कतर में 8 भारतीयों को सजा-ए-मौत
कतर / नई दिल्ली (TBN – The Bihar Now डेस्क)| अत्यंत रहस्यमय ढंग से कतर की एक अदालत ने गुरुवार को पिछले साल गिरफ्तार किए गए आठ सेवानिवृत्त भारतीय नौसेना कर्मियों (Retired Indian Navy personnel) के लिए मौत की सजा की घोषणा की है.
इस घटना से ‘गहरे सदमे में’ आई भारत सरकार ने कहा है कि वह इस फैसले पर कतर के अधिकारियों को पुनर्विचार करने को कहेगी. कतर के अधिकारियों ने उन लोगों के खिलाफ आरोपों को सार्वजनिक कर दिया है, जो सभी पूर्व भारतीय नौसेना अधिकारी हैं. इसी साल एक अक्टूबर को कतर में भारत के राजदूत ने इन सबों से जेल में मुलाकात की थी.
भारत सरकार का बयान
विदेश मंत्रालय ने कहा है कि हम मौत की सजा सुनाए जाने के फैसले से बेहद स्तब्ध हैं और फैसले के विस्तृत ब्योरे की प्रतीक्षा कर रहे हैं. हम परिवार के सदस्यों और कानूनी दल के संपर्क में हैं. हम इस मामले में सभी कानूनी विकल्पों पर विचार कर रहे हैं. भारत सरकार ने कहा है कि इस मामले की कार्यवाही की गोपनीय प्रकृति के कारण अभी इसपर कोई और टिप्पणी करना उचित नहीं होगा.
बता दें, पिछले साल 30 अगस्त में कतरी खुफिया एजेंसी ने रात के अंधेरे में इन लोगों को उनके घरों से उठाया था. वे कतर में एक रक्षा सेवा प्रदाता कंपनी, दहरा ग्लोबल टेक्नोलॉजीज (Dahra Global Technologies) के लिए काम कर रहे थे. खुफिया एजेंसी ने तब ही से उन सबको एकान्त कारावास में रखा था और उन सबकी जमानत से इनकार कर दिया था. लेकिन अब सबों को मौत की सजा सुनाई गई है. कतरी अधिकारियों ने उन आठ लोगों के परिवारों को उनके हिरासत में लेने का कारण नहीं बताया. डहरा ग्लोबल टेक्नोलॉजीज कतरी नौसेना के प्रशिक्षण में शामिल है.
कौन हैं वे 8 भारतीय ?
जिन 8 भारतीयों को, जो वहां जेल में बंद हैं और सजा-ए-मौत दी गई है, के नाम हैं – कमांडर सुगुनाकर पकाला, कैप्टन नवतेज सिंह गिल, कैप्टन सौरभ वशिष्ठ, कमांडर संजीव गुप्ता, कमांडर अमित नागपाल, कमांडर पूरेनेंदु तिवारी, नाविक रागेश और कैप्टन बीरेंद्र कुमार वर्मा.
दहरा ग्लोबल टेक्नोलॉजीज के लिए काम करने वाले इन सभी लोगों की गिरफ्तारी सबसे पहले एक पूर्व कमांडर की बहन के ट्वीट से सामने आई, जो फर्म में प्रबंध निदेशक भी थी और 2013 से दोहा में कतर के नौसेना कर्मियों को प्रशिक्षण दे रही थी. पिछले साल नवंबर में रिटायर कमांडर पुणेन्दु तिवारी की बहन मीतू भार्गव ने अपने भाई को वापस लाने के लिए सरकार से मदद मांगी थी.
उसने समाचार एजेंसी एएनआई को बताया था, “मैंने 25 अक्टूबर को एक ट्वीट किया और प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी से मेरे भाई को वापस लाने की अपील की जो दोहा, कतर में अवैध हिरासत में है. मेरा भाई एक सेवानिवृत्त नौसेना अधिकारी है और वह अपनी कंपनी डहरा ग्लोबल कंसल्टेंसी सर्विसेज के माध्यम से कतरी नौसेना को प्रशिक्षण देने के लिए वहां गया था.“
2019 में, कतर सरकार की सिफारिश पर पुणेन्दु तिवारी को प्रतिष्ठित प्रवासी भारतीय सम्मान (Pravasi Bharatiya Samman) से सम्मानित किया गया था, जो भारत सरकार द्वारा प्रवासी भारतीयों को दिया जाने वाला सर्वोच्च सम्मान है.
खबरों के अनुसार, परिवार के एक अन्य सदस्य को तब पता चला कि कुछ गड़बड़ है, जब गिरफ्तार किए गए लोगों में से उसके भाई ने उसके जन्मदिन पर बधाई संदेश का जवाब नहीं दिया. जबकि गिरफ्तार लोगों को कांसुलर पहुंच प्रदान की गई थी. कतरी अधिकारियों ने कभी भी सार्वजनिक रूप से यह खुलासा नहीं किया कि अधिकारियों को क्यों उठाया गया था या उन्हें किस आरोप में हिरासत में लिया गया था.
इन लोगों के ख़िलाफ़ आरोपों को औपचारिक रूप से सार्वजनिक नहीं किया गया लेकिन विभिन्न रिपोर्टों में दावा किया गया कि उन पर इज़राइल के लिए जासूसी करने का आरोप लगाया गया था. यह भी अनुमान लगाया जा रहा था कि उनकी हिरासत का किसी अन्य कंपनी के साथ कंपनी की प्रतिद्वंद्विता से कुछ लेना-देना हो सकता है.
मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, डहरा ग्लोबल टेक्नोलॉजीज, जिसने इन सभी आठ भारतीयों को रोजगार दिया था, का स्वामित्व एक कतरी नागरिक के पास था. कतरी सरकार द्वारा उसे भी गिरफ्तार किया गया था, लेकिन बाद में जमानत पर रिहा कर दिया गया था. मीडिया में ऐसी अटकलें थीं कि कतर ने इलेक्ट्रॉनिक संचार को बाधित करने का दावा किया है, जिससे पता चला है कि गिरफ्तार किए गए लोगों ने कतरी नौसेना की इतालवी बौनी पनडुब्बियों की गुप्त परियोजना पर इज़राइल की ओर से जासूसी की थी, जो रडार का पता लगाने से बच सकती थी.
एएनआई के अनुसार, पिछले साल दिसंबर में भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा था कि भारतीय पक्ष लगातार कतर सरकार के संपर्क में है, क्योंकि उन्होंने आश्वासन दिया था कि गिरफ्तार भारतीय देश के लिए प्राथमिकता हैं.
विदेश मंत्री ने राज्यसभा में अपने संबोधन के दौरान कहा, “यह एक बहुत ही संवेदनशील मामला है. उनके हित हमारे लिए सर्वोपरि हैं. राजदूत और वरिष्ठ अधिकारी कतर सरकार के साथ लगातार संपर्क में हैं. हम आश्वस्त करते हैं कि वे हमारी प्राथमिकता हैं.”
समाचार एजेंसी ब्लूमबर्ग ने वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों के हवाले से खबर दी है कि कतर की अदालत ने जिन आठ पूर्व भारतीय नौसेना कर्मियों को मौत की सजा सुनाई है, उन पर जासूसी का आरोप था. ये लोग देश में कतरी नौसेना कर्मियों को प्रशिक्षण दे रहे थे. क़तर की सरकार ने मामले के बारे में कोई विवरण सार्वजनिक नहीं किया है.