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औरंगाबाद: नक्सलियों ने पंचायत भवन सहित मोबाईल टावर में किया धमाका

पटना (TBN – The Bihar Now डेस्क)| राज्य के औरंगाबाद (Aurangabad Bihar) में एक बार फिर नक्सलियों (Maoist) ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है. 72 घंटे के बंद के ऐलान के बीच सोमवार रात नक्सलियों द्वारा औरंगाबाद में एक सरकारी भवन को उड़ा दिया. साथ ही नक्सलियों ने एक मोबाइल टॉवर के जेनरेटर सेट में धमाका कर दिया तथा नल जल योजना के तहत बनी पानी टँकी को भी क्षतिग्रस्त कर दिया.

औरंगाबाद के एसपी कांतेश मिश्रा (Kantesh Mishra IPS) के अनुसार औरंगाबाद के मदनपुर थाना (Madanpur PS Aurangabad) क्षेत्र के जुहाड़ी गांव (Naxal attack in Juhadi Village Aurangabad Bihar) में बीती रात अचानक धावा बोलते हुए डायनामाइट बिछाकर कम्‍युनिटी सेंटर बिल्डिंग और मोबाइल टॉवर उड़ा दिया. धमाके में टॉवर को खासा नुकसान पहुंचा है. हालांकि कोई घायल या हताहत नहीं हुआ है. धमाके के वक्‍त बिल्डिंग में कोई भी मौजूद नहीं था.

बता दें, माओवादियों ने अपने ईस्टर्न रीजनल ब्यूरो सचिव प्रशांत बोस उर्फ किशन दा, उनकी पत्नी शीला मरांडी, जो फ्रंटल आर्गेनाइजेशन नारी मुक्ति संघ की प्रमुख भी हैं, समेत चार नक्‍सलियों की 13 नवम्‍बर को हुई गिरफ्तारी के खिलाफ देश के चार राज्‍यों में 23 नवम्‍बर की आधी रात से 72 घंटे के बंद का ऐलान किया है. ये चार राज्‍य हैं – बिहार, झारखंड, उत्‍तर प्रदेश और छत्‍तीसगढ़. इसके अलावा महाराष्‍ट्र के गढ़चिरौली में एनकाउंटर में 26 नक्‍सलियों के मारे जाने को लेकर भी माओवादी भड़के हुए हैं.

इस घटना के बाद आस-पास के गांवों में दशहत का माहौल व्याप्त हो गया है. इस बारे में स्थानीय लोग कुछ भी बताने से इंकार कर रहे हैं. हालांकि मिली जानकारी के अनुसार, नक्सलियों द्वारा किये गए जबरदस्त धमाके की आवाज से स्थानीय लोग अपने घरों से बाहर आ गए थे.

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वैसे लोगों का कहना है कि माओवादियों द्वारा किये गए इन धमाकों का उद्देश्‍य टेलीफोन नेटवर्क को ध्‍वस्‍त करना था ताकि उनकी गति‍विधियों पर नज़र रखने वाले सुरक्षा बलों का सूचना तंत्र ध्‍वस्‍त हो जाए.

गौरतलब है, नक्सलियों के द्वारा आज की घटना से पूर्व 2009 में इसी गांव के हाईस्कूल की बिल्डिंग को उड़ा दिया था.

बंद का मिला-जुला असर

माओवादियों द्वारा किये जा रहे इस बंद का मिला-जुला असर पड़ा है. ग्रामीण क्षेत्रों में जहां इसका प्रभाव दिखने को मिल रहा है वहीं शहरी क्षेत्रों में बंद का असर नगण्य है.

गया जिले के बाराछट्ठी और शेरघाटी उप मंडलों में दुकानें और व्‍यवसायिक प्रतिष्‍ठान बंद हैं. लगभग 100 किलोमीटर के क्षेत्र में ग्रैंड ट्रंक रोड (एनएच-2) पर यातायात बेहद कम है. औरंगाबाद, अरवल, जहानाबाद, नवादा, जमुई, लखीसराय और मुंगेर जिलों के ग्रामीण इलाकों से लगे क्षेत्रों में माओवादियों का डर साफ तौर पर महसूस किया जा सकता है.

इधर बंद को देखते हुए राज्‍य पुलिस मुख्‍यालय ने सभी जिलों के पुलिस एसएसपी/एसपी को हाई अलर्ट पर रहने के निर्देश दिए हैं. उन्‍हें अपने जिलों में निगरानी बढ़ाने के भी निर्देश दिए गए हैं. उन्हें रेलवे ट्रैक औरसभी सरकारी प्रतिष्‍ठानों जैसे आसानी से निशाना बनाए जा सकने वाले क्षेत्रों में विशेष ध्‍यान देने को कहा गया है.

हाई अलर्ट पर रेल

माओवादियों के बंद के दौरान हमेशा से साफ्ट टारगेट पर रहे ट्रेनों की सुरक्षा के लिए रेलवे प्रशासन ने राज्य के विभिन्‍न रेल खंडों में अलर्ट जारी किया है. पूर्व मध्‍य रेलवे के मुख्‍य जनसम्‍पर्क अधिकारी राजेश कुमार ने बताया कि संवेदनशील क्षेत्रों में ट्रेनों की रफ्तार 110 से 120 किलोमीटर प्रतिघंटा से घटाकर 75 किलोमीटर प्रति घंटा तक कर दी गई है.

उन्होंने कहा कि रेलवे ट्रैक और पुलों पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है. दिन और रात की गश्‍त बढ़ा दी गई है. ट्रेनों और यात्रियों की सुरक्षा के लिए सभी जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं.