अवैध बालू उत्खनन मामले में कइयों पर गिरी गाज, राकेश दूबे व सुधीर कुमार पोरिका निलंबित
पटना (TBN – The Bihar Now डेस्क)| बिहार में बालू के अवैध खनन (Illegal Sand Mining) में मंगलवार को बिहार सरकार द्वारा बड़ी कार्यवाई की गई है. इस मामले में संलिप्त कई अफसरों को निलंबित कर दिया गया है. वैसे इन सभी अफसरों को आर्थिक अपराध इकाई की जांच रिपोर्ट के आधार पर पहले ही अपने पद से हटा दिया गया था.
मंगलवार को बिहार सरकार ने बड़ी कार्रवाई करते हुए भोजपुर और औरंगाबाद के तत्कालीन एसपी समेत चार डीएसपी को निलंबित कर दिया है. एक अनुमण्डल पदाधिकारी भी निलंबित हुए हैं जबकि तीन अंचलाधिकारी और एक एमवीआई को भी निलंबित कर दिया गया है. खनन विभाग के छह अधिकारियो पर भी गाज गिरी है.
भोजपुर के तात्कालिक एसपी राकेश दूबे (Rakesh Dubey, IPS) और औरंगाबाद के तत्कालीन एसपी सुधीर कुमार पोरिका (Sudhir Kumar Porika, IPS) को निलंबित कर दिया गया है.
बता दे, एक मई 2021 से बालू उत्खनन के कार्य से संबंधित ठीकेदारों द्वारा बंद किए जाने के बाद भी कुछ जगहों पर अवैध बालू का उत्खनन एवं गैर कानूनी व्यापार हो रहा था.
इस संबंध में कई शिकायतें सरकार को मिली थी. इन शिकायतों के आलोक में आर्थिक अपराध इकाई पटना से इसकी जांच कराई गई. इस जांच के बाद उपरांत सरकार ने कई सरकारी पदाधिकारियों को इसके लिए जिम्मेवार ठहराया. मंगलवार को इन जिम्मेवार पदाधिकारियों को निलंबित कर दिया है.
आर्थिक अपराध इकाई के अपर पुलिस महानिदेशक के प्रतिवेदन में मानवीय व तकनीकी सूचना संबंधित साक्ष्यों के आधार पर भोजपुर के मोटरयान निरीक्षक (MVI) विनोद कुमार को अवैध बालू उत्खनन में संलग्न लोगों की मदद पहुंचाने का जिम्मेदार माना गया.
इसके बाद विनोद कुमार से इस बारे में स्पष्टीकरण पूछा गया. स्पष्टीकरण का जवाब संतोषजनक नहीं पाया गया. उसके बाद विनोद कुमार को सरकारी दायित्व के निर्वहन में अचूक व कर्तव्य शुद्धता के लिए तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है.
विनोद कुमार के साथ कई और पदाधिकारियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है, जिनके नाम निम्न हैं –
बसंत राय, तात्कालिक प्रभारी अञ्चल पदाधिकारी, बारूण, औरंगाबाद,
अनुज कुमार, तात्कालिक प्रभारी अञ्चल पदाधिकारी, कोइलवर, भोजपुर,
राकेश कुमार, तात्कालिक प्रभारी अञ्चल पदाधिकारी, पालीगंज, पटना,
संजय कुमार, सहायक निदेशक, माइन्स,
प्रमोद कुमार, खनन विकास अधिकारी,
सुरेन्द्र सिंहा, खनन विकास अधिकारी,
राजेश कुशवाहा, खनन विकास अधिकारी,
मुकेश कुमार, खनन विकास अधिकारी,
मधुसूदन चतुर्वेदी और रंजीत कुमार, दोनों माइनिंग इन्स्पेक्टर जो को-आपरेटिव विभाग से थे, को वापस अपने विभाग भेज कर विभाग को निदेश दिया गया है कि इन दोनों को तत्काल निलंबित कर दिया जाए.
आपको बता दें, पाँच दिनों पहले एक टीवी न्यूज चैनल पर अवैध रूप से बालू उत्खनन को दिखाया गया था. इसके बाद बिहार सरकार के खनन मंत्री जनक राम ने स्वीकार किया कि राज्य में धड़ल्ले से बालू माफिया अपना कारोबार कर रहे हैं. उन्होंने कहा था कि इस अवैध कारोबार में जो लोग भी शामिल हैं, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी.