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राजस्व खुफिया निदेशालय ने दबोचे हाथी दांत के अवैध व्यापार में शामिल 4 तस्कर

पटना (The Bihar Now डेस्क)| राजस्व खुफिया निदेशालय (Directorate of Revenue Intelligence) की पटना क्षेत्रीय इकाई (Patna Regional Unit) ने एशियाई हाथी दांत के अवैध व्यापार में शामिल चार तस्करों को गिरफ्तार किया है. इनके पास से हाथी दांत के दो टुकड़े बरामद किए गए हैं.

राजस्व खुफिया निदेशालय की पटना क्षेत्रीय इकाई ने यह गिरफ़्तारी विश्व हाथी दिवस (World Elephant Day) के अवसर एक महत्वपूर्ण अभियान चलाकर की. जब्त किए गए हाथी दांत के दो टुकड़े थे, जिनका कुल वजन 5,586.50 ग्राम था.

बता दें, यह हाथी दांत लुप्तप्राय एशियाई हाथी (Elephas Maximus) से प्राप्त किया गया था, जिसका काला बाज़ार में बहुत अधिक मूल्य होता है. इस अवैध मांग के कारण, कड़े वैश्विक और घरेलू प्रतिबंधों के बावजूद हाथी दांत का व्यापार अभी भी जारी है. हाथी दांत का जब्त किया जाना वन्यजीव अपराध के खिलाफ जारी लड़ाई में एक बड़ी सफलता है.

डीआरआई (DRI) पटना आरयू ने गुप्त सूचना के आधार पर सिवान के बाहरी इलाके में यह ऑपरेशन शुरू किया. यह ऑपरेशन एक कुख्यात शिकारी गिरोह को निशाना बनाने के लिए किया गया था और इसके लिए अत्यधिक साहस और संसाधनशीलता की आवश्यकता थी. इस ऑपरेशन के दौरान डीआरआई के अधिकारियों को मामूली चोटें भी आईं, लेकिन उन्होंने अपनी दृढ़ता और पेशेवर रवैये को बनाए रखा और चारों व्यक्तियों को, जिनमें ऑपरेशन का सरगना भी शामिल था, गिरफ्तार करने में सफल रहे.

डीआरआई अधिकारियों ने पटना और सिवान स्थित वन विभाग को सूचित किया है. वन विभाग के अधिकारी इस गिरफ़्तारी के बाद जांच को आगे बढ़ाने के लिए डीआरआई के साथ समन्वय कर रहे हैं.

हाथी दांत के सभी अंतर्राष्ट्रीय व्यापार पर लगा है प्रतिबंध

भारतीय वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972, [Indian Wildlife (Protection) Act, 1972] जो हाथी को अनुसूची-I के तहत संरक्षित प्रजाति के रूप में वर्गीकृत करता है, हाथी दांत के व्यापार को सख्ती से प्रतिबंधित करता है. वैश्विक समुदाय ने भी इस संरक्षण को मजबूत किया है, जिसमें एशियाई हाथी (asian elephant) को CITES के परिशिष्ट-I में शामिल किया गया है, जिससे 1989 से हाथी दांत के सभी अंतर्राष्ट्रीय व्यापार पर प्रतिबंध लग गया है.

इस ऑपरेशन से यह स्पष्ट होता है कि अवैध वन्यजीव तस्करी, विशेष रूप से हाथी दांत का व्यापार, लुप्तप्राय प्रजातियों जैसे कि एशियाई हाथी के अस्तित्व के लिए गंभीर खतरा बना हुआ है. जोखिम के बावजूद, डीआरआई के अधिकारियों ने एक बार फिर वन्यजीव अपराधों पर अंकुश लगाने के प्रति अपनी तत्परता एवं भारत के वन्यजीव संरक्षण कानूनों को लागू करने और वैश्विक संरक्षण प्रयासों में योगदान देने की अपनी गहरी प्रतिबद्धता को दर्शाया है.

विश्व हाथी दिवस के अवसर पर यह सफल ऑपरेशन एक स्पष्ट संदेश देता है: हमारे देश के वन्यजीवों को खतरे में डालने वाली अवैध गतिविधियों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और इसमें शामिल लोगों को न्याय के कटघरे में खड़ा किया जाएगा.

क्यों मनाते हैं विश्व हाथी दिवस ?

हर साल 12 अगस्त को विश्व हाथी दिवस (World Elephant Day) मनाया जाता है. इस दिन हाथियों, उनके आवास और वो जिन परेशानियों का सामना करते हैं, उस बारे में लोगों को जागरुक बनाने का प्रयास किया जाता है. कई कारणों से हाथी पर्यावरण के लिए बेहद अहम माने जाते हैं और इसलिए इन्हें संरक्षित करना बेहद जरूरी है. इस दिन उनकी अहमियत के बारे में भी लोगों को जागरूक बनाने की कोशिश की जाती है.

एक कैनेडियन फिल्ममेकर पेट्रिसिया सिम्स और एचएम क्वीन सिरिकिट ने अन्य संरंक्षणकारियों के साथ मिलकर इस दिन को मनाने का प्रस्ताव दिया था. उन्होंने इंसानों द्वारा जंगल काटकर हाथियों के आवास को नष्ट करने, उनके इलाकों में घुसपैठ करने और उनका शिकार करने के खिलाफ आवाज उठाई थी और इस दिन को मनाने की शुरुआत की गई.

इस साल विश्व हाथी दिवस की थीम बेहद खास चुनी गई है. इस साल की थीम है- “Personifying Prehistoric Beauty, Theological Relevance, and Environmental Importance”, यानी “प्रागैतिहासिक सौंदर्य, धार्मिक प्रासंगिकता और पर्यावरणीय महत्व को व्यक्त करना”.

(इनपुट-विज्ञप्ति)