2012 के औरंगाबाद के नक्सली हथियार और गोला-बारूद जब्ती मामले में 3 आरोपी दोषी करार
पटना (TBN – The Bihar Now डेस्क)| राजधानी पटना में एक विशेष राष्ट्रीय जांच एजेंसी (National Investigation Agency) अदालत (Special Court of NIA) ने शुक्रवार को राज्य के औरंगाबाद जिले में 2012 के नक्सली हथियार और गोला-बारूद जब्ती मामले में तीन आरोपियों को दोषी (NIA court convicts 3 accused in 2012 Naxal arms and ammunition seizure case of Aurangabad) ठहराया है.
एनआईए (NIA) ने एक बयान में कहा कि अदालत ने उदित नारायण सिंह उर्फ तुलसी उर्फ तूफान, अखिलेश सिंह उर्फ मनोज सिंह और अर्जुनजी उर्फ मणि यादव को दोषी करार दिया है. इन सबों को प्रतिबंधित नक्सली संगठन द्वारा आतंकी हमलों में इस्तेमाल के लिए बम और गैर-निषिद्ध हथियार और गोला-बारूद के साथ-साथ इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (आईईडी) बनाने के लिए रसायन रखने का दोषी पाया गया है.
एनआईए ने कहा कि सभी सक्रिय नक्सली कैडरों के आरोपियों के पास आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए लेवी के रूप में एकत्र की गई नकदी भी पाई गई थी. एनआईए ने बताया, “तीनों के खिलाफ सजा की मात्रा सोमवार 4 दिसंबर, 2023 को अदालत द्वारा सुनाई जाएगी.”
एनआईए ने मामले में आरोपियों पर गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम, शस्त्र अधिनियम और विस्फोटक पदार्थ अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत आरोप लगाए थे.
औरंगाबाद टाउन पुलिस ने शुरुआत में गुप्त सूचना मिलने के बाद तीन आरोपियों के घरों में छापेमारी की थी. उसके एक दिन बाद, 26 मार्च 2012 को पुलिस ने मामला दर्ज किया था कि कुछ सक्रिय नक्सली कैडर कुछ आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए औरंगाबाद में इकट्ठे हुए थे.
छापेमारी के दौरान पुलिस ने प्रतिबंधित हथियार, मैगजीन, भारी मात्रा में गोला-बारूद, रॉकेट प्रोपेल्ड ग्रेनेड, रासायनिक पदार्थ, एक बोलेरो वाहन, मोबाइल सेट, भारतीय मुद्रा के 3,34,000 रुपये तथा नक्सली साहित्य और अन्य आपत्तिजनक दस्तावेज़ व सामान जब्त किया था.
छापेमारी के बाद तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया. पुलिस द्वारा बाद की जांच में तीनों के खिलाफ आरोप पत्र और पूरक आरोप पत्र दाखिल किया गया.
एनआईए ने 19 मार्च 2013 को मामले को अपने हाथ में लेने के बाद आगे की जांच की और 6 जून 2015 को विशेष न्यायाधीश, एनआईए, पटना की अदालत में एक और पूरक आरोप पत्र दायर किया था.