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किसानों को दी जाए फसल हर्जाना – बिहार राज्य किसान सभा

पटना (TBN – The Bihar Now डेस्क)| पूरे राज्य में मानसून की बरसात नहीं होने के कारण किसानों को हुए भारी नुकसान के एवज में किसानों को 50 हजार रुपए प्रति एकड़ फसल हर्जाना दिया जाए. रविवार को बिहार राज्य किसान सभा के महासचिव विनोद कुमार तथा संयुक्त सचिव प्रभुराज नारायण राव ने यह मांग की.

दोनों ने कहा कि आज पूरे बिहार में मानसून की बरसात नहीं होने से धान, गन्ना तथा अन्य फसलों की भारी बर्बादी हुई है. किसान जो पूरे बिहार में धान का फसल लगाते हैं और उसी से साल भर अपने खाने की व्यवस्था करते हैं. वर्षा नहीं होने के कारण धान के पौधा का विकास रुक गया है या फिर सूख गया है. धान लगा खेत पानी के अभाव में अत्र-तत्र फट चुके हैं.

उन्होंने कहा कि आज राज्य में सुखाड़ से फसल की पूरी बर्बादी हो चुकी है. निचले हिस्से में बाढ़ भी बरपा है. इसलिए फसल हर्जाना प्रति एकड़ 50 हजार रुपए सरकार की तरफ से किसानों को दिया जाए.

बिहार राज्य किसान सभा की ओर से जारी एक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, सभा लगातार सरकार से मांग करती रही है कि फसल को सूखने से बचाया जाए, क्योंकि बिहार में धान की खेती और उसे पैदा हुए धान लोगों के भोजन का मुख्य स्रोत है. ऐसी स्थिति में बिहार सरकार तथा आपदा प्रबंधन कान में तेल लगा कर सो रही है.

बिहार सरकार द्वारा किसानों को डीजल अनुदान देने की घोषणा, उसमें भी किसान के नाम से डीजल के इलेक्ट्रॉनिक मशीन द्वारा निकाली गई बिल पर किसान रजिस्ट्रेशन को अंकित की अनिवार्यता, किसी भी मायने में किसानों के हित में नहीं है. बल्कि किसानों को डीजल अनुदान से भी वंचित करने की एक सुनियोजित योजना है.

2 सितंबर को मुख्यमंत्री का करेंगे घेराव

बिहार राज्य किसान सभा बिहार सरकार से कहना चाहती है कि किसानों को तथा बिहार में रह रहे खेत मजदूर, दलित, अति पिछड़े सहित सभी परिवारों को अविलंब सहायता प्रदान नहीं किया जाय. बिहार राज्य किसान सभा सड़कों पर उतरेगी और आगामी 22 सितंबर को बिहार के मुख्यमंत्री का पटना में घेराव करेगी.

सभा ने कहा है कि उत्तर बिहार के अधिकांश हिस्से जो बाढ़ से तबाही लाते थे. उन क्षेत्रों में सुखाड़ पड़ा हुआ है. गन्ने की खेती भी सुखाड़ के चपेट में आया है. दक्षिण बिहार की स्थिति भी वैसा ही है.

बिहार राज्य किसान सभा ने सरकार से मांग की है कि आगामी दिनों के लिए किसानों को घाटे की खेती से उबारने के लिए प्रोत्साहन के रूप में सस्ते दर पर खाद, बीज और डीजल के बढ़ते दाम को देखते हुए पानी पटाने के लिए किसानों को भारी अनुदान दिया जाए. साथ ही बिहार के सभी परिवार को राशन प्रणाली के माध्यम से 10 किलो खाने का मुफ्त अनाज तथा साग सब्जी के लिए 10 हजार रुपए सभी परिवारों को दिया जाए.