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नौकरी के बदले जमीन मामले में तेजस्वी से सीबीआई ने की 8 घंटे तक पूछताछ

नई दिल्ली / पटना (TBN – The Bihar Now डेस्क)| सीबीआई (CBI) ने बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव (Bihar Deputy Chief Minister Tejashwi Yadav) से शनिवार को अपने मुख्यालय में 8 घंटे से अधिक समय तक नौकरी के लिए जमीन घोटाले (Land-for-Jobs Scam case) मामले में चल रही जांच में पूछताछ की.

सीबीआई अधिकारियों ने बताया कि तेजस्वी यादव सीबीआई द्वारा पहले दी गई तीन तारीखों से चूक गए थे और पिछले सप्ताह दिल्ली उच्च न्यायालय को दी गई अपनी प्रतिबद्धता के अनुसार यहां सीबीआई मुख्यालय में शनिवार सुबह करीब साढ़े दस बजे पहुंचे.

“आवश्यक औपचारिकताओं के बाद, तेजस्वी को जांच दल में ले जाया गया. वहां रात करीब 8 बजे तक उनसे पूछताछ की गई. 90 मिनट के लंच ब्रेक के के दौरान तेजस्वी इमारत से बाहर चले गए थे” उन्होंने कहा.

माना जा रहा है कि सीबीआई की जांच तेजस्वी यादव के वित्तीय लेनदेन पर केंद्रित थी, जिसमें एबी एक्सपोर्ट्स प्राइवेट लिमिटेड (AB Exports Private Limited) और एके इंफोसिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड (AK Infosystems Pvt Ltd) के साथ उनके कथित लिंक शामिल थे.

पिछले हफ्ते, केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने दिल्ली उच्च न्यायालय को आश्वासन दिया था कि तेजस्वी यादव को इस महीने गिरफ्तार नहीं किया जाएगा.

राष्ट्रीय जनता दल (राजद) नेता के वकील मनिंदर सिंह ने उच्च न्यायालय को सूचित किया था कि उन्हें बिहार विधानसभा सत्र, जो 5 अप्रैल को समाप्त होने वाला है, के कारण तेजस्वी को सीबीआई जांचकर्ताओं के सामने पेश होने के लिए कुछ समय की आवश्यकता होगी.

सीबीआई के वकील डीपी सिंह ने तर्क दिया था कि विधानसभा शनिवार को नहीं बुलाई गई थी और तेजस्वी यादव अपनी सुविधा के अनुसार मार्च में किसी भी शनिवार को एजेंसी के सामने पेश हो सकते हैं.

मनिंदर सिंह ने अदालत को बताया था कि तेजस्वी यादव 25 मार्च को सुबह 10:30 बजे दिल्ली में सीबीआई मुख्यालय में जांच अधिकारी के सामने पेश होंगे.

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बता दें, राजद नेता तेजस्वी यादव ने अपने खिलाफ 28 फरवरी, 4 मार्च और 11 मार्च को जारी समन को रद्द करने की मांग की थी.

सीबीआई की एक विशेष अदालत ने तेजस्वी यादव के पिता लालू प्रसाद (Lalu Prasad), मां राबड़ी देवी (Rabri Devi), बहन मीसा भारती (Misa Bharti) और अन्य को इसी मामले में 15 मार्च को पहले ही जमानत दे दी थी.

सीबीआई की जांच उन दस्तावेजों और सबूतों की चल रही जांच का हिस्सा है जो प्रारंभिक चार्जशीट प्रस्तुत किए जाने के बाद प्रकाश में आया था. साथ ही साथ यह जांच उन आरोपी व्यक्तियों की कथित संलिप्तता के बारे में है जो प्रारंभिक रिपोर्ट दर्ज होने तक पूरी नहीं की जा सकी थी.

अधिकारियों ने कहा कि एजेंसी की जारी जांच के दौरान मिले नए इनपुट के आधार पर आगे की जांच के तहत नए सिरे से पूछताछ की जा रही है.

सीबीआई ने आरोप लगाया है कि 2004 से 2009 तक रेल मंत्री के रूप में लालू प्रसाद के कार्यकाल के दौरान बिना किसी विज्ञापन या सार्वजनिक नोटिस के नियमों और प्रक्रियाओं का उल्लंघन करते हुए पसंदीदा उम्मीदवारों को नियुक्त किया गया था.

केन्द्रीय एजेंसी ने दावा किया कि मुंबई, जबलपुर, कोलकाता, जयपुर और हाजीपुर में विभिन्न जोनल रेलवे में पटना के लोग नियुक्त किए गए थे. इसके बदले में, उम्मीदवारों ने, सीधे या अपने परिवार के सदस्यों के माध्यम से, कथित तौर पर लालू प्रसाद के परिवार के सदस्यों को अत्यधिक रियायती दरों पर जमीन बेच दी.