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सुशांत केस: बिहार सरकार का महाराष्ट्र सरकार से सवाल, बिना FIR के जांच कैसे हुई

पटना (TBN – The Bihar Now डेस्क) | सुप्रीम कोर्ट में रिया चक्रवर्ती ने बिहार से मुंबई केस ट्रांसफर करने की याचिका दायर की थी. जिसकी सुनवाई जस्टिस ह्रषिकेश रॉय की बेंच कर रही है. सीनियर एडवकेट मनिंदर सिंह बिहार सरकार की तरफ से, एएम सिंघवी महाराष्ट्र सरकार, श्याम दिवान रिया की तरफ से और विकास सिंह सुशांत सिंह की फैमिली का पक्ष रखेंगे.

बता दें अब से कुछ देर में साफ हो जाएगा कि सुशांत केस की जांच सीबीआई करेगी या मुंबई पुलिस. सुप्रीम कोर्ट बिहार, महाराष्ट्र, केंद्र सरकार और सुशांत सिंह राजपूत के पिता के दाखिल जवाबों पर फैसला सुनाएगी.

के.के सिंह के वकील ने मुंबई पुलिस की जांच पर उठाए सवाल

सुशांत सिंह राजपूत के पिता के.के सिंह के वकील ने कहा कि मुझे बिहार में केस दर्ज कराने का अधिकार है. मेरी शिकायत में साफ लिखा है कि मुंबई पुलिस मामले की सही जांच नहीं कर रही थी. इस केस की अच्छे से जांच की जरूरत है.

किसी ने नहीं देखा कि सुशांत की बॉडी को पंखे से नीचे किसने उतारा? कैसे बिहार पुलिस के अफसर को क्वारनटीन किया गया. ऐसा लगता है जैसे बीएमसी का क्वारनटीन प्रोटोकोल रुल 3 अगस्त को ही लागू हुआ. 3 अगस्त को बीएमसी के नियम बदल गए, कहा गया कि सरकारी अधिकारियों को कोई छूट नहीं मिलेगी.

महाराष्ट्र के वकील की दलील

महाराष्ट्र सरकार के वकील ने सुप्रीम कोर्ट में कहा- बिहार पुलिस का FIR दर्ज कर जांच शुरू कर देना गलत. सीबीआई जांच की सिफारिश करना गलत. केंद्र सरकार का सिफारिश मानना गलत. हमरे बिना FIR दर्ज किए जांच करना सही, हमारी जांच में 40 दिनों में 50 लोगों से पूछताछ का नतीजा नहीं आना भी सही.

घटना जहां पर हुई है उस राज्य की सहमति सीबीआई जांच के लिए जरूरी है. अपवाद यह है कि हाईकोर्ट या सुप्रीम कोर्ट अपनी ओर से भी सीबीआई जांच का आदेश दे सकता है. लेकिन ऐसा बेहद रेयर केस में होना चाहिए.