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प्रशांत किशोर बिहार के लोगों और छात्रों के लिए लड़ रहे: जन सुराज प्रमुख समर्थक

पटना (The Bihar Now डेस्क)| राजधानी पटना में गांधी मैदान (Gandhi Maidan, Patna) इलाके के पास जन सुराज प्रमुख (Jan Suraaj chief) प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) के समर्थकों और पुलिस के बीच झड़प के बाद तनाव बढ़ गया. यह विवाद सोमवार को किशोर की अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल के दौरान हिरासत में लिए जाने के बाद हुआ, जिसमें कथित बीपीएससी परीक्षा पेपर लीक (BPSC 70th Preliminary Exam paper leak) के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई थी.

किशोर की गिरफ्तारी की उनके समर्थकों ने व्यापक निंदा की है. उन्होंने नीतीश सरकार (Nitish Government) पर यह आरोप लगाया कि सरकार प्रशांत किशोर द्वारा जनता में बनाए गए एकता के डर से विरोध को दबाने की कोशिश कर रही है.

जन सुराज प्रमुख के एक समर्थक ने कहा, “प्रशांत किशोर बिहार के लोगों के लिए, छात्रों के लिए लड़ रहे थे… सरकार इस एकता से डरती है. उनके खिलाफ जो शारीरिक हिंसा हुई है, वह निंदनीय है… हमें नहीं पता कि उन्हें कहां ले जाया गया है. हम पूछ रहे हैं, लेकिन कोई नहीं बता रहा कि वह कहां हैं.”

पीके सिर्फ “सत्याग्रह” कर रहे थे

एक अन्य समर्थक ने कहा कि प्रशांत किशोर सिर्फ “सत्याग्रह” कर रहे थे और कहा कि सरकार उनसे डरती है. उन्होंने कोई गैरकानूनी काम नहीं किया. वे एक जगह बैठकर सत्याग्रह कर रहे थे. सरकार उनसे डर गई है. किसी को नहीं पता कि पुलिस उन्हें कहां ले गई. हम इसका विरोध कर रहे हैं, कम से कम हमें तो बताएं कि उन्हें कहां ले जाया गया है.”

एक अन्य समर्थक ने कहा, “जब प्रशांत किशोर को हिरासत में लिया जा रहा था तो उनका चश्मा फेंक दिया गया. जब मैं उसे लेने गया तो मुझे चोट लगी और उन्होंने मेरे साथ दुर्व्यवहार किया. हमें नहीं पता कि प्रशांत जी को कहां ले जाया गया है.”

इससे पहले झड़प तब शुरू हुई जब पुलिस ने किशोर को गांधी मैदान में भूख हड़ताल (hunger strike) स्थल से हटाने का प्रयास किया, जो उनके विरोध का केंद्र बन गया था. पटना पुलिस ने उस क्षेत्र को भी खाली करा लिया जहां किशोर अपना ‘आमरण अनशन’ कर रहे थे और गांधी मैदान के आसपास वाहन जांच की.

7 तारीख को हाई कोर्ट में याचिका

इससे पहले जन सुराज प्रमुख ने कहा था कि पार्टी बीपीएससी अनियमितताओं को लेकर 7 जनवरी को हाई कोर्ट (Patn high Court) में याचिका दायर करेगी. प्रशांत किशोर ने कहा, “यह हमारे लिए निर्णय का विषय नहीं है कि हम इसे (विरोध) जारी रखेंगे या नहीं. हम वही करते रहेंगे जो हम अभी कर रहे हैं; इसमें कोई बदलाव नहीं होगा… हम (जन सुराज पार्टी) एक मामला दायर करेंगे.”

तेजस्वी से विरोध का नेतृत्व करने का आग्रह

रविवार को प्रशांत किशोर पटना के गांधी मैदान में प्रदर्शनकारी छात्रों के साथ बैठे. उन्होंने राष्ट्रीय जनता दल (राजद) नेता तेजस्वी यादव से भी विरोध का नेतृत्व करने का आग्रह किया क्योंकि वह एक “बड़े” नेता हैं और बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता (एलओपी) भी हैं. प्रशांत किशोर बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया दे रहे थे. उन्होंने कहा कि नेता प्रतिपक्ष होने के नाते तेजस्वी यादव को उनकी जगह विरोध का नेतृत्व करना चाहिए था.

“वह (तेजस्वी यादव) एक बड़े नेता हैं. वह विपक्ष के नेता भी हैं. उन्हें विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व करना चाहिए था. मैं उन्हें विरोध का नेतृत्व करने के लिए कह रहा हूं. हम अलग हट जाएंगे. उन्होंने कहा कि वह पांच लोगों के साथ गांधी मैदान आ रहे थे लाखों लोगों के बारे में बात की जानी चाहिए. राजनीति कभी भी हो सकती है. हमारे यहां कोई पार्टी का बैनर नहीं है, हमें छात्रों के एजेंडे की परवाह है.”

“यह कोई धरना नहीं है. यह बिहार के लोगों का जुनून है: अपनी स्थितियों को बेहतर बनाने के लिए, एक बेहतर भविष्य को सुरक्षित करने के लिए. इस ठंड के मौसम में, कुछ लोग गा रहे हैं, और आप यहां हर तरफ से लोगों को बैठे हुए देख सकते हैं. मैं मैं आरोपों का जवाब देते-देते थक गया हूं. चारों ओर देखो और अगर हो सके तो वैनिटी वैन को देख लो, हम भी यहीं सोएंगे,” किशोर ने कहा.

बता दें, कथित प्रश्न पत्र लीक के कारण 13 दिसंबर को बीपीएससी द्वारा आयोजित एकीकृत संयुक्त (प्रारंभिक) प्रतियोगी परीक्षा (सीसीई) 2024 को रद्द करने के लिए बीपीएससी छात्रों द्वारा विरोध प्रदर्शन का आह्वान किया गया था.