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बिहार सरकार ने आज से की धान खरीदारी की शुरुआत

पटना (TBN – The Bihar Now डेस्क)| वर्ष 2021-22 के लिए बिहार सरकार (Bihar Government) के सहकारिता विभाग ने धान खरीदारी (Paddy Procurement) की शुरुआत कर दी है. यह राज्य के किसानों के लिए एक बड़ी खबर है.

सोमवर को राज्य के सहकारिता मंत्री सुभाष सिंह (Cooperative Minister Subhash Singh) ने कॉल सेंटर (Call Center) का नंबर जारी करते हुए इसकी शुरुआत की. कॉल सेंटर का नंबर 1800-1800-110 है. इस कॉल सेंटर पर किसान सातों दिन और 24 घंटे शिकायत दर्ज करा सकते हैं. साथ ही वे इस नंबर पर किसी भी तरह की जानकारी भी ले सकेंगे.

इस साल सरकार ने धान खरीदारी के लिए 45 लाख मीट्रिक टन का लक्ष्य रखा है. इसके लिए अब तक चार लाख 79 हजार 248 किसानों ने धान बेचने में दिलचस्पी दिखाई है.

नालंदा (Nalanda) से सबसे अधिक 39 हजार 967 किसानों ने ऑनलाइन आवेदन दिया है. वहीं, खगड़िया (Khagaria) जिला से सबसे कम 940 किसानों ने आवेदन दिया है. सरकार ने 1,940 रुपए प्रति क्विंटल सामान्य धान बेचने का दर निर्धारित किया है जबकि ग्रेड ए धान का दर 1,960 रुपए प्रति क्विंटल होगा.

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सहकारिता विभाग की सचिव वंदना प्रेयसी (Vandana Preyasi IAS) ने इस बात की जानकारी देते हुए कहा कि धान अधिप्राप्ति (खरीदी) का काम चरणबद्ध तरीके से होगा. दो प्रमंडल कोसी और पूर्णिया में आज यानी सोमवार से इसकी शुरुआत हो गई है. 10 नवंबर से तिरुहुत दरभंगा और सारण प्रमंडल में धान अधिप्राप्ति का काम शुरू होगा. जबकि 15 नवंबर से बाकी के प्रमंडल के लिए धान अधिप्राप्ति का काम शुरू किया जाएगा.

सहकारिता विभाग के सचिव की मानें तो किसानों को होने वाली परेशानियों को दूर करने के मकसद से अलग-अलग प्रमंडलों के लिए अलग-अलग तारीखों में धान अधिप्राप्ति का काम शुरू करने की योजना बनाई गई है.

वंदना प्रेयसी ने कहा कि अलग-अलग समस्याओं के लिए सिंगल विंडो सिस्टम बनाया गया है. समस्याओं के निदान के लिए सभी अफसरों के लिए समय सीमा का भी निर्धारण किया गया है. किसानों द्वारा कॉल सेंटर में कॉल करने के बाद एक टिकट नंबर भी दिया जाएगा और समस्या के समाधान के बाद उनसे इस बाबत जानकारी भी ली जाएगी.

उन्होंने कहा कि इस बार एक ऐसी कंपनी को लाया गया है जिसको कॉल सेंटर का 10 वर्षों तक का अनुभव है. सचिव ने कहा कि बैंकों के अलावा पैक्स ने भी इसकी तैयारी कर ली है. सहकारिता विभाग के सचिव ने उम्मीद जताई कि पिछली बार जो किसानों को तकलीफ और समस्याएं हुई थी इस बार नहीं होगी, और सरकार द्वारा उठाया गया यह कदम किसानों के लिए मील का पत्थर साबित होगा.