“मेरे बेटे पर NSA तो उदयनिधि पर क्यों नहीं”: मनीष कश्यप की मां
पटना (TBN – The Bihar Now डेस्क)| मनीष कश्यप की मां ने भारत की राष्ट्रपति को पत्र लिख कर कहा है कि यदि मेरे बेटे मनीष कश्यप पर जिन धाराओं में प्राथमिकियाँ लिखी गईं और NSA तक लगा दिया गया, वही तर्क और धाराएँ स्टालिन पुत्र उदयनिधि पर क्यों लागू नहीं हो रहा है?
बता दें, पिछले शनिवार को DMK नेता उदयनिधि स्टालिन ने सनातन धर्म की तुलना ‘डेंगू व मलेरिया’ से की थी और कहा था – ‘कुछ चीजों को खत्म करना ही होगा, जैसे- मच्छर, डेंगू, मलेरिया, कोरोना, इन्हें खत्म करना ही होगा. इसका विरोध नहीं किया जा सकता है. सनातन धर्म भी ऐसे ही है, सम्मेलन का नाम उचित रखा गया है, मैं इसकी सराहना करता हूं.’
उन्होंने आगे कहा था – ‘सनातन क्या है? सनातन नाम संस्कृत से आया है. सनातन समानता और सामाजिक न्याय के खिलाफ है, सनातन कुछ नहीं है लेकिन इसका मतलब है कि वह स्थिर है, जिसे बदला नहीं जा सकता और उस पर सवाल नहीं उठाए जा सकते.’
उदयनिधि पर इस बयान से धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का आरोप है. इसको लेकर बिहार में उदयनिधि के साथ उनके पिता व तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के खिलाफ कई मुकदमे दर्ज किये गए हैं. मुजफ्फरपुर में दोनों के खिलाफ IPC की धारा 500, 504, 295 (क), 298, 120 (बी) के तहत मुकदमा दर्ज कराया गया है जिसकी सुनवाई 14 सितंबर को होनी है.
मनीष कश्यप की मां मधु देवी ने बुधवार 6 सितंबर को राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू से पत्र लिखकर मांग की है एक CM के बेटे को भी वही सज़ा मिलनी चाहिए जो भारत के आम नागरिक को अदालत देती है. मधु देवी ने अपने भावुक पत्र में लिखा – “अगर मेरे बेटे की वजह से दो राज्यों में टकराव की स्थिति पैदा हुई, तो उदयनिधि स्टालिन के बयान के कारण पूरे देश में टकराव की स्थिति पैदा हो सकती थी, फिर उन पर एनएसए के तहत मामला दर्ज कर जेल में क्यों नहीं डाला जा रहा है.’
पढिए, मनीष कश्यप की मां ने राष्ट्रपति को क्या पत्र लिखा –
सेवा में,
महामहिम राष्ट्रपति महोदया श्रीमती द्रोपती मुर्मू जी, भारत सरकार,
विषय- तमिलनाडु के मंत्री उद्यानिधि स्टालिन और बिहार का पत्रकार मनीष कश्यप के संबंध में।
महाशया,
मैं मधु देवी जो भारत की एक नागरिक हूं और बिहार के पश्चिमी चंपारण की रहने वाली हूं। मेरा बेटा जिसका नाम मनीष कश्यप है जो यूट्यूब चैनल के माध्यम से बिहार में पत्रकारिता करता है. जिसने बिहार के मजदूरों के लिए आवाज उठाया था और उसके वीडियो को गलत साबित करके तमिलनाडु में अलग-अलग जगह पर 6 फर्जी F.I.R. करके उसके ऊपर NSA लगा दिया गया. तमिलनाडु में मजदूरों के साथ जो घटना घटित हुआ था उसका वीडियो सबसे पहले तमिलनाडु से ही फरवरी महीना के 15 तारीख से वायरल किया जा रहा था. देश का प्रिंट मीडिया 21 फरवरी से इस घटना के बारे में अखबारों में छापना शुरू किया. इलेक्ट्रॉनिक मीडिया भी इस घटना को फरवरी से ही दिखाना शुरू किया. बिहार के अनेकों बड़े नेताओं ने फरवरी महीना के आखिरी में इस घटना पर प्रतिक्रिया दिया. मेरा बेटा भी इस पर वीडियो बनाया लेकिन उसने मार्च महीने में वीडियो बनाया और बिहार सरकार से सवाल किया कि आखिर बिहार के मजदूरों के साथ हर बात ऐसा क्यों होता है? उसका गुनाह सिर्फ इतना था और उसके ऊपर बिहार सरकार तथा तमिलनाडु सरकार ने मिली भगत से NSA लगा दिया.. अगर मेरे बेटे के वजह से दो राज्यों में टकराव के स्थिति पैदा हुई तो एक मुख्यमंत्री का बेटा जो तमिलनाडु में एक मंत्री हैं उसे उदयनिधि स्टालिन के बयान पर तो पूरे देश में टकराव की स्थिति पैदा हो सकती थी फिर उन पर NSA लगाकर जेल में क्यों नहीं डाला जा रहा है. अगर संविधान सबके लिए बराबर है तो तमिलनाडु के मुख्यमंत्री के बेटे पर भी NSA लगाए जाए तथा तमिलनाडु में प्रवासी मजदूरों के साथ जो घटना घटा था उसका सुप्रीम कोर्ट के द्वारा गठित स्वतंत्र कमेटी के द्वारा जांच की मैं मांग करती हूं.
मैं ज्यादा पढ़ी-लिखी नहीं हूं लेकिन एक फौजी की पत्नी और एक बहादुर बेटे की मां हूं. उम्मीद है महामहिम राष्ट्रपति जी मेरे बेटे के साथ इंसाफ करेंगी और मुख्यमंत्री के बेटे को भी वहीं सजा दिया जाएगा जो भारत के एक आम नागरिक की गलती पर न्यायालय के द्वारा उसे सजा दिया जाता है.
देश के महामहिम राष्ट्रपति से इंसाफ की उम्मीद करती एक माँ,
मधु देवी
