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जहरीली शराब त्रासदी: मंत्री ने कहा, सभी आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए हो रही छापेमारी

पटना (TBN – The Bihar Now डेस्क)| बिहार जहरीली शराब त्रासदी (Bihar hooch tragedy) के बाद राज्य के आबकारी मंत्री सुनील कुमार (state Excise Minister Sunil Kumar) ने सोमवार को कहा कि सभी आरोपियों को पकड़ने के लिए विभिन्न स्थानों पर छापेमारी की जा रही है. उन्होंने कहा कि जहरीली शराब कांड में आगे की कार्रवाई पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद ही की जाएगी.

सुनील कुमार ने कहा, “विभिन्न स्थानों पर छापे मारे जा रहे हैं ताकि सभी अभियुक्तों और गैर-एफ़आईआर अभियुक्तों, विशेष रूप से आपूर्तिकर्ता और निर्माता को पकड़ा जा सके. अब तक मिले सबूतों के अनुसार, हम पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट का भी इंतज़ार कर रहे हैं. फिर हम आगे की कार्रवाई करेंगे.”

उन्होंने कहा कि एक सर्वे के मुताबिक 80 फीसदी लोग, खासकर महिलाएं बिहार में शराबबंदी का समर्थन करती हैं. बिहार के आबकारी मंत्री ने कहा, “चाणक्य नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी (Chanakya National Law University) के सर्वेक्षण के अनुसार, यह स्पष्ट है कि 80 प्रतिशत से अधिक लोग, विशेष रूप से महिलाएं, इसका (बिहार में शराबबंदी) समर्थन करती हैं.”

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बिहार में जहरीली शराब से होने वाली मौतों पर आगे बोलते हुए उन्होंने कहा कि 2016 से 2022 तक मौतों की संख्या में कमी आई है. “2016 से 2022 तक, बिहार में (शराब के कारण) मौतें अन्य राज्यों की तुलना में बहुत कम हैं. मप्र में शराब बंदी के बिना 1200 से अधिक मौतों की सूचना है. कर्नाटक में 700 से अधिक मौतों की सूचना है जबकि यूपी में ऐसी सैकड़ों मौतें हुईं हैं. उत्तराखंड में भी मौतें हुईं,” बिहार के मंत्री ने कहा.

पुलिसकर्मी निलंबित

उन्होंने मीडिया को बताया कि छपरा में कथित तौर पर जहरीली शराब पीने से 72 लोगों की मौत के मामले में इसुआपुर थानाध्यक्ष सहित पांच लोगों को निलंबित कर दिया गया है. सारण के पुलिस अधीक्षक (Saran SP) संतोष कुमार ने मशरख थाने के इसुआपुर थानाध्यक्ष संजय राम, चौकीदार हरि राय, दफादार कृशा सिंह और चौकीदार रामनाथ मांझी को ड्यूटी में लापरवाही बरतने के आरोप में तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है.

मसरख थानाध्यक्ष रितेश मिश्रा व आरक्षक विकेश तिवारी को मढ़ौरा अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी योगेंद्र कुमार की अनुशंसा पर गुरुवार को निलंबित कर दिया गया. कई अन्य पुलिस अधिकारियों और कर्मियों की गतिविधियों की गहन जांच शुरू की गई है.

उधर, भारतीय जनता पार्टी के सांसद सुशील मोदी ने रविवार को दावा किया था कि छपरा जहरीली शराब कांड में पीड़ितों के परिवार के सदस्य “पुलिस के डर” के कारण बिना पोस्टमॉर्टम के उनका अंतिम संस्कार कर रहे हैं. उन्होंने राज्य सरकार पर त्रासदी में मौतों की वास्तविक संख्या को छिपाने का भी आरोप लगाया और “100 से अधिक मौतों” का दावा किया. इस मुद्दे को लेकर सोमवार को भाजपा विधायकों ने बिहार विधानसभा के बाहर विरोध प्रदर्शन किया.