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बाढ़: 9 साल बाद दारोगा की ह’त्या का आरोपी गिरफ्तार

2016 में मंराची थाना में तैनात दारोगा सुरेश ठाकुर की हत्या के मामले में वांछित था आरोपी
बुद्धन यादव पर बिहार के कई थानों में दर्ज हैं संगीन धाराओं में एक दर्जन से अधिक मामले
पुलिस की वर्षों की छापेमारी के बाद हिलसा से दबोचा गया कुख्यात अपराधी

बाढ़ (TBN – अखिलेश्वर सिन्हा की रिपोर्ट)| बाढ़ थाना क्षेत्र के गुलाबबाग इलाके में एनएच-31 पर करीब 9 वर्ष पहले मरांची थाना में पदस्थापित एक दारोगा की निर्मम हत्या में शामिल एक वांछित अपराधी की पुलिस को लंबे समय से तलाश थी. वर्षों से फरार चल रहे इस आरोपी को अंततः गुरुवार को बाढ़ पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. इस मामले की जानकारी शुक्रवार को आयोजित एक प्रेस वार्ता के दौरान बाढ़ के एएसपी ने मीडिया को दी.

बाढ़ के एएसपी-1 राकेश कुमार ने बताया कि बाढ़ अनुमंडल अंतर्गत मंराची थाना में पदस्थापित सहायक उप निरीक्षक (एएसआई) सुरेश ठाकुर की 18 अप्रैल 2016 को गुलाबबाग क्षेत्र में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. इस दौरान अपराधियों ने उनकी सरकारी पिस्टल भी लूट ली थी. मामले में बाढ़ थाना में प्राथमिकी संख्या 139/2016 दर्ज की गई थी, जिसमें भारतीय दंड संहिता की धारा 302, 394, 34 और आर्म्स एक्ट की धारा 27 के तहत मामला दर्ज किया गया.

एएसपी ने आगे बताया कि जांच के क्रम में इस हत्याकांड में मुकेश कुमार उर्फ बुद्धन गोप उर्फ बुद्धन यादव की संलिप्तता सामने आई. वह कई वर्षों से फरार चल रहा था और लगातार अपने ठिकाने बदल कर पुलिस की पकड़ से बाहर रहा. मुकेश कुमार उर्फ बुद्धन गोप नोनिया विगहा, थाना- हिलसा, जिला- नालंदा का रहने वाला है.

अंततः 17 अप्रैल 2025 को गुप्त सूचना के आधार पर हिलसा स्थित नोनिया विगहा गांव में छापेमारी की गई, जहां आरोपी को उसके घर से गिरफ्तार कर लिया गया. उसे बाढ़ थाना की टीम ने हिरासत में लिया और न्यायिक प्रक्रिया के तहत जेल भेजने की कार्रवाई जारी है.

एएसपी के अनुसार, बुद्धन यादव पर बिहार के कई थानों में दर्ज हैं 13 से अधिक गंभीर मामले, जिनमें हत्या, लूट, हत्या के प्रयास, आर्म्स एक्ट सहित अन्य धाराएं शामिल हैं. उसके खिलाफ हिलसा थाना में 9 कांड दर्ज हैं जबकि नगरनौसा थाना में 2, रामकृष्णा नगर थाना और अगमकॅुआ थाना में 1 – 1 कांड दर्ज हैं.

बुद्धन यादव की गिरफ्तारी में शामिल पुलिस टीम में बाढ़ थाना के मन्दु कुमार शर्मा (पुअनि), नितेश कुमार (प्रपुअनि), असलम खां (पुअनि) सहित गृहरक्षक नवीन कुमार और स्वामी विवेकानंद शामिल थे.