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पटना के राजेश्वर हॉस्पिटल के ICU इंचार्ज पर छेड़खानी का मामला दर्ज

पटना / भागलपुर (TBN – The Bihar Now रिपोर्ट) | एक महिला, जिसके कोविड-संक्रमित पति का इलाज के दौरान पटना में 9 मई को मौत हो गई थी, द्वारा भागलपुर और पटना के निजी अस्पतालों के कर्मचारियों द्वारा उसके साथ छेड़छाड़ और दुर्व्यवहार का आरोप लगाने के एक दिन बाद दोनों शहरों की पुलिस ने कार्रवाई शुरू कर दी है. इस संदर्भ में भागलपुर स्थित अस्पताल के एक वार्ड बॉय को गिरफ्तार किया गया है जबकि पटना पुलिस ने कंकड़बाग स्थित राजेश्वर हॉस्पिटल के एक डॉक्टर तथा अन्य कर्मचारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज किया गया है.

जैसा कि मालूम है, मंगलवार को पटना में मीडिया से बात करते हुए उक्त महिला ने भागलपुर के ग्लोकल अस्पताल में और बाद में पटना के राजेश्वर अस्पताल में, जहां उसके पति की हालत खराब होने के बाद ले जाया गया था, उसके साथ हुए दुष्कर्म का वर्णन किया था, .

पटना पुलिस ने दायर किया एफआईआर

पटना में बुधवार को पटना पुलिस ने राजेश्वर अस्पताल में काम करने वाले एक डॉ अखिलेश कुमार और अन्य लोगों के खिलाफ प्राथमिकी (FIR नंबर 285/21) दर्ज की, जहां 26 अप्रैल को भागलपुर अस्पताल से स्थानांतरित करने के बाद 8 मई को पीड़ित महिला के पति की मृत्यु हो गई थी.

पटना के एसएसपी उपेंद्र शर्मा ने बताया कि महिला द्वारा व्हाट्सएप पर शिकायत भेजे जाने के बाद पत्रकारनगर पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया गया है. उन्होंने बताया कि इस एफआईआर में पीड़ित महिला से दुर्व्यवहार, चिकित्सा लापरवाही और जबरन वसूली से संबंधित आरोप हैं.

पटना के एसएसपी ने कहा कि उनकी टीम पूरी निष्पक्षता के साथ इस मामले की जांच करेगी. दोषी जो भी होगा, उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी.

बता दें कि महिला ने डॉ कुमार पर आईसीयू में कई बार अनुचित तरीके से छूने का आरोप लगाया था.

जब अस्पताल के प्रबंधक सत्येंद्र सिंह से जब संपर्क किया गया, तो उन्होंने कहा, “इस तरह के आरोप केवल डॉक्टरों और स्वास्थ्यकर्मियों को हतोत्साहित करते हैं जो कोविड -19 रोगियों के इलाज के लिए अपनी जान जोखिम में डाल रहे हैं.”

भागलपुर पुलिस ने भी की है कार्यवाई

इससे पहले मंगलवार को भागलपुर में पुलिस ने ग्लोकल अस्पताल के निलंबित वार्ड बॉय ज्योति कुमार को गिरफ्तार कर लिया था. जबकि बुधवार को भागलपुर पुलिस और ड्रग अधिकारियों के एक दल ने ग्लोकल अस्पताल पर छापा मारा और जीवन रक्षक दवाओं की कालाबाजारी सहित कई गलत ऐक्टिविटी के सबूत जब्त किए.

भागलपुर की एसएसपी नताशा गुड़िया ने वार्ड बॉय ज्योति कुमार गिरफ्तारी की पुष्टि की. उन्होंने बताया कि महिला द्वारा शिकायत के बाद भागलपुर प्रशासन और राज्य के ड्रग विभाग की एक संयुक्त टीम ने जांच शुरू की थी.

अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट त्रिलोकी नाथ सिंह के नेतृत्व में तीन सदस्यीय टीम, जिसमें ड्रग इंस्पेक्टर दयानंद प्रसाद और सहायक ड्रग इंस्पेक्टर प्रदीप कुमार शामिल थे, ने हॉस्पिटल में कई अनियमितताएं पाईं और पीड़ित महिला के पति के इलाज के रिकॉर्ड को जब्त कर लिया. दयानंद प्रसाद ने कहा, “हमने यह भी पाया कि अस्पताल के दवा स्टोर में सैम्पल के तौर पर दी जाने वाली दवाइयाँ बेची जा रही थीं”.

ड्रग इन्स्पेक्टर ने कहा कि पीड़ित महिला के पति के इलाज के रिकॉर्ड की जांच में पाया गया कि अस्पताल ने उनके उपचार के लिए रेमेडिसविर इंजेक्शन की तीन शीशियों की खरीद की, लेकिन 18 अप्रैल और 20 अप्रैल को केवल दो शीशियां ही दी गईं थी.

एडीएम सिंह ने कहा कि समिति अस्पताल के दवा स्टोर को दिए गए लाइसेंस को रद्द करने की सिफारिश करेगी.

मृतक रौशन व पीडिता (फ़ोटो – फ़ेसबुक से)

बताते चलें कि कोरोना से ग्रसित अपने बीमार पति के इलाज के लिए भागलपुर से पटना आई नोएडा की रहने वाली महिला रुचि रौशन के साथ छेड़खानी हुई थी. पति रौशन की मौत के बाद सोमवार को पीड़ित महिला ने खुद मीडिया के सामने इस बात का खुलासा किया था. पीडिता ने बताया कि उनके पति को बिना इलाज के तड़पाया गया, जिस वजह से उनकी मौत हो गई.

महिला ने बताया था कि उसके साथ पटना के राजेश्वर हॉस्पिटल में रात में ड्यूटी करने वाला ICU इंचार्ज डॉक्टर ने छेड़खानी की थी. वह उक्त महिला को गलत तरीके से देखता था और गंदे इशारे करता था. महिला ने बताया था कि ऐसी घटना उसके साथ सिर्फ पटना में ही नहीं, बल्कि भागलपुर के भी ग्लोकल हॉस्पिटल में हुआ था.