चमकी से निपटने को डॉक्टरों को दिल्ली AIIMS में विशेष ट्रेनिंग

मुजफ्फरपुर (संदीप फिरोजाबादी की रिपोर्ट) :- बिहार स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी और चिकित्सकों ने कोरोना वायरस के प्रभाव के बीच “एक्यूट इंसेफ्लाइटिस सिंड्रोम” (एईएस) या चमकी बुखार से पीड़ित बच्चों के मिलने पर चिंता जताते हुए विशेष ख्याल रखने की सलाह दी है. इसके लिए स्वास्थ्य विभाग पहले से सतर्क है और एईएस से लड़ने के लिए दिल्ली एम्स से डॉक्टर और नर्सों का विशेष ट्रेनिंग करवाई गयी है. जिससे प्रशिक्षित डॉक्टर और नर्स बच्चों का और बेहतर इलाज कर सकें. इसके साथ ही मुजफ्फरपुर में चमकी का ज्यादा प्रभाव देखते हुए मुजफ्फरपुर समेत 6 जिलों के एईएस से प्रभावित जिलों के 50 डॉक्टर और नर्सों की दिल्ली एम्स में यह ट्रेनिंग 20 दिनों से हो रही थी. सोमवार को सभी स्पेशल बस से दिल्ली से पटना आएंगे फिर वहां से अपने-अपने जिलों में तैनात होंगे.
“एक्यूट इंसेफ्लाइटिस सिंड्रोम” (एईएस) या चमकी बुखार से निपटने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने पहले से सतर्कता अपनाते हुए बिहार के मुजफ्फरपुर, शिवहर, सीतामढ़ी, पूर्वी चंपारण, पश्चिमी चंपारण और वैशाली के डॉक्टर और नर्सों को दिल्ली एम्स के पीआईसीयू के डॉक्टरों ने ट्रेनिंग दी. इसके साथ ही जापान, अमेरिका और इटली के पीआईसीयू के एक्सपर्ट ने भी ट्रेनिंग दी.
बता दें “एक्यूट इंसेफ्लाइटिस सिंड्रोम” को बोलचाल की भाषा में लोग चमकी बुखार कहते हैं. इस संक्रमण से ग्रस्त रोगी का शरीर अचानक सख्त हो जाता है और मस्तिष्क व शरीर में ऐठंन शुरू हो जाती है. आम भाषा में इसी ऐठन को चमकी कहा जाता है, बिहार के मुजफ्फरपुर जिले में पिछले वर्ष भी चमकी बुखार का कहर बरपा था. इस खतरनाक बुखार की चपेट में आकर सैंकड़ों बच्चों ने अपनी जान गवाई थी