हुंकार रैली सीरियल ब्लास्ट केस में 9 दोषी करार, एक बरी
पटना (TBN – The Bihar Now डेस्क)| पटना के गांधी मैदान (Gandhi Maidan Patna) में 8 साल पहले हुए सीरियल ब्लास्ट मामले में 9 आरोपियों को दोषी करार दिया गया है जबकि 1 को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया. बुधवार को पटना स्थित एनआईए (NIA) की विशेष अदालत ने अपना फैसला सुनाया. दोषियों को आगामी एक नवंबर को सजा सुनाई जाएगी.
बता दें, 2013 को पटना के गांधी मैदान में नरेंद्र मोदी की हुंकार रैली (Hunkar Rally) के दौरान सिलसिलेवार बम धमाके हुए थे. उस समय नरेंद्र मोदी भारतीय जनता पार्टी की ओर से राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार थे. उस दिन रैली के अलावा पटना जंक्शन के प्लेटफॉर्म संख्या 10 पर भी एक धमाका हुआ था. इसमें छह लोग मारे गए थे जबकि 80 से अधिक लोग जख्मी हुए थे.
इस सीरियल ब्लास्ट में 27 अक्टूबर 2013 को गांधी मैदान थाना में पुलिस केस दर्ज हुआ. फिर 31 अक्टूबर, 2013 को एनआईए ने इस केस को संभाला. उसके बाद एक नवंबर को दिल्ली स्थित एनआईए थाने में इसकी फिर से एफआईआर दर्ज की गई.
इस केस में 12 आरोपियों के खिलाफ चार्ज-शीट दायर किया गया था. इनमें से एक की मौत ट्रायल के दौरान ही हो गई थी जबकि एक नाबालिक आरोपी को जुवेनाइल बोर्ड ने पहले ही तीन वर्ष की कैद की सजा सुना दी है. इस मामले में अब तक कोर्ट में 187 लोगों की सुनवाई हो चुकी है.
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आज एनआईए (NIA) कोर्ट ने इन आरोपियों को दोषी करार दिया है – हैदर अली, नोमान अंसारी, मुजीब उल्लाह अंसारी, इम्तियाज आलम, अहमद हुसैन, फिरोज असलम, इम्तियाज अंसारी, इफ्तेखार आलम और अगर उद्दीन कुरैशी. जबकि मो फखरुद्दीन को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया गया.
इस मामले में एनआईए के वकील ललन प्रसाद सिन्हा ने बताया कि 6 आरोपियों को 302/120 के तहत दोषी पाया गया है. उन्होंने कहा कि इस मामले में एनआईए ने बहुत ही अच्छा काम किया है. एनआईए की सूझबूझ के कारण साइंटिफिक एविडेंस के आधार पर सभी को दोषी पाया गया है. सिन्हा ने बताया कि इस सीरियल ब्लास्ट करने की पूरी साजिश से रायपुर में रची गई थी जबकि इसमें उपयोग करने के सामान झारखंड से जुटाया गया था.
बताते चलें, एनआईए कोर्ट में तकरीबन 8 साल चलने वाले इस गांधी मैदान सीरियल ब्लास्ट मामलें में आरोपित पांच आरोपियों – इम्तियाज, उमेर, अजहर, मोजिबुल्लाह और हैदर को बोधगया सीरियल बम ब्लास्ट में पहले ही उम्रकैद की सजा हो चुकी है.