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कोरोना पॉजिटिव दुष्कर्म पीड़िता की मौत, एफआईआर दर्ज

पटना (TBN – The Bihar Now डेस्क)| पटना के शास्त्रीनगर थाना क्षेत्र के राजा बाजार स्थित पारस अस्पताल के कोविड आईसीयू में भर्ती जिस महिला मरीज के साथ छेड़खानी का आरोप लगाया गया था, उसकी बुधवार की सुबह मौत हो गई. मृत महिला की बेटी ने सोमवार को अपने मां के साथ अस्पताल के कर्मचारियों द्वारा दुष्कर्म करने का आरोप लगाया था. पीड़िता की मौत की सूचना मिलते ही दो थानों की पुलिस मौके पर पहुंच गई.

पीड़िता की बेटी ने एक दिन पहले मंगलवार को मीडिया के सामने कहा था कि मां अब ठीक होने पर खुद बयान देगी, कि उसके साथ क्या गलत हुआ है. पुलिस ने पीड़िता की बेटी का फर्द बयान दर्ज किया है.

पीड़िता की बेटी ने बुधवार की सुबह शास्त्रीनगर थाने में एफआईआर दर्ज कराने के लिए पहुंची. वहीं राष्ट्रीय महिला आयोग ने इस घटना की समयबद्ध जांच की पैरवी की है. आयोग ने एक बयान में कहा, महामारी के दौरान अस्पतालों में महिलाओं के साथ हो रहे अपराध को लेकर आयोग चिंतित है.

बुधवार को अस्पताल में हुई कोरोना पॉजिटिव महिला की मौत के बाद उसकी बेटी ने आरोप लगाया है कि अस्पताल में 17 मई को उसकी मां के साथ तीन लोगों ने मिलकर गलत काम किया है. ऐसा करने के बाद से ही उसकी मां की तबीयत ज्यादा खराब हुई.

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आगे जानकारी देते हुए महिला की बेटी ने कहा कि इस मामले में कई बार उसने अस्पताल के लोगों को भी बताया लेकिन कुछ नहीं किया गया. उल्टा अस्पताल की ओर से हालत खराब होने की बात कहकर उससे आगे के इलाज के लिए पेपर पर साइन करने के लिए कहा गया. इसके बाद पता नहीं उसकी मां के साथ क्या किया गया कि मां ने बोलना छोड़ दिया, आज कह दिया कि उनकी मौत हो गई.

मजिस्ट्रेट ने कहा मामले की जांच कर होगी कार्रवाई

इधर, मामले की जानकारी होने के बाद पुलिस और मजिस्ट्रेट की टीम अस्पताल पहुंची. मामले की जांच की. मजिस्ट्रेट की देखरेख में संक्रमित महिला के शव का दाह-संस्कार किया गया. युवती ने पूरे मामले में जांच की मांग की है. उसका शास्त्री नगर थाना को फर्द बयान भी रिकॉर्ड कराया गया है. इस मामले में मजिस्ट्रेट ने कहा कि थाने में आवेदन के आधार पर मामला दर्ज होगा. उसके बाद क्या धाराएं लगती हैं उसको देखने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी.

गौरतलब हो कि 17 तारीख को ही इस मामले में लड़की ने गलत काम होने का जिक्र किया था. उस दिन भी पुलिस मामले की जांच करने के लिए पहुंची थी. सोमवार को इस मामले में अस्पताल की ओर से सफाई भी दी गई थी. कहा गया था कि अस्पताल प्रबंधन के अनुसार जिस महिला ने छेड़खानी का आरोप लगाया है, उसका सेंस पूरी तरह काम नहीं कर रहा है. वो कभी मास्क निकाल देती हैं तो कभी दूसरा इक्यूपमेंट. ऐसे में यह साइकोसिस का मामला लगता है, जिसमें व्यक्ति उस चीज की कल्पना कर लेता है जो असल में नहीं हुआ.
(सौ:हिंदुस्तान)