भारत में कोरोना के नए सब वेरिएंट जेएन-1 का पहला मामला, स्वास्थ्य मंत्रालय ने की पुष्टि
नई दिल्ली (TBN – The Bihar Now डेस्क)|केरल में कोरोना वायरस के नए सब वेरिएंट जेएन.1 (new sub variant of Corona virus JN-1) के पहले मामले की पुष्टि हो गई है. शनिवार को भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (Indian Council of Medical Research) के महानिदेशक डॉ. राजीव बहल ने केरल में इस नए वेरिएंट के एक मामले की पुष्टि की है.
स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से जारी बयान के अनुसार केरल के तिरुवनंतपुरम में 79 वर्षीय महिला के नमूने की 18 नवंबर को आरटी-पीसीआर (RT-PCR) जांच की गई थी, जो संक्रमित पाया गया. इस मामले की जांच रिपोर्ट 8 दिसंबर को आई थी, जिसमें जे एन-1 की पुष्टि हुई थी. महिला में इन्फ्लूएंजा जैसी बीमारियों (ILI) के हल्के लक्षण थे.
कितना खतरनाक है
स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार पिछले कुछ हफ्तों से केरल में कोरोना के मामलों में फिर से बढ़ोतरी देखने को मिल रही है. इसका कारण परीक्षण के लिए भेजे जाने वाले आईएलआई मामलों के नमूनों की संख्या में वृद्धि है. इनमें से अधिकांश मामले चिकित्सकीय रूप से हल्के होते हैं और बिना किसी इलाज के अपने घर पर ही ठीक हो जाते हैं. वैसे मौजूदा समय में इस बात का कोई सबूत नहीं है कि JN.1 वर्तमान में मौजूद कोरोना के अन्य वेरिएंट की तुलना में ज्यादा खतरनाक है या नहीं.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार कोरोना के मद्देनजर सभी राज्यों में सभी स्वास्थ्य सुविधाओं में उनके सार्वजनिक स्वास्थ्य और अस्पताल की तैयारी के उपायों का आकलन करने के लिए एक मॉक ड्रिल चल रही है. 13 दिसंबर से शुरू हुई यह गतिविधि जिला कलेक्टरों की समग्र निगरानी में की जा रही है और 18 दिसंबर, 2023 तक पूरी होगी. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय केरल राज्य स्वास्थ्य विभाग के साथ नियमित संपर्क में है और प्रवेश के विभिन्न बिंदुओं की निगरानी कर रहा है.
दरअसल, चीन जहां से कोरोना महामारी की शुरुआत हुई थी, वहां अब कोरोना के एक नए सबवेरिएंट जेएन.1 (JN.1) के मामले आए हैं. कोरोना के इस नए सबवेरिएंट की पहचान सबसे पहले लक्जमबर्ग में की गई थी, जिसके बाद यूके, आइसलैंड, फ्रांस और अमेरिका में भी इसके मामले सामने आने लगे.
क्या है सब वेरिएंट जेएन.1?
डिजीज कंट्रोल एंड प्रीवेंशन सेंटर (Disease Control and Prevention Center) के मुताबिका कोरोना का यह सबवेरिएंट, ओमिक्रॉन सबवेरिएंट BA.2.86 का वंशज है, जिसे ‘पिरोला’ भी कहा जाता है. वैज्ञानिकों की मानें, तो JN.1 और BA.2.86 के बीच केवल एक ही बदलाव है और वह है स्पाइक प्रोटीन में बदलाव. स्पाइक प्रोटीन जिसे स्पाइक भी कहा जाता है. यह वायरस की सतह पर छोटे स्पाइक्स जैसा दिखाई देता है. इसी वजह से लोगों में वायरस का संक्रमण ज्यादा तेजी से होता है.
जेएन.1 के लक्षण
सीडीसी के मुताबिक कोरोना के इस नए सबवेरिएंट के अभी तक कोई खास लक्षण नजर नहीं आए हैं. ऐसे में यह पता लगा पाना मुश्किल है कि इसके लक्षण कोविड-19 के अन्य वेरिएंट से अलग है या नहीं. वहीं, बात करें कोरोना के आम लक्षणों की, तो इनमें निम्न शामिल हैं –
बुखार
लगातार खांसना
जल्दी थकान होना
नाक बंद या जाम हो जाना
नाक का बहना
दस्त
सिर में दर्द
(इनपुट – एजेंसी)