लेकिन फिर भी सज गया दिव्य दरबार, बागेश्वर बाबा ने सुनी अर्जी
पटना (TBN – The Bihar Now डेस्क)| आचार्य धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री उर्फ बागेश्वर बाबा (Dhirendra Krishna Shastri Darbar) ने सोमवार को राजधानी पटना के पास नौबतपुर स्थित तरेत पाली मठ (Taret Pali Math) में अपना दिव्य दरबार (Divya Darbar) लगाया. साथ ही उन्होंने हनुमत कथा भी कही. वैसे तरेत में रविवार को लाखों की संख्या में पहुंचे श्रद्धालुओं से उत्पन्न हुई परेशानियों को देखते हुए बाबा ने घोषणा की थी कि सोमवार को दिव्य दरबार नहीं लगेगा. हालांकि हनुमत कथा होगी.
दरअसल रविवार को बाबा की कथा सुनने के लिए पांच लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी थी. जबकि आयोजन स्थल पर दो लाख लोगों के बैठने की व्यवस्था है. भारी भीड़ और गर्मी की वजह से रविवार को 100 लोगों की तबीयत खराब हो गई. इसके बाद बाबा द्वारा सोमवार को लगने वाला दिव्य दरबार रद्द कर दिया गया था. बाबा ने खुद फेसबुक पर लाइव आकर ये बात कही थी और लोगों से अपील की थी कि जो जहां हैं वहीं रहें. यूट्यूब और टीवी के माध्यम से कथा सुनें.
लेकिन, सोमवार को बागेश्वर बाबा (Bageshwar Baba) की हनुमत कथा (Hanumat Katha) भी हुई, दिव्य दरबार भी सजा और बाबा को लेकर राजनीति भी जोरदार हुई. हालांकि आज श्रद्धालुओं की संख्या कम ही थी. फिर भी लाखों की संख्या में श्रद्धालु अर्जी लेकर पाली मठ पहुंचे थे. उनमें भी महज 25 लोगों की ही अर्जी सुनी गई.
सोमवार को तरेत पाली मठ में बागेश्वर बाबा की हनुमत कथा का तीसरा दिन था. पाली मठ स्थित कथा स्थल पर सुबह से ही लाखों की संख्या में भक्त पहुंच चुके थे. ऐसा लगा कि बागेश्वर बाबा का दिव्य दरबार घोषणा के मुताबिक नहीं लगेगा. परंतु आयोजकों ने उप-मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव से मुलाकात कर मुश्किलों को हल कर लिया. उसके बाद दोपहर से पहले खबर आई कि बाबा का दिव्य दरबार लगेगा लेकिन श्रद्धालुओं की संख्या सीमित रहेगी.
बागेश्वर बाबा ने निकाली पर्ची फिर सुनी अर्जी
सोमवार को बागेश्वर बाबा ने 25 से ज्यादा लोगों की पर्ची निकाली और उनका समाधान किया. जिनलोगों की आज अर्जी सुनी गई, उन्होंने मीडिया को बताया कि वह इस बात को लेकर काफी हैरान हैं कि बाबा को कैसे पहले से पता है कि उनकी समस्या क्या है. जबकि उन्होंने अपनी समस्या को मन में ही रखा था. किसी से शेयर भी नहीं किया था.
राजनीति भी जोरदार
बाबा बागेश्वर के बिहार आने के पहले से ही राज्य में राजनीति गरमाई हुई है. एक ओर जहां बाबा बागेश्वर के बिहार आने का आरजेडी विरोध कर रही है वहीं बाबा के समर्थन में बीजेपी के नेतागण लगातार कार्यक्रम से जुड़े हुए हैं. सोमवार को आरजेडी की तरफ से खबर आई कि आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव (RJD Supremo Lalu Yadav) और तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) बाबा के दरबार में जाएंगे. लेकिन फिर तेजस्वी ने इनकार करते हुए स्पष्ट किया कि जहां जनता का कोई फायदा नहीं होता है वह वहां नहीं जाते हैं.
तेजस्वी के इस बयान के बाद एक बार फिर से राजनीति गरमा गई. बीजेपी नेता और केंद्रीय मंत्री गरिराज सिंह (BJP MP Giriraj Singh) ने कहा कि तेजस्वी यादव वहां जाना पसंद करते हैं जहां जालीदार टोपी हो. बीजेपी सांसद ने कहा कि हनुमंत कथा से वोट बैंक की राजनीति पूरी नहीं हो रही है इसलिए वह वहां नहीं जा रहे हैं.
बता दें कि पटना के तरेत पाली मठ में 13 से 17 मई तक हनुमत कथा का आयोजन हो रहा है शाम को 4 बजे से 7 बजे तक श्रद्धालु हनुमंत कथा में शामिल होंगे जबकि सोमवार 15 मई दिव्य दरबार लगा जिसमें श्रद्धालुओं की पर्ची निकालकर बाबा ने लोगों की समस्याओं को सुना. बागेश्वर बाबा ने मंच से कहा कि 27 सितंबर को वह फिर से बिहार या रहे हैं. इस बार वह गया में आ रहे हैं. उन्होंने कहा कि बिहार के लोगों से मिले प्यार से वह काफी अभिभूत हैं.