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दरभंगा तिहरे हत्याकांड पर पूर्व सांसद आनंद मोहन ने दिया अल्टीमेटम

दरभंगा (TBN – The Bihar Now डेस्क)| पूर्व सांसद आनंद मोहन (Former MP Anand Mohan) ने दरभंगा में हुए तिहरे हत्याकांड (triple murder in darbhanga) में दरभंगा पुलिस की कार्यशैली पर प्रश्नचिन्ह लगाया है. आनंद मोहन ने पुलिस की कार्यशैली पर नाराजगी जताते हुए कहा है कि हम यहां चिल्होरी करने नहीं आए हैं, बल्कि अल्टीमेटम देने आए हैं.

बता दें, गुरुवार को दरभंगा जिले के बहेड़ी थानांतर्गत निमैठी गाँव (Nimethi village under Bahedi police station) में एक सफारी कार को अपराधियों ने घेर कर ताबड़तोड़ गोलियां बरसाई. सफारी में चार लोग सवार थे जो समस्तीपुर जिले के हसनपुर थाने के काली गांव के अशोक सिंह की बहन की शादी में शामिल होने के लिए जा रहे थे. इसी दौरान निमैठी गांव से 200 मीटर पश्चिम 10 से 12 बाइक पर सवार 25 अज्ञात अपराधियों ने गाड़ी को घेर लिया और अंधाधुंध गोलीबारी शुरू कर दी. इस गोलीबारी में बहादुरपुर थाना क्षेत्र के ओझौल गांव के स्व. शत्रुघ्न सिंह के पुत्र अनिल सिंह, स्व. रविन्द्र सिंह के पुत्र मनीष सिंह व अनिल सिंह के निजी बॉडीगार्ड मुन्ना सिंह की कार में ही मौत ही गई जबकि गाड़ी के ड्राइवर को खरोच तक नहीं आई. पूरे मामले में पुलिस जांच तो कर रही, मगर अब तक कोई सुराग हाथ नहीं लगा है.

पूर्व सांसद ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि इस तिहरे हत्याकांड के पीछे बड़ी साजिश है. मैं इस मामले को ऊपर तक ले जाऊंगा और उठाउंगा. उन्होंने यह बात बहादुरपुर थानाक्षेत्र के ओझौल गांव में मृतक अनिल सिंह और उनके चचेरे भाई मनीष सिंह के स्वजन को ढांढस बांधते हुए कही. उन्होंने कहा कि इस जघन्य घटना को भूला नहीं जा सकता है.

पुलिस की कार्यशैली पर नाराजगी जताते हुए पूर्व सांसद ने कहा कि घटना होने के दो घंटे बाद तक पुलिस का कहीं अता-पता नहीं था. गोली लगे व्यक्तियों को समय पर अस्पताल नहीं पहुंचाया गया. इतना ही नहीं, परिवार के लोगों को भी गाड़ी के पास नहीं जाने दिया गया. परिजनों द्वारा अपना परिचय देने पर भी घायलों को अस्पताल नहीं ले जाने दिया. यह साबित करता है कि इसमें पुलिस की संलिप्तता है और यह एक बड़ी साजिश है.

उन्होंने कहा कि सफारी का ड्राइवर ने बताया कि उसे भी गोली लगी है, जबकि उसे गोली लगी ही नहीं. इससे यह साबित होता है कि ड्राइवर ने साजिश रची है. आनंद मोहन ने मांग की कि पुलिस मामले में दोषियों को तुरंत गिरफ्तार करे, आश्रित को 25-25 लाख मुआवजा और सरकारी नौकरी देकर स्पीडी ट्रायल चलाकर कड़ी से कड़ी सजा दिलाएं.

पूर्व सांसद आनंद मोहन ने कहा कि पुलिस प्रशासन का काम है कि घटना को पूर्व में रोकना, अगर घटना घट जाए तो उसमें त्वरित कार्रवाई करना. यह नहीं कि मृतक के आपराधिक इतिहास को बताकर अपनी जवाबदेही से बच जाएं. पूर्व सांसद लवली आनंद ने कहा कि पुलिस को यह देखना होगा कि इस मामले में कोई भी दोषी बचे नहीं और निर्दोष फंसे नहीं.

आनंद मोहन ने कहा कि राज्य में कानून का राज है और यहां किसी को भी कानून को मुठ्ठी पर लेकर चलने का अधिकार नहीं है. उन्‍होंने आगे कहा कि दिनदहाड़े बदमाश वारदात को अंजाम दे दिए, यह पुलिस प्रशासन पर काला धब्बा है.

इधर, गुरुवार को हुए इस तिहरे हत्याकांड में शुक्रवार को 25 अज्ञात लोगों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज की गई है. बता दें कि घटना वाली गाड़ी के चालक बहादुरपुर थाने के पतोर गांव के रामपुर टोला के स्व. जनार्दन सिंह के पुत्र कुन्दन सिंह ने इलाज के दौरान डीएमसीएच में बेंता ओपी पुलिस के समक्ष बयान दिया था. इसी बयान के आधार पर प्राथमिकी दर्ज की गयी है.

इस घटना में मृतक अनिल सिंह के पुत्र ने पुलिस को वारदात शामिल एक ब्लू रंग की बाइक का नंबर उपलब्ध कराया है. कहा कि पुलिस अब साजिश करने वाले सहित वारदात में शामिल सभी बदमाशों को गिरफ्तार करे.