस्व संग्रह का अवसर प्रदान किया है. पिछले कुछ वर्षों में, खदानों और खनिजों से संग्रहण में काफी वृद्धि हुई है.

अधिकारी ने कहा, खानों और खनिजों से कुल राजस्व संग्रह 2017-18 में 1082.72 करोड़ रुपये से बढ़कर 2022-23 में 3,000 करोड़ रुपये से अधिक हो गया है.