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कृषि मंत्री ने बिहार कृषि डायरी 2023 का किया विमोचन

पटना (TBN – The Bihar Now डेस्क)| बिहार के कृषि मंत्री कुमार सर्वजीत ने बुधवार को राजधानी पटना के मीठापुर कृषि प्रक्षेत्र में अवस्थित कृषि भवन के ऑडिटोरियम में कृषि विभाग द्वारा प्रकाशित बिहार कृषि डायरी, 2023 का विमोचन किया.

मंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि बिहार कृषि डायरी में कृषि विभाग द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं एवं कार्यक्रमों की जानकारी के साथ ही, विभागीय पदाधिकारियों के सम्पर्क-सूत्र को समाहित कर तैयार किया गया है. यह डायरी विभागीय पदाधिकारियों एवं प्रसार कार्यकर्त्ताओं के लिए काफी सूचनाप्रद साबित होगी. इस डायरी को कृषि विभाग के मुख्यालय से लेकर पंचायत स्तर तक के सभी पदाधिकारियों एवं प्रसार कर्मियों को उपलब्ध कराया जायेगा.

उन्होंने कहा कि किसानों को केन्द्र-बिन्दु में रखते हुए कृषि एवं संबद्ध क्षेत्रों के विकास के लिए चतुर्थ कृषि रोड मैप के सूत्रीकरण का कार्य प्रारम्भ किया जा रहा है. चतुर्थ कृषि रोड मैप में सभी महत्वपूर्ण अवयवों को शामिल किया जा रहा है, ताकि बिहार में समावेशी विकास की परिकल्पना साकार हो सके. किसानों का आर्थिक सशक्तिकरण कृषि विभाग का मुख्य लक्ष्य है. चतुर्थ कृषि रोड मैप के सूत्रीकरण में दो स्वरूपों ‘विजन डाक्युमेंट’ तथा ‘विस्तृत परियोजना प्रतिवेदन’ के अनुसार कृषि एवं संबद्ध विभागों के द्वारा योजनाओं का समयबद्ध तरीके से मॉनिटरेबल आकलन के अनुसार योजनाओं का क्रियान्वयन किया जायेगा. चतुर्थ कृषि रोड मैप में फसल विविधीकरण, दलहन एवं तेलहन फसल विकास, पोषक अनाज, जूट विकास तथा इन फसलों के बीज के लिए विशेष प्रयास किया जायेगा. साथ ही, जल उपयोग की दक्षता, गंगा के तटवर्ती क्षेत्रों में जोखिम प्रवणता एवं मिट्टी की उर्वरा के क्षरण को रोकने के लिए कार्यक्रमों का सूत्रीकरण किया जायेगा.

मंत्री ने इस अवसर पर बताया कि कृषि विभाग द्वारा नैनो यूरिया की उपयोगिता तथा उसके लाभ के बारे में किसानों को नये वर्ष में जागरूक किया जायेगा, ताकि अधिक-से-अधिक किसान नैनो यूरिया का उपयोग करें और यूरिया पर होने वाले व्यय को कम किया जा सके. उन्होंने कहा कि नैनो यूरिया (तरल) विश्व का प्रथम स्वदेशी नैनो उर्वरक है, जिसमें 4 प्रतिशत नेत्रजन होता है और इसकी उपयोग क्षमता 85 प्रतिशत से अधिक होती है. नैनो यूरिया के उपयोग से वायु, जल तथा मृदा प्रदूषण में कमी होगी. नैनो यूरिया पूर्णतः हानिरहित एवं सुरक्षित है. इसके उपयोग से फसलों में कीट एवं रोग के प्रभाव को कम किया जा सकता है. सबसे महत्त्वपूर्ण बात यह है कि नैनो यूरिया का परिवहन एवं भंडारण आसान एवं किफायती है.

