मुख्यमंत्री ने एनटीपीसी बाढ़ प्रोजेक्ट स्टेज-1 की 660 मेगावाट की इकाई-1 का किया लोकार्पण
बाढ़ (TBN – अखिलेश्वर कु सिन्हा की रिपोर्ट)| शनिवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने रिमोट के जरिये शिलापट्ट का अनवारण कर एनटीपीसी बाढ़ सुपर थर्मल पावर प्रोजेक्ट (NTPC Barh Super Thermal Power Project)स्टेज-1 की इकाई-1 (660 मेगावाट) का लोकार्पण किया.
इससे पहले एनटीपीसी बाढ़ परिसर में बने हेलीपैड पर मुख्यमंत्री को गुलदस्ता भेंट कर उनका अभिनंदन किया गया. इस अवसर पर एनटीपीसी बाढ़ में स्थित क्रिकेट मैदान में आयोजित कार्यक्रम के मंच पर एनटीपीसी परिवार की तरफ से उन्हें अंगवस्त्र एवं प्रतीक चिन्ह भेंट कर उनका अभिनंदन किया गया.
मुख्यमंत्री ने एनटीपीसी बाढ़ सुपर थर्मल पावर प्रोजेक्ट का निरीक्षण भी किया. निरीक्षण के क्रम में उन्होंने बाढ़ प्रोजेक्ट पर आधारित एक लघु फिल्म भी देखी. मुख्यमंत्री ने एनटीपीसी के प्रांगण में पौधारोपण भी किया.
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने खुशी जाहिर की और कहा कि नई पीढ़ी के लोगों को यह जानना चाहिए कि एनटीपीसी बाढ़ को बनाने में कितनी मेहनत करनी पड़ी और किस-किस प्रकार की बाधाएं उत्पन्न हुई थीं.
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उन्होंने कहा कि 1998 में केंद्र में अटल वाजपेयी की सरकार में उनके रेल मंत्री के पद रहते हुए तात्कालिक केंद्रीय ऊर्जा मंत्री रंगराजन कुमार मंगलम ने बिहार में थर्मल पावर प्लांट लगाने की इच्छा जाहिर की थी. तब उन्होंने (नीतीश कुमार) ने रंगराजन कुमार मंगलम से कहा था कि पटना से 20 किलोमीटर आगे जाकर 100 किलोमीटर तक जहां उपयुक्त लगे जगह का चयन कर लीजिए.
मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि 1998-99 में इस जगह का चयन हुआ और यहां पावर प्रोजेक्ट लगाना तय किया गया. केन्द्रीय ऊर्जा विभाग ने यहां 660 मेगावाट की 3 यूनिट लगाने का निर्णय किया.
उन्होंने कहा कि बिहार में 12 फरवरी 1999 से राष्ट्रपति शासन लागू हो गया था. उस समय यहां के राज्यपाल सुंदर सिंह भंडारी थे. हमने तत्कालीन राज्यपाल महोदय से मिलकर यहां के कृषि फॉर्म की 25 एकड़ जमीन को एनटीपीसी को ट्रांसफर करने का अनुरोध किया जिसपर उन्होंने 24 घंटे के अंदर जमीन को एनटीपीसी को ट्रांसफर कर दिया.
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उन्होंने बताया कि 6 मार्च 1999 को देश के सबसे बड़े प्रोजेक्ट बाढ़ थर्मल पावर प्रोजेक्ट का शिलान्यास किया गया. इसके लिए जमीन अधिग्रहण का काम काफी तेजी से किया गया. शुरू में एक गांव के लोग यहां बिजली घर बनाने का विरोध कर रहे थे. सालिम अली प्राकृतिक पक्षी विज्ञान केंद्र ने भी वन एवं पर्यावरण मंत्रालय को रिपोर्ट भेज दी थी कि यहां पक्षी अभ्यारण्य है. तत्कालीन वन एवं पर्यावरण मंत्री टीआर बालू साहब से मुलाकात कर हमने कहा कि यह टाल का इलाका है और यहां 10 लाख की आबादी है. बरसात को छोड़कर बाकी समय में लोग यहां खेती करते हैं. हमने एक-एक डिटेल उनके समक्ष रखा. उस डिटेल के आधार पर प्रस्ताव तैयार किया गया. तब जाकर वन एवं पर्यावरण मंत्रालय से इसकी अनुमति मिली और उसके बाद इसका टेंडर हुआ.
मुख्यमंत्री ने कहा कि 12 नवंबर को 660 मेगावाट की तीन यूनिट में से एक यूनिट ने काम करना शुरु कर दिया है. आज इसका औपचारिक उद्घाटन हुआ है. अगले साल दूसरे यूनिट का जबकि उसके अगले साल तीसरे यूनिट का भी शुभारंभ कर दिया जायेगा.
