पहली बार शराब पीते पकड़े गए तो देना होगा 5000 रुपये तक का जुर्माना
पटना (TBN – The Bihar Now डेस्क)| मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में सोमवार शाम राज्य कैबिनेट की बैठक हुई. बैठक में कुल 14 एजेंडा पर मुहर लगाई गई है, जिसमें सबसे महत्वपूर्ण मद्यनिषेध संशोधन अधिनियम 2022 (Prohibition Amendment Act 2022) के तहत दंड की राशि और मजिस्ट्रेट की शक्तियों को अधिसूचित करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई.
राज्य में अब शराब पीने पर लोगों को भारी भरकम जुर्माना चुकाना पड़ेगा. दरअसल सोमवार को मद्य निषेद्य और उत्पाद (संशोधन) विधेयक 2022 को कैबिनेट की बैठक में मंजूरी मिल गई है. संशोधन को कैबिनेट से मंजूरी मिलने के बाद कानून संबंधी कई नियम बदल जाएंगे. नए कानून के तहत अगर कोई व्यक्ति पहली बार शराब पीते हुए पकड़ा जाता है, तो उस पर 2000-5000 रुपए का जुर्माना लगाया जाएगा.
वहीं जुर्माना नहीं देने पर एक महीने की जेल हो सकती है. बता दें कि पहले जुर्माना 50 हजार था. लेकिन अब ये नियम बदल गया है. इसी के ही साथ यदि कोई व्यक्ति दूसरी बार शराब पीते पकड़ा जाता है, तो उसे 1 साल कैद की सजा सुनाई जाएगी.
इससे पहले बिहार विधानसभा ने 30 मार्च को एक संशोधन विधेयक (Liquor Prohibition Amendment Bill) पारित किया जो राज्य में पहली बार अपराधियों के लिए शराब प्रतिबंध को कम कठोर बनाने का प्रयास करता है. बिहार मद्य निषेध एवं उत्पाद (संशोधन) विधेयक के अनुसार, पहली बार अपराध करने वालों को जुर्माना जमा करने के बाद ड्यूटी मजिस्ट्रेट से जमानत मिल जाएगी. हालांकि, जुर्माना नहीं देने पर एक महीने की जेल होगी, लेकिन बार-बार शराब पीकर पकड़े जाने पर यह नियम लागू नहीं होगा. वैसे लोगों पर कड़ी कार्रवाई हो सकती है.
सुनवाई 1 साल में करनी होगी पूरी
नए कानून के अनुसार इस तरह के मामलों में सुनवाई एक साल के अंदर पूरी करनी होगी. वहीं, भारी मात्रा में पुलिस अगर अवैध शराब पकड़ती है, तो उनको अधिकार होगा कि शराब का सैंपल रखकर वो बाकी बची शराब नष्ट कर दे. पुलिस को ऐसा करने के लिए कलेक्टर से अनुमति की जरूरत नहीं होगी.
सुनवाई स्पेशल कोर्ट द्वारा
बता दें कि शराबबंदी कानून संशोधन विधेयक 2022 में बिहार सरकार शराब की जब्ती, तलाशी और शराब नष्ट करने का निर्देश जारी करेगी. शराबबंदी कानून संशोधन विधेयक 2022 में दंडनीय सभी अपराध धारा-35 के अधीन अपराधों को छोड़कर सुनवाई स्पेशल कोर्ट द्वारा की जाएगी. ऐसे मामलों के अधीन गिरफ्तार व्यक्ति अभी भी जेल में हैं तो उसे रिहा कर दिया जाएगा. उसे छोड़ा तब ही जायेगा अगर वह धारा-37 में उल्लेखित सजा की अवधि पूरा तक चुका होगा.
बताते चलें, शराबबंदी संशोधन विधेयक को कानून का रूप लेने में अब ज्यादा दिन नहीं बचा है. इसे बिहार विधानमंडल के दोनों सदनों – विधान सभा और विधान परिषद द्वारा पारित किया गया है. यह नया कानून राज्यपाल से मंजूरी मिलने के बाद प्रभावी हो जाएगा.
(इनपुट-न्यूज)