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देश में कोरोना JN.1 वेरिएंट के मामले अचानक बढ़े, स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप

नई दिल्ली (TBN – The Bihar Now डेस्क)|कोरोना का नया वेरिएंट JN.1 (JN.1 New variant of Corona) तेजी से फैलने लगा है. इससे तनाव बढ़ गया है. देशभर में अब तक नए कोरोना वेरिएंट के 21 मामले सामने आ चुके हैं. सरकारी थिंक टैंक नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) वीके पॉल के हवाले से यह जानकारी सामने आई है. सूत्रों के मुताबिक, जेएन.1 वैरिएंट के 19 मामले गोवा में और एक-एक मामला महाराष्ट्र और केरल में सामने आए हैं. सात महीने में कोरोना के सबसे ज्यादा मामले सामने आए हैं. स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने देश के कुछ हिस्सों में बढ़ते सीओवीआईडी ​​मामलों के मद्देनजर आज सीओवीआईडी ​​-19 (Covid-19) स्थिति और सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रणालियों की तैयारियों की समीक्षा की.

3 माह में एक बार मॉक ड्रिल

स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के बयान के अनुसार, मंडाविया ने कहा है कि कोरोना वायरस के नए और उभरते वेरिएंट के खिलाफ सतर्क और तैयार रहना महत्वपूर्ण है. मंडाविया ने कोविड के कुशल प्रबंधन को सुनिश्चित करने के लिए केंद्र और राज्यों के बीच सुचारू समन्वय के लिए कहा. स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, ‘हमें केंद्र और राज्य दोनों स्तरों पर हर तीन महीने में एक बार मॉक ड्रिल आयोजित करनी चाहिए. आपस में सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा करने की भी आवश्यकता है.

कोविड अभी ख़त्म नहीं हुआ

स्वास्थ्य मंत्री ने राज्यों को याद दिलाया कि कोविड अभी खत्म नहीं हुआ है. इसलिए, राज्यों को उचित सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रतिक्रिया की योजना बनाने के लिए सीओवीआईडी ​​(COVID) मामलों, लक्षणों और मामले की गंभीरता के उभरते सबूतों की निगरानी करने की आवश्यकता होगी.

स्वास्थ्य मंत्रालय के सचिव सुधांश पंत ने कोरोना पर वैश्विक और घरेलू स्थिति को लेकर प्रेजेंटेशन दिया. इसमें उन्होंने कहा कि वैश्विक संख्या की तुलना में भारत में मामले काफी कम हैं. लेकिन, पिछले दो हफ्तों में एक्टिव मामलों में भारी बढ़ोतरी हुई है. यह 6 दिसम्बर को 115 से बढ़कर आज 614 हो गया है.

होम-आइसोलेशन के मामले 92.8 प्रतिशत

पंत ने प्रस्तुतीकरण के दौरान कहा कि इनमें से 92.8 प्रतिशत मामले होम-आइसोलेशन के हैं. ये हल्की बीमारी का संकेत देते हैं. कोविड के कारण अस्पताल में भर्ती होने की दर में कोई वृद्धि नहीं हुई है. स्वास्थ्य सचिव ने कहा कि अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता वाले मामले अन्य चिकित्सीय स्थितियों के कारण होते हैं. जबकि कोविड एक आकस्मिक स्थिति है. उन्होंने कहा कि केरल, महाराष्ट्र, झारखंड और कर्नाटक में दैनिक सकारात्मकता दर में वृद्धि देखी गई है. सकारात्मकता दर प्रति 100 परीक्षणों में पुष्टि किए गए मामलों की संख्या है.

(इनपुट-न्यूज)