उन्होंने कहा कि आज हमने जाकर देखा है कि 660 मेगावाट की जगह 678 मेगावाट यूनिट का उत्पादन हो रहा है, यह काफी खुशी की बात है. इसके लिए पूरे एनटीपीसी परिवार और में विशेष तौर पर आरके सिंह को बधाई देता हूं.
नीतीश ने संस्मरण सुनते हुए कहा कि शूरु में कुछ लोगों ने अफवाह फैलायी कि पहले औरंगाबाद में बिजली घर बनाना तय हुआ था जिसे अब बाढ़ में बनाया जा रहा है. जब मैं केंद्रीय रेल मंत्री था तो हमने औरंगाबाद में 1000 मेगावाट यूनिट का पावर स्टेशन बनाने का निर्णय लिया था. वर्ष 2012 में बिहार सरकार हमलोगों ने 660 मेगावाट की तीन यूनिट एनटीपीसी के साथ समझौता 50-50 के आधार तरफ से भी पर कर औरंगाबाद में लगाने का निश्चय किया. हमलोगों ने बाद में बिहार सरकार की तरफ से इसे एनटीपीसी को ट्रांसफर दिया. बिहार में एनटीपीसी की तरफ से 7300 मेगावाट का पावर प्लांट लग गया है.
मुख्यमंत्री ने बताया कि 2005 में मात्र 700 मेगावाट बिजली की खपत थी. फिर हमलोगों ने हर घर बिजली पहुंचाने का निर्णय लिया जिसे अब केंद्र सरकार ने भी एडॉप्ट कर लिया है. अब 6600 मेगावाट बिजली की खपत हो रही है.
उन्होंने कहा क कुछ लोग दुष्प्रचार करने में लगे रहते हैं. दुष्प्रचार करने वाले लोगों को यह बताना चाहिए कि उनके राजपाट में बिहार में बिजली की कितनी खपत थी. हमलोगों ने वर्ष 2018 दिसंबर माह तक हर घर बिजली पहुंचाने का लक्ष्य निर्धारित किया था जिसे दो माह पूर्व ही पूरा कर लिया गया. अक्टूबर 2018 में ही हर इच्छुक व्यक्ति तक बिजली पहुंचा दी गई. बिजली बिल पर हमलोग अनुदान भी दे रहे हैं. बिहार में विकास के जो कार्य हुए हैं उसकी जानकारी हर लोगों तक पहुंचनी चाहिए.
केन्द्रीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह का उल्लेख करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि ऊर्जा मंत्री ने कह दिया है कि एनटीपीसी की तरफ से बिहार में बिजली का उत्पादन इतना अधिक किया जायेगा कि राज्य सरकार को किसी प्राइवेट कंपनी से बिजली की खरीद नहीं करनी पड़ेगी. उन्होंने कहा कि सांसद ललन सिंह ने भी सभी राज्यों को एक रेट पर बिजली देने की बात कही है. ऐसा होने से बिजली की दरों में और कमी आयेगी.
आरजेडी शासन काल का किया उल्लेख
उन्होंने कहा कि 15 साल राजपाट चलाने का जिनको मौका मिला, उन लोगों ने बिहार के लिए क्या किया. उस समय बिहार में सड़के टूटी हुई थीं और बिजली गुल थी. आज हर क्षेत्र में विकास का कार्य हो रहा है.
नीतीश ने आरके सिंह को धन्यवाद देते हुए कहा कि वे बिहार के हैं तो जो भी जरूरतें यहां की होंगी वे पूरा करेंगे. नीतीश ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी धन्यवाद देते हुए कहा कि वे सभी चीजों के बारे में सोचते हैं.
लोकार्पण समारोह को केंद्रीय मंत्री विद्युत, नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा आरके सिंह, सांसद राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह और एनटीपीसी के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक गुरदीप सिंह ने भी संबोधित किया.
इस अवसर पर विधायक ज्ञानेंद्र सिंह ज्ञानू, विधान पार्षद नीरज कुमार, सचिव ऊर्जा, भारत सरकार आलोक कुमार, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव चंचल कुमार, सचिव ऊर्जा बिहार संजीव हंस, निदेशक परियोजना एनटीपीसी उज्ज्वल क्रांति भट्टाचार्य, जिलाधिकारी चंद्रशेखर सिंह, वरीय पुलिस अधीक्षक उपेंद्र शर्मा सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति एवं एनटीपीसी परिवार से जुड़े अन्य अधिकारीगण / अभियंतागण एवं कर्मचारी उपस्थित थे.