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उन्होंने कहा कि वर्ष 2022-23 में रबी मौसम में भारत सरकार के द्वारा राज्य को आपूर्ति हेतु यूरिया की आवश्यकता का आकलन 12.70 लाख मे0ट0 किया गया है. माह अक्टूबर से माह दिसम्बर तक के कुल आवश्यकता के आलोक में 82 प्रतिशत यूरिया की आपूर्ति की गई है, जिसका विवरण निम्नप्रकार है:-

माहआपूर्ति हेतु स्वीकृत मात्रा (मेट्रिक टन में)वास्तविक आपूर्ति (मेट्रिक टन में)प्रतिशत
अक्टूबर-202221000013427364
नवम्बर-202225000017465070
दिसम्बर-2022330000339812103
कुल79000064873582

इस प्रकार, माह अक्टूबर, 2022 एवं नवम्बर, 2022 में यूरिया की आपूर्ति स्वीकृत मात्रा से कम रहने के कारण राज्य के कई जिलों में यूरिया की उपलब्धता आवश्यकता से कम रही. रबी 2022-23 में गत वर्ष से आच्छादन अधिक होना संभावित है, जिससे यूरिया की माँग भी अधिक है. पॉस स्टॉक में यूरिया की मात्रा 04 जनवरी, 2023 को 80332 मे0टन है. राज्य में यूरिया की माँग माह जनवरी तक चरम पर रहने का अनुमान है. कई जिले, जहाँ गेहूँ की बुआई विलंब से हुई है, वहाँ अभी यूरिया की अत्यधिक आवश्यकता है. किसानों को ससमय निर्धारित मूल्य पर उर्वरक की उपलब्धता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से राज्य में जीरो टॉलरेंस की नीति अपनायी गई है. इसके तहत् सभी जिला कृषि पदाधिकारी नियमित रूप से उर्वरक प्रतिष्ठान का निरीक्षण एवं सघन छापामारी कर रहे हैं. किसी भी स्तर पर अनियमितता प्रतिवेदित होने पर कार्रवाई भी किया जा रहा है.

उन्होंने कहा कि सचिव, कृषि द्वारा सभी जिला पदाधिकारी के साथ 26 दिसम्बर, 2022 को विडियो कॉन्फ्रेंसिग के माध्यम से बैठक आयोजित कर उर्वरक के परिचालन एवं वितरण पर सतत् निगरानी रखने हेतु निदेशित किया गया है. जिले में जिला प्रशासन के पदाधिकारी एवं कृषि विभाग के पदाधिकारी का संयुक्त जाँच दल गठन कर उर्वरक की कालाबाजारी एवं अनियमित बिक्री पर प्रभावी रोक लगाने हेतु छापामारी करने का निदेश दिया गया है. मुख्यालय स्तर से भी पदाधिकारियों का जाँच दल गठन कर सभी जिलो में उर्वरक के निर्धारित मूल्य पर बिक्री एवं कालाबाजारी के संबंध में नियमित रूप से जाँच करायी जा रही है. रबी 2022-23 में 04 जनवरी, 2023 तक कुल 4469 उर्वरक प्रतिष्ठानों पर छापामारी की गई है, जिसमें 100 उर्वरक प्रतिष्ठानों के विरू़द्ध प्राथमिकी दर्ज किया गया है एवं 132 उर्वरक प्रतिष्ठान का अनुज्ञप्ति रद्द किया गया है. 153 उर्वरक प्रतिष्ठानों का अनुज्ञप्ति निलंबित किया गया है एवं 155 उर्वरक प्रतिष्ठान से स्पष्टीकरण की माँग किया गया है.

इस अवसर पर सचिव, कृषि डॉ एन सरवण कुमार, विशेष सचिव रवीन्द्र नाथ राय, कृषि निदेशक डॉ आदित्य प्रकाश सहित मुख्यालय के पदाधिकारी एवं कर्मचारीगण उपस्थित थे.

(इनपुट-विज्ञप्ति)