Big NewsPatnaफीचरसंपादकीय

पटना आगमन पर एक पटनावासी का प्रधानमंत्री के नाम खुला पत्र

आदरणीय प्रधानमंत्री जी,

मुझे ख़ुशी है कि आप 12 मई को पटना में रोड शो के लिए आ रहे हैं. आपके स्वागत के लिए पटना तैयार है. आप पहले प्रधानमंत्री है जो इस प्राचीन शहर में रोड शो करेंगे, जो 1000 साल तक देश की सत्ता का केंद्र रहा है. पटनावासियों का सौभाग्य है कि वे निकट से अपने ‘प्रधान सेवक’ का दर्शन कर सकेंगे. लेकिन इस दर्शन के लिए पटनावासियों को भारी कष्ट से गुजरना होगा. एक सप्ताह पहले से हम आपके लिए कष्ट झेल रहे हैं.

आप प्रधानमंत्री के रूप में यहाँ आ रहे हैं. हम तो आपके दर्शन कर लेंगे लेकिन आप असली पटना का दर्शन नहीं कर पाएंगे. आपकी सुरक्षा के नाम पर और त्रुटि रहित स्वागत के लिए आपके रोड शो वाले रूट में एक ‘मायावी पटना’ की रचना की जा रही है ताकि आपको ‘फील गुड’ हो सके. सड़कों से लेकर मकान, दुकान तक चमचमाते नजर आएंगे. बिजली की रोशनी में पटना नहाया हुआ दिखेगा. सड़क के दोनों तरफ मोदी -मोदी का शोर मचाती भीड़ होगी. फूलों की बौछार होगी. महिलाएं आपके नाम का मेहंदी लगा कर स्वागत करेंगी.

वरिष्ठ पत्रकार प्रवीण बागी

प्रधानमंत्री जी, थोड़ा समय निकल कर आप पटना के मोहल्लों में घूम लेते तो आपको विकास का सच दिख जाता. टूटी -फूटी, उबड़-खाबड़ सड़कें, खुले मेनहोल, बीच सड़क पर बैठ पगुरा रही गो-माता, भोजन की तलाश में घूमते आवारा कुत्ते और इधर-उधर फेंका कूड़ा, टूटी सड़कों पर हिलोरे मार रहा नाले का पानी आपको नजर आ जाता. कभी समय मिले तो वेश बदल कर पटना आइये.

अच्छा है कि आप प्रधानमंत्री के रूप में विशेष विमान से पटना आ रहे हैं. अगर आम आदमी के रूप में अपनी चलाई तेजस राजधानी एक्सप्रेस से पटना आते तो पटना जंक्शन से बाहर सड़क पर आने के लिए कड़ी मशक्कत करनी पड़ती. आपको पता ही नहीं चलता रोड किधर है और किधर से किधर जाना है. क्योंकि स्टेशन के सामने पूरी सड़क को ऑटो और बस वाले छेके खड़े रहते हैं. उनसे बची जगह पर फुटपाथी दुकानदारों और ठेलेवालों का कब्ज़ा दिखता. प्रसिद्ध हनुमान मंदिर के बगल में नाले का पानी सड़क पर बहता देख आपको गंगा नदी का भ्रम हो जाता.

इन सबसे बच बचाकर आप किसी ऑटो पर बैठते तो थोड़ी दूर जाने के बाद आपके साथ बैठे यात्री आपकी जेब खाली कर उतर जाते. यह भी हो सकता है कि आपके सारे सामान छीन कर सह यात्री चल देते. यह धंधा ऑटोवाले की मिली भगत से होता है.आप थाने में एफआईआर दर्ज कराने जाते तो वहां दूसरे दिन आने को कहा जाता. पैदल चलते हुए सड़क पर मोबाइल से बात कर रहे होते तो कोई लहरिया कट बाइक वाला आता और आपका मोबाईल झपट कर भाग निकालता. अगर किसी की सलाह पर आप मुख्यमंत्री के जनता दरबार में शिकायत करने की सोचते तो वहां से उसी अधिकारी के पास भेज दिया जाता, जिसने आपको दूसरे दिन आने को कहा था. हो सकता है कि आपको हैरानी हो, लेकिन हमार पटना ऐसा ही है प्रधानमंत्री जी !

आपके रोड शो को निर्विघ्न संपन्न कराने के लिए एक सप्ताह से पटनावासी गंभीर बिजली संकट झेल रहे हैं. बिना पूर्व सूचना के 6 से आठ घंटे तक बिजली सप्लाई बंद कर जर्जर बिजली तार बदले जा रहे हैं. तारों को कसा जा रहा है. इतनी गर्मी में बिजली कट कितना कष्टदायक होता है यह आपको बताने की जरुरत नहीं है प्रधानमंत्री जी, क्योंकि जीवन का हर कष्ट आपने भोगा है. बिजली कंपनी की नजर में बिहारवासियों की जान की कीमत शायद नहीं है इसलिए तार झूल रहे हैं या ट्रांसफार्मर ओवरलोडेड है तो उससे कोई फर्क नहीं पड़ता.

प्रधानमंत्री जी, आपने वीआईपी कल्चर समाप्त करने की घोषणा की थी लेकिन पटना में ऐसा दिख नहीं रहा है. आपका रोड शो शाम 7 बजे से होगा लेकिन पटना प्रशासन ने दोपहर 3 बजे से ही उस रूट को सीलबंद करने की घोषणा की है. पटनावासी आपके आने से खुश हैं लेकिन प्रशासन ने जो निषेध लगा रखा है, उससे मेरे जैसा आपका प्रशंसक दुखी है. 4 घंटे पहले रास्ता बंद करने का औचित्य समझ से परे है ! इससे आम लोगों को होनेवाली परेशानी का आप अंदाजा लगा सकते हैं. इसका कोई विकल्प ढूंढा जाना चाहिए.

प्रधानमंत्री जी, मैं आपको यह भी बताना चाहता हूं कि आपके अधिकांश सांसद क्षेत्र में बहुत कम जाते हैं. विकास कार्यों में उनकी रूचि नहीं रहती. आप बहुत हार्ड टास्क मास्टर माने जाते हैं लेकिन आपके सांसद आपका टास्क पूरा नहीं करते. उन्हें जनता का सेवक बनाने की जरुरत है.
पुनःश्च पटना में आपका स्वागत है प्रधानमंत्री जी,
आपका
प्रवीण बागी
पटना का एक नागरिक

(उपरोक्त लेखक के Facebook वॉल से लिए गए हैं. ये उनके निजी विचार हैं.)