मैट्रिक की कॉपी जांच रहे शिक्षकों में कोरोना का खौफ

Last Updated on 3 years by Nikhil

पटना (TBN रिपोर्ट) | भारत में कोरोना के प्रभाव के चलते लागू किये गए लॉकडाउन के बाद विभिन्न क्षेत्रों में इसका असर देखने को मिल रहा है.

कोरोना के कारण कॉपियों के मूल्यांकन में आयी रूकावट की वजह से बिहार बोर्ड ने इस बार मैट्रिक का रिजल्ट तय समय पर देने में असमर्थता जताई थी. लेकिन लॉकडाउन (Lockdown) के दौरान ही बुधवार से एक बार फिर से मैट्रिक की वार्षिक परीक्षा की कॉपियों के मूल्यांकन का कार्य  शुरू कर दिया गया है.

बिहार में 169 सेंटरों पर कॉपियों की जांच चल रही है. कॉपी जांचने पहुंचे शिक्षकों में कोरोना का खौफ देखने को मिला. दोबारा शुरू हुए मूल्यांकन के पहले दिन काफी मुश्किल से शिक्षक केन्द्रों पर मूल्यांकन के लिए पहुंचे.

कोरोना का असर राजधानी पटना के मूल्यांकन केन्द्रों पर भी देखने को मिला. मूल्यांकन केन्द्रों पर शिक्षक दूर-दूर बैठ कर कॉपी जांचते दिखे. सभी शिक्षक सैनेटाइजर, डेटॉल, सेवलॉन, मास्क और तौलिया घर से से लेकर आए थे.

सरकार द्वारा भी मूल्यांकन केन्द्रों पर लिक्विड सोप और सैनेटाइजर आदि की व्यवस्था की गयी थी. इसके साथ ही दो-दो मीटर की दूरी पर शिक्षकों के बैठने की व्यवस्था थी.मेज-कुर्सी, दरवाजे के हैंडिल की सफाई सुबह में ही करायी गयी थी.

बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ ने मूल्यांकन में लगाए गये शिक्षकों को पांच-पांच हजार रुपये विशेष सहायता देने की मांग की है. संघ के महासचिव शंभू कुमार सिंह ने कहा कि पटना रेड जोन में है. मूल्यांकन में लगे सहायक शिक्षकों, प्रधान परीक्षकों और अन्य कर्मियों को तत्काल पांच-पांच हजार दिया जाना चाहिए.

बता दें कुछ दिनों पहले बिहार बोर्ड ने ऐसी आशंका जताई थी कि अगर लॉकडाउन की अवधि 3 मई से आगे नहीं बढाई गयी तो मैट्रिक का रिजल्ट 10 मई तक आने की पूरी उम्मीद है. लेकिन लॉक डाउन की वजह से मैट्रिक का रिजल्ट लटक गया.

अब लॉकडाउन के तीसरे चरण के बीच कॉपियों की जांच का काम एक बार फिर से शुरू हो चुका है. ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि मैट्रिक का रिजल्ट जल्द आने की सम्भावना है.