साल भर के विरोध के बाद किसानों ने शुरू किया घर वापसी का सफर
नई दिल्ली (TBN – The Bihar Now डेस्क)| पिछले साल 26 नवंबर से दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर तीन कृषि कानूनों का विरोध कर रहे कई किसान शनिवार सुबह अपने-अपने धरना स्थलों से अपने गृह राज्यों में लौटने लगे. यह संयुक्त किसान मोर्चा (Samyukta Kisan Morcha) द्वारा गुरुवार को साल भर चलने वाले किसान आंदोलन को स्थगित (announcement of the suspension of year-long farmers’ agitation) करने की घोषणा के बाद आया है.
पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के हजारों किसानों ने तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने की मांग को लेकर पिछले साल नवंबर में सिंघू, गाजीपुर और टिकरी सीमाओं (Singhu, Ghazipur and Tikri borders) की घेराबंदी की थी. इस महीने की शुरुआत में संसद के शीतकालीन सत्र में सरकार द्वारा तीनों कृषि कानूनों को वापस ले लिया गया था.
किसान अब अपने तंबू उतार रहे हैं और अपने घरों को लौटने की तैयारी के साथ-साथ अपने-अपने विरोध स्थलों से अपनी बस्तियों को हटाना शुरू कर दिया है.
मीडिया से बात करते हुए, भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत (Bharatiya Kisan Union leader Rakesh Tikait) ने कहा, “किसानों का एक बड़ा समूह कल सुबह 8 बजे क्षेत्र खाली कर देगा. शनिवार की बैठक में, हम बात करेंगे, प्रार्थना करेंगे और हमारी मदद करने वाले लोगों से मिलेंगे. लोगों ने पहले से ही खाली करना शुरू कर दिया है, इसमें 4-5 दिन लगेंगे.
बीकेयू (BKU) नेता ने गाजीपुर सीमा से घर लौट रहे किसानों की पहली खेप को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया. यह पहला दल उत्तर प्रदेश के बिजनौर (Bijnor in Uttar Pradesh) के लिए रवाना हो गया है. टिकैत ने बताया कि वह 15 दिसंबर को गाजीपुर सीमा पर धरना स्थल से निकल जाएंगे.
पंजाब के एक किसान सुखवंत सिंह ने कहा कि वह एक साल बाद अपने परिवार से मिलेंगे. उन्होंने कहा, “जब किसी को कुछ चाहिए तो बलिदान देना पड़ता है. हम 750 शहीदों को हमेशा याद रखेंगे. उन्हें हर बार याद किया जाएगा जब इस विरोध को याद किया जाएगा.”
एक अन्य किसान ने कहा, “हमें सरकार पर भरोसा है. वे वही करेंगे जो देश के लिए फायदेमंद होगा.” तीन कृषि कानूनों और अन्य संबंधित मुद्दों के खिलाफ अपने विरोध की सफलता का जश्न मनाने के लिए टिकरी सीमा पर किसानों को नाचते देखा गया.
एसकेएम (SKM) ने इससे पहले गुरुवार को केंद्र सरकार से न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर एक समिति बनाने और उनके खिलाफ मामले तुरंत वापस लेने के वादे के साथ एक पत्र प्राप्त करने के बाद अपने साल भर के आंदोलन को स्थगित करने की घोषणा की.
किसान 15 जनवरी को समीक्षा बैठक करेंगे. एसकेएम ने अपने बयान में कहा था, ‘अगर सरकार अपने वादे पूरे नहीं करती है तो हम अपना आंदोलन फिर से शुरू कर सकते हैं.’
बताते चले, 19 नवंबर को, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने घोषणा की कि केंद्र इस महीने के अंत में शुरू होने वाले संसद के शीतकालीन सत्र में कृषि कानूनों को निरस्त करने के लिए आवश्यक विधेयक लाएगा. उसके बाद लोकसभा और राज्यसभा दोनों ने शीतकालीन सत्र के पहले दिन 29 नवंबर को कृषि कानून निरसन विधेयक पारित किया गया. राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद (President Ram Nath Kovind) ने भी तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने की प्रक्रिया को पूरा करने वाले विधेयक को अपनी सहमति दे दी है.