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न्यायालय ने खारिज की अर्जी, तमाम कानूनी विकल्‍प समाप्‍त, अब कल शुक्रवार सुबह होगी फांसी

पटना / नई दिल्ली (TBN रिपोर्टर) | बहुचर्चित एवं नृशंस निर्भया रेप केस में शुक्रवार अर्थात 20 मार्च को दोषियों को होने वाली फांसी का रास्ता साफ हो गया है. गुरुवार को दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट ने इस चारों दोषियों की डेथ वारंट पर रोक लगाने से इनकार कर दिया. अदालत ने डेथ वारंट पर रोक लगाने हेतु दायर याचिका को खारिज कर दिया. इसका मतलब अब सभी चारों दोषियों को शुक्रवार की सुबह फांसी पर लटकाया जाएगा.

ज्ञातव्य है कि 16 दिसंबर 2012 के दिल्‍ली के बहुचर्चित निर्भया रेप मामले में चार दोषियों विनय शर्मा, अक्षय ठाकुर, पवन गुप्ता और मुकेश को 20 मार्च की सुबह में फांसी दी जानी है. इनमें बिहार के औरंगाबाद जिले के नवीनगर प्रखंड के लहंगकर्मा गांव का मूल निवासी अक्षय ठाकुर भी शामिल है. चारों दोषियों के फांसी की सजा माफ कराने के तमाम कानूनी विकल्‍प समाप्‍त हो चुके हैं.

            पटियाला कोर्ट परिसर के पास दोषी अक्षय ठाकुर की बेहोश पत्नी पुनीता देवी

इसके पहले गुरुवार को दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट में सुनवाई के दौरान हाई वोल्टेज ड्रामा हुआ. कोर्ट रूम में दोषी अक्षय ठाकुर की पत्नी ने पुनीत देवी ने जज के सामने रोना शुरू कर दिया. इतना ही नहीं, पुनीता देवी ने निर्भया की मां आशा देवी के पैर पर गिरकर गिड़गिड़ाते हुए कहा कि आप मेरी मां जैसी हैं, इसलिए इस फांसी को रुकवा लीजिए. बाद में न्यायालय द्वारा डेथ वारंट पर रोक लगाने हेतु दायर याचिका खारिज होने के बाद पुनीता देवी न्यायालय परिसर में बेहोश हो गई.

तलाक केस में पुनीता देवी का वकील मुकेश सिंह

इधर बिहार के औरंगाबाद स्थित परिवार न्यायालय में दोषी अक्षय ठाकुर की पत्नी पुनीता देवी ने अपने पति से तलाक के लिए अर्जी डाली हुई थी जिसका गुरुवार को ही सुनवाई होने थी. औरंगाबाद परिवार न्‍यायालय में दायर इस अर्जी पर सुनवाई टल गई है. पुनीता ने दायर अर्जी में कहा है कि वह दुष्‍कर्म के सजायाफ्ता की विधवा का जीवन जीना नहीं चाहती. इस कारण वह अपने सजायाफ्ता पति से तलाक चाहती है. पुनीता ने कहा है कि उसके पति अक्षय को निर्भया रेप मामले में दोषी ठहरा कर फांसी की सजा दी जा रही है, जबकि वह निर्दोष है क्योंकि घटना के दिन उसका पति अक्षय ठाकुर उसके साथ घर पर औरंगाबाद में था. दरअसल में, अक्षय की पत्‍नी द्वारा दायर तलाक की अर्जी को फांसी रुकवाने के नए हथकंडे के रूप में देखा जा रहा था, लेकिन गुरुवार को पटियाला हाउस कोर्ट के आदेश से उसका यह हथकंडा फेल हो गया. औरंगाबाद परिवार न्यायालय ने कहा है कि सुनवाई के लिए पुनीता को सशरीर उपस्थित होना पड़ेगा. अब इसकी अगली सुनवाई की तारीख 24 मार्च है लेकिन इसके पहले ही 20 मार्च को अक्षय को फांसी हो जानी है. पुनीता के वकील मुकेश कुमार का कहना है कि इस अर्जी का मूल मकसद तलाक है, न कि फांसी रुकवाना. वैसे पुनीता अपने बेटे के साथ गुरुवार को तिहाड़ जेल में अंतिम मुलाकात करने दिल्ली पहुंची.
इधर, निर्भया की माँ आशा देवी ने कहा कि अब शुक्रवार 20 मार्च को दोषियों की फांसी पक्की है. आशा देवी के अनुसार जब तक दोषियों को फांसी नहीं होगी, ये पैतरें दिखाते रहेंगे और इनकी फांसी टलती रहेगी. वैसे भी इन चारों दोषियों की फांसी पहले भी देथ वारंट निकलने के बाद भी तीन बार टल चुकी है. लेकिन अब इनके पास कोई कानूनी पेंच नहीं बचा है, इसलिए कल यानि शुक्रवार को इनकी फांसी होनी तय है.