लालू के साले सुभाष यादव के घर पर चिपका कुर्की का नोटिस
पटना (TBN – The Bihar Now डेस्क)| आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं. पहले तो लालू को अपने खुद के परिवार को लेकर मुश्किलें थी, अब ससुराल वालों के कारण उनकी चिंता और बढ़ गई हैं. उनके साले सुभाष यादव के घर मंगलवार को पटना पुलिस ने कुर्की का नोटिस चस्पा दिया है. पटना पुलिस ने उन्हें रंगदारी और अपहरण के मामले में फरार घोषित किया हुआ है.
दरअसल, भीम वर्मा नामक एक व्यक्ति ने तेजस्वी के मामा सुभाष यादव, उनकी पत्नी रेणु देवी औऱ बेटा रणधीर यादव के खिलाफ जबरन जमीन कब्जाने का मामला बिहटा थाने में पिछले साल दर्ज करवाया था. इस केस में इन तीनों के अलावा अन्य चार लोगों का भी नाम हैं.
शिकायतकर्ता भीम वर्मा के मुताबिक, नेउरा में उसकी जमीन है जिसकी कीमत लगभग 96 लाख रूपये है. उसके पिता इसे बेचना चाहते थे. इसलिए उन्होंने गांव में रहने वाले अरुण नामक जमीन के दलाल के साथ 3 महीने का एग्रीमेंट किया था. यह एग्रीमेंट सिर्फ 90 दिनों के लिए किया गया था, लेकिन तीन साल हो गए, जमीन नहीं बिकी. फिर एक दिन सुभाष की पत्नी रेणु देवी ने पटना स्थित आवास पर उसके पिताजी को बुलाया. वहां पर जमीन की पूरी एग्रीमेंट का उन्होंने जिक्र किया.
भीम के मुताबिक, साल 27 फरवरी 2021 में सुभाष यादव ने फोन कर बुलाया. वहां जाने पर देखा कि अरुण (दलाल) पहले से ही बैठा हुआ है. वहां दलाल ने भीम से कहा कि सुभाष जी जो भी तय करेंगे, वह हम करेंगे. यह जमीन इन्हीं को दे दीजिए.
इसके बाद यह तय हुआ कि पूरी जमीन के लिए उसे 96 लाख रूपये दिए जाएंगे. फिर 60.5 लाख रूपये देकर जमीन की रजिस्ट्री करवाई गई. बाकी पैसों की मांग करने पर सुभाष यादव ने भीम को धमकाया. फिर उसकी मां और भाई को बंधक बना लिया और जो पैसे दिए थे, वह भी ले लिए. साथ ही सुभाष ने धमकी दी कि अगर किसी को शिकायत करेगा तो बुरा परिणाम झेलना पड़ सकता है.
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इस पर पीड़ित भीम वर्मा अपनी इस शिकायत को लेकर नीतीश कुमार के जनता दरबार पहुंच कर मुख्यमंत्री से मदद की गुहार लगाई थी. मुख्यमंत्री ने संबंधित अधिकारियों से मामले की जांच करते हुए उचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया था. उसके बाद इस पूरे मामले की जांच पटना डीएम चंद्रशेखर और एसएसपी राजीव मिश्रा ने मिलकर की. मामले की जांच के बाद सुभाष यादव व अन्य 5 लोगों पर एफआईआर (बिहटा थाना कांड संख्या 425/23) दर्ज की गई.
फिर इस मामले में सुभाष यादव ने पटना हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत की याचिका दायर की थी. पटना हाईकोर्ट के न्यायाधीश डॉ.अंशुमन ने सुभाष की अग्रिम जमानत की याचिका को खारिज करते हुए अपने आदेश में कहा था कि अगर याचिकाकर्ता आज से 6 हफ्ते के भीतर आत्मसमर्पण करता है तो सरेंडर करने पर ट्रायल कोर्ट न्यायालय द्वारा पारित अस्वीकृति आदेश पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बिना उसी तारीख को आदेश पारित करेगा. लेकिन सुभाष ने सरेन्डर नहीं किया जिस कारण कोर्ट ने उन्हें भगोड़ा घोषित कर दिया था.
पुलिस मामले में सुभाष यादव की तलाश कर रही थी लेकिन जब सुभाष गिरफ्तार नहीं हुआ तो पुलिस ने उन्हें फरार घोषित कर दिया. फिर मंगलवार 30 जनवरी को पुलिस ने उनके पटना कौटिल्य नगर,प्लॉट नंबर -201, विधायक कॉलोनी स्थित आवास के बाहर न्यायालय के आदेश पर इश्तेहार चस्पा दिया है.
न्यायालय के आदेश पर बिहटा सर्किल इंस्पेक्टर कमलेश्वर प्रसाद सिंह अपनी टीम के साथ पूर्व सांसद के आवास पर पहुंचे. स्थानीय एयरपोर्ट थाने की पुलिस की मदद से इश्तेहार चस्पा किया गया. अगर जल्द से जल्द आरोपित पूर्व सांसद ने कोर्ट में आत्मसमर्पण नहीं किया तो उनके घर में कुर्की जब्ती की जाएगी.