वाणिज्य कर विभाग ने पकड़ी टैक्स चोरी, मामला जीएसटी के अंतर्गत ITC के बोगस क्लैम का
पटना (TBN – The Bihar Now डेस्क)| विभाग के केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो के द्वारा Revenue gap analysis के आधार पर पटना स्थित एक वर्क्स कॉनट्रेक्टर फर्म को चिन्हित किया गया, जिसके द्वारा गत वर्ष लगभग 293 करोड़ की सप्लाई दर्शायी गयी थी, किन्तु इस अनुपात में कैश के माध्यम से कर का भुगतान नहीं किया गया था। केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो द्वारा इस फर्म के supply chain का विश्लेषण किया गया तथा पाया गया कि इस वर्क्स कॉनट्रेक्टर द्वारा दर्शायी गयी करोड़ों की खरीद संदेहास्पद है.
विभाग की आयुक्त – सह-सचिव के निर्देश पर दिनांक 31.05.22 को पटना स्थित इस वर्क्स कॉनट्रेक्टर फर्म का निरीक्षण किया गया. निरीक्षण के क्रम में इस फर्म के मुख्य व्यवसाय स्थल पर 8 अन्य फर्मों के संव्यवहार तथा निबंधन से सम्बंधित कागजात / इन्भाइस आदि बरामद हुए. फलस्वरूप विभागीय सचिव के निर्देश पर दिनांक 01.06.22 को इन 8 फर्मों, जिनमें से बेगुसराय में 3, भागलपुर में 3 तथा पटना में 2 थे, का निरीक्षण कराया गया. इनमें एक फर्म व्यवसाय के मुख्य स्थल पर अस्तित्वहीन (non existent) पायी गयी, जबकि कुछ अन्य फर्म केवल पेपर पर संचालित तथा non functional पाए गए.
निरीक्षण के क्रम में यह तथ्य उजागर हुआ कि इस वर्क्स कॉनट्रेक्टर फर्म द्वारा करोड़ों रूपयों के मूल्य के बोगस construction services की प्राप्ति ऐसी 8 फर्मों से दर्शायी गयी है एवं का अनुचित लाभ लिया गया है. इनमें गुजरात की एक फर्म से लगभग रु० 71 करोड़ रूपयों की Inward Supply पूरी तरह बोगस पायी गयी, जिस पर लगभग 12 करोड़ रूपयों के कर अपवंचना का मामला प्रकाश में आया.
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कर अपवंचना का मामला उजागार होने के फलस्वरूप इस वर्क्स कॉन्ट्रेक्टर फर्म द्वारा तत्काल 4 करोड़ रूपयों की राशि voluntarily जमा भी किया गया.
विभाग की आयुक्त-सह-सचिव द्वारा बताया गया कि इस मामले की और विस्तृत जाँच की जायेगी. साथ ही, ऐसी अन्य फर्मों के विरुद्ध भी कार्रवाई की जायेगी, जो बिल ट्रेडिंग में संलिप्त हैं एवं संदिग्ध फर्मों से बोगस खरीद दर्शाते हुये कर अपवंचना कर रहे हैं.
(इनपुट-विज्ञप्ति)