आईजी विकास वैभव ने जताया डीजी होमगार्ड से खतरा, भेजा गृह विभाग को पत्र
पटना (TBN – The Bihar Now डेस्क)| बड़ी खबर राजधानी पटना से है जहां आईपीएस अधिकारी विकास वैभव के गृह विभाग को लिखे पत्र से उनके और डीजी शोभा अहोतकर के बीच विवाद में नया ट्विस्ट आ गया है. विकास वैभव ने विभाग से आईजी होमगार्ड के पद से मुक्त करने की मांग की है.
सोमवार को फायर सर्विसेज व होमगार्ड के आईजी विकास वैभव छुट्टी से लौटते ही गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव को पत्र भेज कर खुद को मौजूदा पद से मुक्त करने की मांग रख दी है. साथ ही उन्होंने अपर मुख्य सचिव को आश्वस्त किया है कि 11 फरवरी को जारी कारण बताओ नोटिस का जवाब वे तय समय सीमा के अंदर कर देंगे.
सूत्रों के हवाले से बड़ी खबर यह भी है कि विकास वैभव ने अपर मुख्य सचिव गृह विभाग को लिखे पत्र में कहा है कि डीजी शोभा अहोतकर के आसपास रहने से उन्हें और उनके परिवार को खतरा है.
मौजूदा पद से मुक्त करने की मांग
विकास वैभव, जो 2003 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं, फिलहाल आईजी होमगार्ड के पद पर कार्यरत हैं. उन्होंने मौजूदा पोस्टिंग को प्रताड़नायुक्त बताते हुए वर्तमान पद के प्रभार से मुक्त करने का आग्रह किया है.
डीजी से खतरा बताया
विकास वैभव ने लिखा है कि जबरन दंडित करने की मंशा के साथ बिहारी और पत्नी के नाम से गाली देने वालीं DG शोभा अहोटकर के साथ काम करने में वह खतरा महसूस करते हैं. उन्होंने लिखा, “कार्यस्थल पर ही मेरे साथ अप्रिय घटनाएं घट सकती हैं, क्षति पहुंचाई जा सकती है. ऐसे वरीय पदाधिकारी के अधीन कर्तव्य पालन संभव और सुरक्षित नहीं है। निर्दोष पारिवारिक सदस्यों के साथ मेरी सुरक्षा पर विचार करते हुए अस्थाई तौर पर भी उक्त वरीय पदाधिकारी के नियंत्रण से मुक्त किसी अन्य पद पर पदस्थापित करने हेतु राज्य सरकार की स्वीकृति प्राप्त करने की कृपा की जाए यदि किसी कारणवश वैकल्पिक व्यवस्था संभव नहीं हो तो 13 फरवरी 2023 के पूर्वाह्न से 60 दिन का अवकाश दे दें.”
नीतीश की तीखी सलाह का भी दिया जवाब
इसके साथ ही आईजी विकास वैभव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की उस तीखी सलाह का भी जवाब दिया है, जिसमें नीतीश ने ऐसी शिकायतें उचित फोरम पर रखने कहा था, न कि ट्वीट करने. गृह विभाग को लिखे अपने पत्र में विकास वैभव ने साफ तौर पर बताया गया है कि उन्होंने डीजी शोभा अहोतकर की गालीबाजी की शिकायत न केवल सितंबर 2022 से कई बार की, बल्कि उनके साथ कई अन्य पदाधिकारी भी DG से बचाने की गुहार लेकर गृह विभाग के चक्कर लगा चुके हैं.
विकास ने अपने पत्र में लिखा है, “8 फरवरी 2023 को क्रय समिति की बैठक के दौरान डीजी ने सभी लोगों के बीच तीन बार मुझे bloody IG कहा. इसके अलावा, DIG बिनोद कुमार को अपमानित कर Get out कहते हुए सभा कक्ष से बाहर निकाल दिया. इन कारणों से मैं अत्यंत विचलित था. मानसिक रूप से द्रवित था. बैठक में इस अपमान के कारण मुझे पूरी रात नींद नहीं आई. मेरी समझ में नहीं आ रहा था कि क्या किया जाए. उसी मनोदशा में देर रात्रि 1:45 बजे ट्वीट करने की इच्छा हुई और मैंने ट्वीट कर भी दिया. परंतु, कुछ मिनट बाद मुझे लगा कि ऐसा नहीं करते हुए मुझे सरकार को अवकाश के लिए आवेदन देना चाहिए. इसपर मैंने ट्वीट को डिलीट कर दिया. उन ट्वीट्स के प्रसारण से मेरी कोई भूमिका नहीं रही है.”
गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव को मिले पत्र में IG विकास वैभव ने बताया है- “आपके कार्यालय कक्ष में निजी रूप से मिलकर पहली बार दिसंबर माह के प्रथम सप्ताह में ही बताया था कि महानिदेशक मुझे निरंतर गाली दे रही हैं. अपमानित कर रही हैं. अत्यंत अभद्र भाषा का प्रयोग किया जाता है तथा मेरी पत्नी के संबंध में भी अपमानजनक टिप्पणियां की गई हैं. फिर, 23 जनवरी 2023 को मैं डीआईजी बिनोद कुमार एवं समादेष्टा राजीव रंजन के साथ आपसे मिले. हम लोगों ने मिलकर सामूहिक रूप से बताया था कि DG शोभा अहोटकर प्रतिदिन अनावश्यक ही गालीगलौज करती हैं और क्रोध युक्त अमर्यादित भाषा का प्रयोग करती हैं. फिर, 24 जनवरी 2023 को DIG विनोद कुमार व राजीव रंजन ने बिहार के मुख्य सचिव को भी ऐसे अमानवीय दुर्व्यवहार की शिकायत की थी.”
इस पत्र में आईजी विकास वैभव ने यह भी बताया है कि डीजी शोभा अहोतकर के अमानवीय दुर्व्यवहार के कारण ही डीआईजी बिनोद कुमार उनके कार्यालय कक्ष में बेहोश भी हो गए थे और लगभग 45 मिनट के बाद ही पूर्णत: होश में आ सके थे. तब से उनकी तबीयत लगातार खराब ही चल रही है.
चुप क्यों हैं डीजी
गृह विभाग को लिखे पत्र में आईजी विकास वैभव ने लिखा है कि खुद पर लगे आरोपों पर डीजी आखिर क्यों चुप लगा गईं. विकास ने लिखा है, “अनुशासनहीन तथा मर्यादाहीन पदाधिकारी होने संबंधित अपना अपराध महसूस नहीं किया और तत्काल मुझसे ही स्पष्टीकरण की मांग कर दी और सुप्रीम कोर्ट के तय मानकों के विरूद्ध जवाब के लिए महज 24 घंटे का समय दिया गया, वह भी तब जबकि मैं पूर्व स्वीकृत अवकाश के तहत राज्य से बाहर था.