IGIMS पटना रहा असफल, पहला लिवर ट्रांसप्लांट हुआ फेल, मरीज की हुई मौत
पटना (TBN रिपोर्ट) | बिहार में हुआ पहला लिवर ट्रांसप्लांट असफल हो गया है. तीन दिन पहले दिल्ली से एयरलिफ्ट कर लाए गए जिस व्यक्ति का लिवर ट्रांसप्लांट हुआ था, उसने आज दम तोड़ दिया. लिवर ट्रांसप्लांट करने के बाद उसे वेंटिलेटर पर रखा गया था. उसे होश नहीं आने पर डॉक्टरों ने उसके जीवित बचने की संभावना बहुत कम होने की बात कही थी.
बताते चलें कि पिछले साल 19 सितंबर को सौरभ प्रतीक नाम का 19 वर्षीय लड़का नालंदा में अपने घर की छत से गिरकर बेहोश हो गया था. नालंदा में एक निजी अस्पताल ने 21 सितंबर को सौरभ का ‘ब्रेन डेड’ घोषित कर दिया, जिसके बाद सौरभ को 21 सितंबर को IGIMS में भर्ती कराया गया था. 23 सितंबर को IGIMS के डॉक्टरों द्वारा उसके ब्रेन डेड घोषित करने के बाद सौरभ की मां सरिता सिन्हा ने अपने बेटे के महत्वपूर्ण अंगों को दान करने का फैसला किया था.
रोहित का एक लिवर पश्चिम बंगाल की 29 वर्षीय राखी मंडल नामक स्त्री तथा दूसरा लिवर नोएडा के 47 वर्षीय डॉ. निमेश चंद्रा को लगाया गया था. डॉ. चंद्रा लिवर ट्रांसप्लांट के इंतजार में दिल्ली के साकेत स्थित मैक्स अस्पताल में भर्ती थे. रोहित के ब्रेन डेड घोषित होने और परिजनों द्वारा देह दान के लिए सहमति देने के बाद चंद्रा को एयरलिफ्ट कर आईजीआईएमएस में लाया गया था. डॉक्टरों की टीम ने 10 घंटे के ऑपरेशन के बाद ऑपरेशन की सफलता की घोषणा की थी.
बाद में अस्पताल अधीक्षक सह ऑपरेशन करनेवाली टीम में शामिल डॉ. मनीष मंडल ने कहा था कि मरीज की हालत में कोई सुधार नहीं हुआ. उन्होंने कहा कि यह मरीज का दूसरी बार लिवर ट्रांसप्लांट था. दूसरी बार सफलता की संभावना ऐसे भी कम रहती है. उन्होंने कहा कि मैक्स के डॉक्टरों ने आईजीआईएमएस में आकर मरीज का ट्रांसप्लांट किया था.
उधर मरीज के बचने की संभावना कम होते देख मरीज के एक नजदीकी परिजन भी आईजीआईएमएस में ट्रांसप्लांट के लिए मौजूद सुविधाओं पर असंतोष प्रकट करने लगे थे. साथ ही सूत्रों का कहना है कि प्रचार पाने की होड में IGIMS ने उस मरीज पर ध्यान नहीं दिया.