तुर्की: 24 घंटे में 3 शक्तिशाली भूकंप, 2300 से ज्यादा की मौत
अंकारा / इस्तांबुल (TBN – The Bihar Now डेस्क)| पिछले लगभग एक सदी में तुर्की और सीरिया में आए अब तक के सबसे शक्तिशाली भूकंप में सोमवार (three earthquakes rocked Turkey and Syria on Monday) को 2,300 से अधिक लोगों की मौत हो गई. जबकि हजारों घायल हो गए. आज आए इस भूकंप को एक सदी से भी अधिक समय में तुर्की में आए सबसे बड़े भूकंपों में से एक माना जा रहा है. बता दें, इससे पहले इतनी अधिक तीव्रता (7.8) वाला भूकंप तुर्की में 1939 में आया था, जब पूर्वी एर्जिंकन प्रांत में 33,000 लोग मारे गए थे.
इस भूकंप को ग्रीनलैंड तक महसूस किया गया. सोमवार सुबह-सुबह आए 7.8-तीव्रता के भूकंप के बाद आए दर्जनों झटकों ने सीरिया के गृहयुद्ध और अन्य संघर्षों से भागे लाखों लोगों से भरे क्षेत्र के प्रमुख तुर्की शहरों के पूरे हिस्से को मिटा दिया है. सीरिया के राष्ट्रीय भूकंप केंद्र के प्रमुख रायद अहमद ने इसे “केंद्र के इतिहास में दर्ज सबसे बड़ा भूकंप” बताया. सुबह आए भूकंप के बाद करीब 50 से अधिक आफ्टरशॉक्स आए, जिनमें 7.5 और 6-तीव्रता के झटके शामिल थे.
कड़ाके की ठंड के मौसम में सूर्योदय से पहले आया 7.8 तीव्रता का भूकंप इस सदी में तुर्की के लिए सबसे बुरा था. इसके बाद दोपहर में 7.7 तीव्रता का एक और बड़ा भूकंप आया. मलबे में से जीवित बचे लोगों की तलाश में बचावकर्मी भारी उपकरण और अपने नंगे हाथों का इस्तेमाल किया. मलबे के नीचे फंसे जिंदा लोग मदद की भीख मांग रहे थे.
यूनाइटेड स्टेट्स जियोलॉजिकल सर्वे (United States Geological Survey) ने बताया कि रिक्टर पैमाने पर 6.0 तीव्रता का तीसरा भूकंप सोमवार को तुर्की के गोकसुन में आया. गोकसुन तुर्की के भूमध्यसागरीय क्षेत्र में कहारनमारस प्रांत का एक शहर और जिला है. यूएसजीएस (USGS) ने कहा कि भूकंप 12:02:11 (UTC) पर आया और सोमवार को तुर्की के गोकसुन से 5 किमी उत्तर पूर्व (NE) में 10 किमी की गहराई में आया. भूकंप का अधिकेंद्र क्रमशः 38.061’N और 36.537’E पर स्थित था.
बता दें, सोमवार को तुर्की के नूरदगी से 26 किमी पूर्व में आए रिक्टर पैमाने पर 7.8 तीव्रता के भूकंप के कुछ ही घंटों बाद तुर्की में 7.5 तीव्रता का भूकंप आया था. सीएनएन के मुताबिक, सोमवार तड़के दक्षिणी तुर्की में 7.8 तीव्रता के घातक भूकंप ने आस-पास के क्षेत्रों के साथ-साथ सीरिया में भी 500 से अधिक लोगों की जान ले ली है.
अनादोलु एजेंसी के अनुसार, कम से कम 1,498 लोग मारे गए हैं और 8,000 से अधिक लोग घायल हुए हैं. ओकटे के अनुसार, तुर्की के 10 शहरों में 1,700 से अधिक इमारतें क्षतिग्रस्त हो गई हैं. एक सदी से भी अधिक समय में तुर्की में आए सबसे बड़े भूकंपों में से एक, इसने पूरे क्षेत्र में कंपन पैदा कर दिया, इमारतें ढह गईं और लोगों को सड़कों पर भागने के लिए मजबूर कर दिया.
इस भयानक भूकंप के बाद दुनिया भर से शोक संवेदनाएं आ रही हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्विटर का सहारा लिया और भारी भूकंप में लोगों की मौत पर शोक व्यक्त किया. तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तईप एर्दोगन ने ट्विटर पर कहा कि भूकंप से प्रभावित क्षेत्रों में “खोज और बचाव दलों को तुरंत भेजा गया”.

इसके अलावा, विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भी ट्वीट किया और तुर्की और सीरिया दोनों को झकझोर देने वाले दुखद भूकंप में लोगों की मौत पर दुख व्यक्त किया. अपने तुर्की समकक्ष मेव्लुट कैवुसोग्लु को अपना समर्थन व्यक्त करते हुए उन्होंने ट्विटर पर लिखा, “तुर्किये में भूकंप में जनहानि और क्षति से गहरा व्यथित हूं.”
सर्दियों के बर्फ़ीले तूफ़ान से बचाव कार्य में बाधा आ रही है. इस बर्फीले तूफान ने प्रमुख सड़कों को बर्फ से ढक दिया है. अधिकारियों ने कहा है कि इस भूकंप ने क्षेत्र में तीन प्रमुख हवाईअड्डों को निष्क्रिय कर दिया है जिससे महत्वपूर्ण सहायता की डिलीवरी और जटिल हो गई है. विशेषज्ञों ने लंबे समय से चेतावनी दी है कि एक बड़ा भूकंप इस्तांबुल को तबाह कर सकता है.