अब अपने दोनों पैरों पर चलेगी दिव्यांग सीमा, 2 दिन में लगा कृत्रिम पैर
जमुई (TBN – The Bihar Now डेस्क)| जमुई जिले की 10 वर्षीय महादलित विकलांग छात्रा (10 year old Mahadalit handicapped student) सीमा अब अपने दोनों पैरों से चलकर स्कूल जा सकेगी. महज दो दिनों के अंदर जिला प्रशासन ने सीमा को कृत्रिम पैर लगावा दिया है. एक पैर से करीब 1 किमी दूर कूदकर स्कूल जाने वाली सीमा अब दोनों पैरों पर चलेगी.
इसके पहले जिला प्रशासन की टीम कृत्रिम पैर लेकर सीमा के घर पहुंची थी. मीडिया में दिव्यांग सीमा की खबर आने के बाद से सरकारी, गैर सरकारी और निजी मदद के हाथ बढ़ने लगे हैं. बॉलीवुड एक्टर सोनू सूद (Bollywood Actor Sonu Sood) ने एनजीओ के साथ-साथ सीमा की मदद करने का भी वादा किया है.
दरअसल, जमुई जिला की खैरा प्रखंड के फतेहपुर गांव (Fatehpur village of Khaira block of Jamui district) की सीमा की खबर मीडिया में आने के बाद समाजसेवी और नेता उसके पास मदद के लिए पहुंचने लगे. एक पैर से चलकर स्कूल जाने वाली सीमा को कई संस्थाओं, जनप्रतिनिधियों ने ट्राईसाइकिल, कॉपी, किताब और आर्थिक मदद की.
इधर बुधवार को जिला प्रशासन ने सीमा को कृत्रिम पैर (artificial leg) लगाने का भी आश्वासन दिया था. साथ ही कृत्रिम पैर लगाने के लिए उसके पैर का माप भी लिया था. शुक्रवार को डीएम अवनीश कुमार सिंह ने खुद सीमा के घर जाकर उसे कृत्रिम पैर लगवाया.
कृत्रिम पैर लगने के बाद सीमा ने बताया कि अब वह बेहतर महसूस कर रही हैं. उसके चेहरे की चमक देखने लायक थी और वह अपने दोनों पैरों पर चलकर काफी खुश नजर आ रही थी.
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सीमा को कृत्रिम पैर लगाने के बाद उसे दौड़ा कर देखा गया ताकि उसे किसी तरह की परेशानी होने पर तुरंत ठीक किया जा सके. सीमा की पढ़ाई में कोई दिक्कत न हो, इसके लिए जिला प्रशासन द्वारा द्वारा उसे सारी सुविधाएं दी जा रही हैं. डीएम ने बताया कि सीमा के परिवार को जो भी सरकारी योजनाएं मिल सकती हैं, उसका लाभ दिया जाएगा.
बताते चलें, सीमा जमुई के खैरा प्रखंड के नक्सल प्रभावित इलाके फतेपुर गांव में रहती है. चौथी कक्षा में पढ़ने वाली 10 वर्षीय सीमा के पिता का नाम खिरन मांझी है. जब सीमा 8 साल की थी, तभी एक ट्रैक्टर की चपेट में आने से उनका पैर बुरी तरह जख्मी हो गया था. उसकी जान बचाने के लिए डॉक्टरों ने उसका एक पैर काट दिया था.
एक पैर कटने के बाद भी सीमा के हौसले कम नहीं हुए. उसने अपनी पढ़ाई जारी रखी और एक पैर से रोज लगभग 1 किमी कूद-कूद कर स्कूल जाती थी. उसकी कहानी मीडिया में आने के बाद प्रशासन सहित कई हाथ उसकी मदद को उठे हैं.