कई बड़े विज्ञापनदाताओं ने ट्विटर पर विज्ञापन नहीं देने का लिया फैसला
सैन फ्रांसिस्को / मुंबई (TBN – The Bihar Now डेस्क)| ट्विटर (Twitter) की कमान संभालते ही एलन मस्क (Elon Musk) ने ताबड़तोड़ कई बड़े फैसले लिए, जिसमें बड़ी संख्या में एम्प्लॉयीज की छंटनी भी शामिल है. ग्लोबल स्तर पर बड़ी संख्या में एंप्लॉयीज को नौकरी से हटाए जाने की आलोचना दुनियाभर में हो रही है. खुद ट्विटर के मालिक अपने ही प्लेटफॉर्म पर ट्रोल हो रहे हैं. वहीं इस बीच कई बड़ी कंपनियों ने ट्विटर पर विज्ञापन नहीं देने का फैसला लिया (Many big companies decided not to advertise on Twitter) है.
बता दें कि बीते गुरुवार को जनरल मिल्स और ऑडी जैसी दिग्गज कंपनियों ने ट्विटर पर विज्ञापन नहीं करने का फैसला किया था. यहां तक कि विज्ञापन खरीदने वाले दिग्गज इंटरपब्लिक ग्रुप (Interpublic Group) और हवास मीडिया ग्रुप (Havas Media Group) की विवेंडी की ऐडवर्टाइजिंग यूनिट (Vivendi’s Advertising Unit) ने भी अपने ग्राहकों से मंच पर विज्ञापन रोकने की सिफारिश की थी, लेकिन अब यूनाइटेड एयरलाइंस होल्डिंग्स (United Airlines Holdings) भी इस कतार में शामिल हो गई है.
कंपनी ने कहा है कि वह अब सोशल मीडिया साइट ट्विटर पर अपना विज्ञापन नहीं देगी.
वहीं, कुछ कॉर्पोरेट विज्ञापनदाताओं के समूह ने करीब एक महीने के लिए ट्विटर से दूरी बनाई हुई है, यानि वे भी अब ट्विटर को विज्ञापन नहीं देंगे. इसमें दिग्गज अमेरिकी कंपनियां जनरल मोटर्स, ओरियो निर्माता मोंडेलेज इंटरनेशनल, फाइजर इंक और फोर्ड जैसे प्रमुख नाम शामिल हैं.
दरअसल, मस्क के पिछले हफ्ते कंपनी संभालने और कंटेंट मॉडरेशन सहित व्यापक बदलावों की शुरुआत करने के बाद विज्ञापन कंपनियों पर यह तय करने का दबाव बढ़ रहा है कि क्या ट्विटर पर खर्च करना जारी रखा जाए.
दरअसल, इसकी दो बड़ी वजह हैं, पहला यह कि ट्विटर को टेकओवर करने से पहले ट्विटर के नए मालिक एलन मस्क ने विज्ञापन देने वाली कंपनियों से वादा किया था कि वह ट्विटर को ‘फ्री-फॉर-ऑल हेलस्केप’ में बदलने से रोकेंगे. अब ये वादा मस्क के गले का कांटा बनता जा रहा है. उन्होंने कहा था कि ट्विटर खरीदने का मकसद सिर्फ विज्ञापन से पैसा कमाना नहीं है, बल्कि यह सौदा मानवता की मदद के लिए किया गया है, जिससे उन्हें प्यार है और वह नहीं चाहते कि यह ‘सभी के लिए मुक्त नरक’ बन जाए, जहां कुछ भी बिना किसी परिणाम के कहा जा सके. उनका मकसद आने वाली सभ्यता को एक कॉमन डिजिटल स्पेस देना है, जहां विभिन्न विचारधारा और विश्वास के लोग किसी भी तरह की हिंसा के बिना स्वस्थ चर्चा कर सकें. साथ ही उन्होंने यह भी कहा था कि ट्विटर सबसे सम्मानित एडवर्टाइजिंग प्लेटफॉर्म बनना चाहता है.
वहीं दूसरी वजह उनका एक बेहद ही पुराना ट्वीट है, जो कि उन्होंने विज्ञापनों के प्रति अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए अक्टूबर, 2019 में किया था. ‘I hate advertising.’ मतलब मुझे विज्ञापन से नफरत है. लिहाजा, मस्क पर अब उन विज्ञापन एजेंसियों को अलग-थलग होने से बचाने का दबाव है, जो ट्विटर के 90% से अधिक रेवेन्यू में योगदान करती हैं.
माना जा रहा है कि विज्ञापनदाता ट्विटर से तब तक दूरी बनाए रखना चाहते हैं, जब तक एलन मस्क ट्विटर के लिए एक दिशा स्पष्ट नहीं करते या ट्विटर विज्ञापन एजेंसियों के मामले में क्या फैसले लेंगे इसकी घोषणा नहीं करते हैं, क्योंकि हर तरफ अनिश्चितता का माहौल बना हुआ है.
(इनपुट-न्यूज)